आगराः ताजनगरी के लोहामंडी के जटपुरा स्थित प्राचीन श्रीराम चंद्रजी महाराज मंदिर से मंगलवार की देर शाम दशहरा पर शोभायात्रा निकाली गई. इस आयोजन का उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने किया. घोड़े पर राम और भरत को देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. वहीं राम और भरत का दृष्य देखकर लोगों को त्रेतायुग की याद आ गई. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी.
आगरा में दशहरा पर शोभायात्रा
आगरा में विजय दशमी के पर्व पर लोहामंडी स्थित जटपुरा श्री राम मंदिर से मंगलवार देर शाम भव्य शोभायात्रा निकाली गई. इस शोभायात्रा में पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने भगवान के स्वरूपों की आरती उतार कर उद्घाटन किया. मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि लोहामंडी के जटपुरा स्थित श्रीराम मंदिर में कई सालों से विजय दशमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. "हमारे पूर्वजों ने दशहरा शोभायात्रा की नींव रखी थी. आज देश मे पश्चिमी सभ्यता का बोलबाला है. बच्चें आज हैरी पॉटर, टॉम एंड जेरी और मिकी माउस को जानते हैं. लेकिन श्री राम जी और उनके पिता और माता के बारे में पूछा जाए तो उन्हें रामायण और भागवत का कोई ज्ञान नही हैं. देश में सनातनी पद्धति को जागृत करने के लिए ही अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है. वह हमारी संस्कृति का प्रतीक है".
श्री राम के लिए भरत ने त्याग दिया घोड़ा
दशहरा शोभायात्रा में हर साल आरती के बाद मंदिर प्रांगण से घोड़े पर बैठकर प्रभु श्री राम की निकासी होती हैं. लेकिन लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के घोड़ी पर सवार होकर निकलने के बाद भगवान राम काफी देर तक मंच पर बैठे रहे. काफी देर तक घोड़ा न पहुंचने पर राम जी परेशान होने लगे. यह देखकर उनके छोटे भाई भरत ने अपना घोड़ा त्याग दिया. इसके बाद श्री राम घोड़े पर सवार होकर रथ तक पहुंचे. इस दौरान भरत पैदल ही रथ की ओर रवाना हो गए. यह देख कर रामलीला समिति के पदाधिकारियों ने स्कूटी का प्रबंध किया. जहां स्कूटी पर सवार होकर भरत रथ तक पहुंचे. यहां भाई के लिए भरत का त्याग देखकर वहां मौजूद लोग भी प्रफुल्लित हो गए.
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