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डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी 95वां स्थापना दिवस: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और अटल बिहारी सहित इन हस्तियों ने पाई शिक्षा, पढे़ं गौरवमयी इतिहास - आगरा खबर

डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी (आगरा विश्वविद्यालय) का 95वां स्थापना दिवस 1 जुलाई को आयोजित किया जा रहा है. इस यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र वर्तमान में अलग-अलग क्षेत्रों में नाम कमा रहे हैं. सालों बाद भी यूनिवर्सिटी से मिली उपलब्धियां और यादें आज भी उनके जेहन में ताजा हैं. इन 95 साल में अब तक आगरा विश्वविद्यालय के 46 कुलपति रहे हैं.

डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी.
डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी.
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Published : Jul 1, 2021, 8:36 AM IST

आगरा: आगरा विश्वविद्यालय (Agra university) यानी डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय अपने सफर की एक शताब्दी के नजदीक पहुंच गया है. अंग्रेजों के जमाने में किराए के भवन में शुरू हुआ आगरा विश्वविद्यालय (Agra university) 1 जुलाई 2021 को अपना 95वां स्थापना दिवस मना रहा है. इन 95 साल में अब तक आगरा विश्वविद्यालय के 46 कुलपति रहे हैं. विवि का इतिहास जितना प्राचीन है, उतना ही गौरवशाली भी है. पहले इस विवि का विस्तार क्षेत्र गुजरात और कोलकाता तक था. राष्ट्रपति, पीएम, सीएम सहित देश के तमाम अहम पदों पर इस विवि के छात्र रहे हैं. ईटीवी भारत आज अपनी स्पेशल खबर में डाॅ. भाीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास की दास्तां लेकर आया है.

स्पेशल रिपोर्ट.

सन 1927 में स्थापना हुई थी
इतिहासकार राजकिशोर राजे का कहना है कि 1 जुलाई 1927 को आगरा विश्वविद्यालय (Agra university) की स्थापना की हुई थी. तब भरतपुर हाउस स्थित एक किराए के मकान में विश्वविद्यालय संचालित होना शुरू हुआ था. आगरा विश्वविद्यालय के पहले कुलपति केनन ए. डब्ल्यू डेविस और पहले कुलाधिपति सर विलियम सिंक्लेयर मैरिस थे. आगरा विश्वविद्यालय (Agra university) को सन 1933 में अपना भवन मिला था. उस समय विश्वविद्यालय को पालीवाल पार्क में नए भवन में शिफ्ट किया था.

गुजरात और कोलकाता तक था विस्तार क्षेत्र
डॉ. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल का कहना है कि जब आगरा विश्वविद्यालय खुला था. उस समय नाॅर्दन इंडिया में एक ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय हुआ करती थी. आगरा विश्वविद्यालय सामान्यत एफिलेटिड विश्वविद्यालय थी. यहां पर इनकैंपस कोई पढाई नहीं थी. जितने भी काॅलेज थे. वे आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध थे. आगरा विश्वविद्यालय का सफर महज 14 कॉलेजों से शुरू हुआ था. उस समय आगरा विश्वविद्यालय का विस्तार क्षेत्र पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड तक था. उस दौरान आगरा काॅलेज, आरबीएस काॅलेज, सेंट जोंस काॅलेज, मेरठ काॅलेज समेत तमाम बडे काॅलेज जुड़े थे. आगरा विश्वविद्यालय से ही बाद में अलग होकर अन्य विवि बने. अब आगरा और अलीगढ मंडल के 1100 कालेज संबद्ध हैं. यहां पर कला, विज्ञान, वाणिज्य और कानून के संकायों की संख्या बढ़कर अब 13 हो गई है. विवि में सबसे पहले आवासीय परिसर के रूप में सन 1953 में केएमआई की स्थापना हुई थी. इसके बाद सन 1957 में समाज विज्ञान संस्थान और 1968 में गृह विज्ञान संस्थान की स्थापना की गई.

सन 1996 में बदला गया नाम
आगरा विश्वविद्यालय (Agra university) के नाम को लेकर भी खूब राजनीति हुई है. अंग्रेजों के जमाने के आगरा विश्वविद्यालय का नाम सन 1996 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने बदल दिया था. पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीम मायावती ने आगरा विश्वविद्यालय का नाम बदल कर डाॅ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय किया था. इसके बाद विधानसभा में इस नाम में संशोधन किया गया है. अब इस विवि का पूरा नाम डाॅ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल आए
राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) पहली बार आगरा 5 दिसंबर 2017 को आए थे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 83वां दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि रहे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं. इस दीक्षांत समारोह में यहां के पूर्व छात्र रहे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था. इस अवसर पर तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक समेत सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी समारोह में मौजूद रहे थे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 83वां दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 83वां दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि.

ये हैं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र
इतिहासकार राज किशोर राजे का कहना है कि आगरा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली है. यहां के पूर्व छात्रों ने देश और दुनियां में खूब नाम कमाया. आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी, देश के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, फिल्म अभिनेता राजबब्बर, यूजीसी के वर्तमान चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह पूर्व छात्र रहे हैं. डाॅ. बीआर आंबेडकर विवि के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल का कहना है कि, मैं भी विवि का पूर्व छात्र हूं. पुराने बहुत से आईएएस और आईपीएस अफसर आगरा विवि के छात्र रहे हैं. कैग के कंट्रोलर भी आगरा विवि के पुराने छात्र रहे हैं.

डिजिटिलाइजेशन पर जोर
किसी विवि की पहचान उसके शैक्षिक स्तर से होती है. मेरी यही कोशिश है कि, शैक्षिक स्तर सुधारा जाए. इसलिए कोरोना काल में लगातार वेबिनार कराई जा रही हैं. जिससे फैकल्टी माॅटीवेट हो. इस साल विवि की फैकल्टी को 8 प्रोजेक्ट मिले हैं. जिन पर रिसर्च चल रहा है. विवि में डिजिटिलाइजेशन पर जोर दिया जा रहा है. कुछ विभाग में ऑनलाइन काम के लिए कम्प्यूटराइज कराया जा रहा है. जिससे पादर्शिता के साथ ही काम की सुचिता भी बनी रहेगी.

इसे भी पढे़ं- आगरा विश्वविद्यालय दूसरे चरण में वितरित करेगा सवा लाख मार्कशीट

आगरा: आगरा विश्वविद्यालय (Agra university) यानी डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय अपने सफर की एक शताब्दी के नजदीक पहुंच गया है. अंग्रेजों के जमाने में किराए के भवन में शुरू हुआ आगरा विश्वविद्यालय (Agra university) 1 जुलाई 2021 को अपना 95वां स्थापना दिवस मना रहा है. इन 95 साल में अब तक आगरा विश्वविद्यालय के 46 कुलपति रहे हैं. विवि का इतिहास जितना प्राचीन है, उतना ही गौरवशाली भी है. पहले इस विवि का विस्तार क्षेत्र गुजरात और कोलकाता तक था. राष्ट्रपति, पीएम, सीएम सहित देश के तमाम अहम पदों पर इस विवि के छात्र रहे हैं. ईटीवी भारत आज अपनी स्पेशल खबर में डाॅ. भाीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास की दास्तां लेकर आया है.

स्पेशल रिपोर्ट.

सन 1927 में स्थापना हुई थी
इतिहासकार राजकिशोर राजे का कहना है कि 1 जुलाई 1927 को आगरा विश्वविद्यालय (Agra university) की स्थापना की हुई थी. तब भरतपुर हाउस स्थित एक किराए के मकान में विश्वविद्यालय संचालित होना शुरू हुआ था. आगरा विश्वविद्यालय के पहले कुलपति केनन ए. डब्ल्यू डेविस और पहले कुलाधिपति सर विलियम सिंक्लेयर मैरिस थे. आगरा विश्वविद्यालय (Agra university) को सन 1933 में अपना भवन मिला था. उस समय विश्वविद्यालय को पालीवाल पार्क में नए भवन में शिफ्ट किया था.

गुजरात और कोलकाता तक था विस्तार क्षेत्र
डॉ. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल का कहना है कि जब आगरा विश्वविद्यालय खुला था. उस समय नाॅर्दन इंडिया में एक ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय हुआ करती थी. आगरा विश्वविद्यालय सामान्यत एफिलेटिड विश्वविद्यालय थी. यहां पर इनकैंपस कोई पढाई नहीं थी. जितने भी काॅलेज थे. वे आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध थे. आगरा विश्वविद्यालय का सफर महज 14 कॉलेजों से शुरू हुआ था. उस समय आगरा विश्वविद्यालय का विस्तार क्षेत्र पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड तक था. उस दौरान आगरा काॅलेज, आरबीएस काॅलेज, सेंट जोंस काॅलेज, मेरठ काॅलेज समेत तमाम बडे काॅलेज जुड़े थे. आगरा विश्वविद्यालय से ही बाद में अलग होकर अन्य विवि बने. अब आगरा और अलीगढ मंडल के 1100 कालेज संबद्ध हैं. यहां पर कला, विज्ञान, वाणिज्य और कानून के संकायों की संख्या बढ़कर अब 13 हो गई है. विवि में सबसे पहले आवासीय परिसर के रूप में सन 1953 में केएमआई की स्थापना हुई थी. इसके बाद सन 1957 में समाज विज्ञान संस्थान और 1968 में गृह विज्ञान संस्थान की स्थापना की गई.

सन 1996 में बदला गया नाम
आगरा विश्वविद्यालय (Agra university) के नाम को लेकर भी खूब राजनीति हुई है. अंग्रेजों के जमाने के आगरा विश्वविद्यालय का नाम सन 1996 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने बदल दिया था. पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीम मायावती ने आगरा विश्वविद्यालय का नाम बदल कर डाॅ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय किया था. इसके बाद विधानसभा में इस नाम में संशोधन किया गया है. अब इस विवि का पूरा नाम डाॅ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल आए
राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) पहली बार आगरा 5 दिसंबर 2017 को आए थे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 83वां दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि रहे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं. इस दीक्षांत समारोह में यहां के पूर्व छात्र रहे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था. इस अवसर पर तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक समेत सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी समारोह में मौजूद रहे थे.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 83वां दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 83वां दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि.

ये हैं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र
इतिहासकार राज किशोर राजे का कहना है कि आगरा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली है. यहां के पूर्व छात्रों ने देश और दुनियां में खूब नाम कमाया. आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी, देश के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, फिल्म अभिनेता राजबब्बर, यूजीसी के वर्तमान चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह पूर्व छात्र रहे हैं. डाॅ. बीआर आंबेडकर विवि के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल का कहना है कि, मैं भी विवि का पूर्व छात्र हूं. पुराने बहुत से आईएएस और आईपीएस अफसर आगरा विवि के छात्र रहे हैं. कैग के कंट्रोलर भी आगरा विवि के पुराने छात्र रहे हैं.

डिजिटिलाइजेशन पर जोर
किसी विवि की पहचान उसके शैक्षिक स्तर से होती है. मेरी यही कोशिश है कि, शैक्षिक स्तर सुधारा जाए. इसलिए कोरोना काल में लगातार वेबिनार कराई जा रही हैं. जिससे फैकल्टी माॅटीवेट हो. इस साल विवि की फैकल्टी को 8 प्रोजेक्ट मिले हैं. जिन पर रिसर्च चल रहा है. विवि में डिजिटिलाइजेशन पर जोर दिया जा रहा है. कुछ विभाग में ऑनलाइन काम के लिए कम्प्यूटराइज कराया जा रहा है. जिससे पादर्शिता के साथ ही काम की सुचिता भी बनी रहेगी.

इसे भी पढे़ं- आगरा विश्वविद्यालय दूसरे चरण में वितरित करेगा सवा लाख मार्कशीट

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