आगरा: जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने हरीपर्वत स्थित रवि हॉस्पिटल के खिलाफ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है. रवि हॉस्पिटल को कोविड-19 अस्पताल की सूची से भी बाहर कर दिया गया है. दरअसल, एक मरीज के परिजनों ने रवि अस्पताल पर कोरोना मरीज के इलाज के दौरान लाखों रुपये ऐंठने का आरोप लगाया था, जिसके बाद जिलाधिकारी ने यह कार्रवाई की.
क्या है मामला
जिले में अरुण कंसल की मौत 28 अप्रैल को कोरोना से हो गई थी. उन्हें कुछ दिनों पहले इलाज के लिए रवि हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. मृतक अरुण कंसल के परिजनों ने डीएम प्रभु एन सिंह से रवि हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने रवि हॉस्पिटल पर सरकार द्वारा निर्धारित रेट से अधिक धनराशि वसूलने का आरोप लगाया है.
रवि हॉस्पिटल पर 9 लाख 60 हजार वसूलने का आरोप
अरुण कंसल तकरीबन 19 दिन वेंटिलेटर पर रहे थे, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ था. जिसके कारण 28 अप्रैल को रवि हॉस्पिटल में उनकी मौत हो गई. रवि हॉस्पिटल प्रबंधन ने मृतक अरुण कंसल के परिजनों को 9 लाख 60 हजार 121 रुपए का बिल थमा दिया था. इसमें 4 लाख 65 हजार 876 रुपए सिर्फ दवाइयों का था.
रवि हॉस्पिटल के संचालक ने रखा पक्ष
रवि हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर रवि पचौरी ने इस मामले में अपनी सफाई पेश की. उन्होंने बताया कि मृतक अरुण कंसल का हेल्थ बीमा था. बीमा के मामले में सरकार द्वारा निर्धारित रेट की बाध्यता नहीं है. वह बीमा के क्लेम पर निर्धारित होता है. मरीज 19 दिन वेंटिलेटर पर रहा था. उसकी मौत के बाद 6 लाख रुपये का चेक दिया गया था, जिसका पेमेंट भी रोक दिया गया है. इसको लेकर मृतक के परिजनों को नोटिस भेजा गया था, जिसके चलते यह शिकायत की गई है.
डीएम ने रवि हॉस्पिटल पर लगाई रोक
डीएम प्रभु एन सिंह ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए रवि हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की है. उन्होंने कोविड अस्पताल की सूची से रवि हॉस्पिटल को हटा दिया है. अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को जल्द दूसरी जगह शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अरुण कंसल के मामले में रवि हॉस्पिटल से स्पष्टीकरण मांगा है.
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