आगरा: आगरा जिला अस्पताल में जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से तीमारदार और मरीजों की जान पर खतरा मंडरा रहा है. जिला अस्पताल में चार साल पहले पानी की टंकी को जर्जर घोषित कर दिया था. लेकिन, अभी तक गिराया नहीं गया है. अब टंकी का एक पिलर ढहने वाला है. ऐसे में अगर टंकी गिरती है तो बड़ा हादसा हो सकता है. अधिकारी एक से दूसरे ऑफिस में सिर्फ पत्राचार करने में जुटे हैं. किसी का भी इस तरफ ध्यान नहीं है.
आगरा जिला अस्पताल (Agra District Hospital) में सन् 1960 में 10 हजार लीटर की क्षमता वाली पानी की टंकी (उच्च जलाशय) का निर्माण कराया गया था. यह टंकी अब क्षतिग्रस्त हो गई है. लीकेज और अन्य वजह से 4 साल पहले ही इसे जर्जर घोषित किया था. लेकिन, टंकी को अभी तक ढहाया नहीं गया है. टंकी से सीमेंट, ईंट और अन्य सामग्री धीरे-धीरे गिर रहे हैं.
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आगरा जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अशोक अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल परिसर में बनी पानी की टंकी जर्जर (Dilapidated water tank in agra district hospital) है. जिसे निष्प्रयोज्य घोषित किया जा चुका है. इस पानी की टंकी को ढहाया जाना है. इसको लेकर लगातार विभाग के संबंधित अधिकारियों से पत्राचार किया जा रहा है. हर बार बड़ा हादसा होने की संभावना भी पत्राचार में जताई जाती है. क्योंकि, जिला अस्पताल में हर दिन 4 हजार से ज्यादा की ओपीडी रहती है.
मरीजों के साथ तीमारदार भी आते हैं. इसके साथ ही जिस जगह पर पानी की टंकी क्षतिग्रस्त हालत में मौजूद है. उसके पास में ही कुपोषित बच्चों को उपचार के लिए भर्ती करने का वार्ड भी है. दूसरी ओर रोजगार कार्यालय का भवन है. यदि टंकी धराशाई होती है तो उसके मलबे की चपेट में रोजगार कार्यालय का भवन और कुपोषित बच्चों का वार्ड भी आ सकता है. दोनों ही जगह में खूब भीड़ रहती है. जिससे वार्ड में भर्ती मरीज, तीमारदार के साथ ही रोजगार कार्यालय में मौजूद लोगों की जान (People in danger dilapidated tank in Agra) पर खतरा बना हुआ है. लेकिन, अभी तक जर्जर टंकी को ढहाने का कोई आदेश नहीं आया है.
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