आगरा : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर गाजीपुर से आए कलाकारों ने धोबिया नृत्य से धमाल मचा दिया. धोबिया नृत्य एक प्रसिद्ध विधा है, जो राजा महाराजाओं के समय पर प्रस्तुत की जाती थी. यह धोबी समाज का नृत्य कहा जाता है.
धोबिया नृत्य से माचाया धमाल -
- ईटीवी से खास बातचीत में धोबिया नृत्य ग्रुप के मुखिया जीवनराम ने बताया कि वह धोबी समाज से हैं.
- यह धोबी समाज का नृत्य है. मुझे भी विरासत में इस नृत्य की विधा सीखने को मिली थी.
- यह नृत्य राजाओं-महाराजाओं के समय पर दरबार में प्रस्तुत किया जाता था.
- यह विधा विलुप्त होती जा रही है.
- इस नृत्य में उपयोग किए जाने वाले वाद्य यंत्र भी बहुत ही अहम हैं.
- इसमें मृदंगम है, पखावज है, कसावर है, दंडताल है, रणसिंघा है, जो युद्ध के समय बजाया जाता था.
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ये वाद्य यंत्र जहां लोगों के मन और दिमाग में वीर रस घोलते हैं. तो वहीं धोबिया नृत्य में श्रृंगार और हास्य रस भी खूब देखने को मिलता है.