आगरा: ताजगंज थाना पुलिस ने शनिवार देर शाम बहुचर्चित बैंक प्रबंधक सचिन उपाध्याय हत्याकांड के नामजद दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों बाप-बेटी सचिन की हत्या के बाद से फरार चल रहे थे. पुलिस का शिकंजा कसता देख आरोपी पिता और बेटी भूमिगत हो गए थे. पुलिस अधिकारी दोनों से गोपनीय स्थान पर सचिन उपाध्याय हत्याकांड के बारे में पूछताछ कर रही है. इसके साथ ही एक अज्ञात आरोपी की तलाश में पुलिस अभी छापेमारी कर रही है.
ताजगंज थाना क्षेत्र की रामरघु एग्जॉटिका कालोनी निवासी सचिन उपाध्याय की 11 अक्टूबर को गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी. हत्या से पहले उन्हें जलाया भी गया था. सचिन उपाध्याय के पिता ने ताजगंज थाना पुलिस में अपने ही बेटे की पत्नी प्रियंका रावत, ससुर बिजेंद्र रावत और साले कृष्णा रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें एक अज्ञात आरोपी भी शामिल था.
पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद नामजद कृष्णा रावत को सचिन उपाध्याय की हत्या में 20 अक्तूबर को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. रविवार को पुलिस हत्याकांड से जुड़े अनसुलझे सवालों के जवाब सुलझाकर दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि भी कर सकते हैं. पुलिस दोनों को हिरासत में लेने की बात बता रही है. मगर, कहां से पुलिस ने आरोपी पिता और बेटी को कहां से गिरफ्तार किया है. इस बात की पुष्टि अभी नहीं की गई है.
पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह के निर्देश पर ताजगंज थाना पुलिस ने शहर के बहुचर्चित सचिन उपाध्याय हत्याकांड में पहले ही साक्ष्य जुटा चुकी है. डीसीपी सिटी सूरज राय ने पुलिस टीम के साथ फरार नामजद आरोपी कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजेंद्र रावत और उनकी बेटी प्रियंका रावत की तलाश में पुलिस की कई टीमें छापेमारी कर रही थी. सर्विलांस की मदद से पुलिस को सूचना मिली कि, हत्या में नामजद कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजेंद्र रावत और उनकी बेटी प्रियंका रावत की लोकेशन प्रयागराज में है.. इस पर एक टीम प्रयागराज पहुंच गई. जहां पर शनिवार की शाम पुलिस टीम ने हत्या के मुकदमे में नामजद बाप और बेटी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस दोनों से गोपनीय स्थान पर पूछताछ कर रही है.
प्रियंका अस्पताल में भर्ती होने के बाद हुई थी फरार
पुलिस के मुताबकि, प्रियंका रावत ने कई बार गुमराह करने के हर संभव प्रयास किया था. पहले उसने पति सचिन की हत्या को आत्महत्या बताया था. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या का खुलासा हुआ. इतना नहीं, पति की हत्या के बाद ससुरालीजनों के खिलाफ दहेज उत्पीडन का मुकदमा भी दर्ज करा दिया था. इसके बाद अस्पताल में भर्ती हो गई. 18 अक्तूबर को महिला थाना पुलिस ने अस्पताल में पहुंच कर दहेज उत्पीडन के मामले में बयान भी दर्ज कराया. 20 अक्तूबर को भाई की गिरफ्तारी की खबर लगते ही प्रियंका रावत अस्पताल से फरार हो गई थी.
इन सवालों के जवाब खोज रही पुलिस
बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय हत्याकांड में पुलिस तमाम सवालों के जवाब खोज रही है. जिसमें सचिन का गला किसने दबाया. उस दिन किस बात पर विवाद हुआ. किसने विवाद शुरू किया था. हत्या से पहले किससे सचिन को जलाया था. इसके बाद खुदकुशी की सूचना देनी की प्लानिंग किसकी थी. मौत पहले ही हो चुकी थी तो शव को हॉस्पिटल लेकर क्यों गए थे, इससे क्या साबित करना चाहते थे.
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