आगरा: ताजनगरी में यमुना नदी पर बने आंबेडकर पुल में एक बार फिर दरार आ गई है. यह पुल बेलनगंज से एत्मादउद्दौला को जोड़ता है. इससे प्रतिदिन लगभग 15 हजार से ज्यादा हल्के और भारी वाहन गुजरते हैं. जिला प्रशासन और राज्य सेतु निगम के अधिकारियों की माने तो वाहनों के अधिक दबाव के चलते पुल में बार-बार दरार आ रही है. चार साल बाद एक बार फिर आरसीसी का लिंटर खुलने के साथ ही दो एक्सपेंशन ज्वाइंट जर्जर हो गए हैं. इन्हें बदलने का काम किया जा रहा है.
बता दें कि यमुना पर स्ट्रेची ब्रिज के पास 650 मीटर लंबा आंबेडकर ब्रिज (पुल) है. इसका शिलान्यास 9 अक्टूबर, 2008 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने किया था. राज्य सेतु निगम ने आंबेडकर पुल को 30 करोड़ की लागत से 18 पिलर और 22 एक्सपेंशन ज्वाइंट से तैयार किया था. इस पुल को वाटरवर्क्स चौराहे पर लगने वाले जाम से निजात और वैकल्पिक मार्ग के रूप में हल्के वाहनों की आवाजाही के लिए बनाया गया था. यमुना ब्रिज घाट पर सीमेंट डिपो होने से आंबेडकर पुल से भारी वाहन गुजरते हैं. इससे पुल पर दबाव बढ़ा है. वर्ष 2016 में आंबेडकर पुल क्षतिग्रस्त होने पर मरम्मत के लिए 10 दिन बंद रहा था. इस मरम्मत में 30 लाख रुपये का खर्चा राज्य सेतु निगम ने दिखाया था.
एडीएम सिटी डॉ. प्रभाकांत अवस्थी ने बताया कि राज्य सेतु निगम की ओर से आंबेडकर पुल में आई दरार को ठीक करने के लिए यातायात रोकने की अनुमति ली गई है. अनुमति के आधार पर आंबेडकर पुल की मरम्मत की जा रही है. जब उनसे यह सवाल किया गया, कि बार-बार इस पुल में दरार आती हैं तो उन्होंने कहा कि इस बारे में राज्य सेतु निगम के अधिकारियों का कहना है कि यातायात का दबाव होने की वजह से बार-बार पुल क्षतिग्रस्त हो रहा है.
आंबेडकर पुल का बार-बार क्षतिग्रस्त होना निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है. राज्य सेतु निगम के आंकड़ों के मुताबिक, बीते दस साल में य़ह पुल 18 बार क्षतिग्रस्त हुआ है. जिसे दुरस्त करने में करीब डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम खर्च हुई है.