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दारोगा मर्डर केस: आरोपी विश्वनाथ को पुलिस मुठभेड़ मामले में मिली जमानत, जेल से नहीं मिलेगी छुट्टी

चर्चित प्रशांत यादव दारोगा हत्याकांड का आरोपी विश्वनाथ आगरा की जिला जेल में बंद है. आरोपी विश्वनाथ को विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र परवेंद्र कुमार ने पुलिस टीम पर जानलेवा हमले के मामले में जमानत दे दी है. फिलहाल दारोगा हत्याकांड का आरोपी विश्वनाथ जेल में बंद रहेगा.

दारोगा मर्डर केस
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Published : Aug 20, 2021, 9:25 PM IST

आगरा : खंदौली थाना क्षेत्र के नहर्रा गांव में हुई दारोगा प्रशांत यादव की हत्या के आरोपी विश्वनाथ की जमानत मंजूर हो गई है. विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र परवेंद्र कुमार ने आरोपी की रिहाई के आदेश दिए हैं. बता दें, कि आरोपी विश्वनाथ पर जैतपुर थाने में पुलिस टीम पर जानलेवा हमले के मामले में अभियोग पंजीकृत है.

दारोगा प्रशांत यादव की हत्या का आरोपी विश्वनाथ अभी आगरा की जिला जेल में बंद है. आरोपी ने वरिष्ठ अधिवक्ता प्रकाश नारायण शर्मा के जरिए जैतपुर थाने में दर्ज पुलिस पर हमले के मामले में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया था. आरोपी के प्रार्थना पत्र पर विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र परवेंद्र कुमार ने सुनवाई की. न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलील के आधार पर आरोपी विश्वनाथ की जमानत स्वीकृत करने के निर्देश दिए हैं.

क्या है पूरा मामला ?

आगरा जनपद के खंदौली थाना क्षेत्र में 24 मार्च 2021 को आपसी विवाद सुलझाने गए दारोगा प्रशांत यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. दारोगा प्रशांत यादव मूल रूप से बुलंदशहर जिले के छतारी गांव के निवासी थे. दारोगा प्रशांत यादव की तैनाती खंदौली थाने में थी. वह वर्ष 2015 में यूपी पुलिस में दारोगा पद पर भर्ती हुए थे. आरोप है, कि नहर्रा गांव में सगे भाई विश्वनाथ और शिवनाथ का जमीनी विवाद सुलझाने गए दारोगा प्रशांत यादव की विश्वनाथ में गोली मारकर हत्या कर दी थी.

घटना के बाद हत्यारोपी विश्वनाथ फरार हो गया था. जिसके बाद पुलिस ने 27 मार्च 2021 को जैतपुर थाना क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान विश्वनाथ को पकड़ा था. मुठभेड़ में विश्वनाथ ने पुलिस टीम पर फायरिंग करके भागने की कोशिश की थी. पुलिस की जबावी फायरिंग में विश्वनाथ घायल हो गया था. जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था, गिरफ्तारी के समय आरोपी के पास 2 तमंचे और एक बाइक बरामद हुई थी.

दरअसल, खंदौली थाना क्षेत्र के अंतर्गत नहर्रा गांव निवासी दो सगे भाइयों शिवनाथ और विश्वनाथ की बीच 7 बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. शिवनाथ को उसके पिता विजय सिंह ने पट्टे पर 7 बीघा खेत दिया था. जिनमें शिवनाथ ने आलू की बुवाई की थी. आलू की खुदाई करने का विश्वनाथ ने विरोध किया था और गोली मारने की धमकी दी थी. इसी विवाद में दारोगा प्रशांत यादव की हत्या कर दी गई थी.

इसे पढ़ें- दारोगा मर्डर केस: आरोपी विश्वनाथ के संपत्ति की होगी जांच

आगरा : खंदौली थाना क्षेत्र के नहर्रा गांव में हुई दारोगा प्रशांत यादव की हत्या के आरोपी विश्वनाथ की जमानत मंजूर हो गई है. विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र परवेंद्र कुमार ने आरोपी की रिहाई के आदेश दिए हैं. बता दें, कि आरोपी विश्वनाथ पर जैतपुर थाने में पुलिस टीम पर जानलेवा हमले के मामले में अभियोग पंजीकृत है.

दारोगा प्रशांत यादव की हत्या का आरोपी विश्वनाथ अभी आगरा की जिला जेल में बंद है. आरोपी ने वरिष्ठ अधिवक्ता प्रकाश नारायण शर्मा के जरिए जैतपुर थाने में दर्ज पुलिस पर हमले के मामले में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया था. आरोपी के प्रार्थना पत्र पर विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र परवेंद्र कुमार ने सुनवाई की. न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलील के आधार पर आरोपी विश्वनाथ की जमानत स्वीकृत करने के निर्देश दिए हैं.

क्या है पूरा मामला ?

आगरा जनपद के खंदौली थाना क्षेत्र में 24 मार्च 2021 को आपसी विवाद सुलझाने गए दारोगा प्रशांत यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. दारोगा प्रशांत यादव मूल रूप से बुलंदशहर जिले के छतारी गांव के निवासी थे. दारोगा प्रशांत यादव की तैनाती खंदौली थाने में थी. वह वर्ष 2015 में यूपी पुलिस में दारोगा पद पर भर्ती हुए थे. आरोप है, कि नहर्रा गांव में सगे भाई विश्वनाथ और शिवनाथ का जमीनी विवाद सुलझाने गए दारोगा प्रशांत यादव की विश्वनाथ में गोली मारकर हत्या कर दी थी.

घटना के बाद हत्यारोपी विश्वनाथ फरार हो गया था. जिसके बाद पुलिस ने 27 मार्च 2021 को जैतपुर थाना क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान विश्वनाथ को पकड़ा था. मुठभेड़ में विश्वनाथ ने पुलिस टीम पर फायरिंग करके भागने की कोशिश की थी. पुलिस की जबावी फायरिंग में विश्वनाथ घायल हो गया था. जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था, गिरफ्तारी के समय आरोपी के पास 2 तमंचे और एक बाइक बरामद हुई थी.

दरअसल, खंदौली थाना क्षेत्र के अंतर्गत नहर्रा गांव निवासी दो सगे भाइयों शिवनाथ और विश्वनाथ की बीच 7 बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. शिवनाथ को उसके पिता विजय सिंह ने पट्टे पर 7 बीघा खेत दिया था. जिनमें शिवनाथ ने आलू की बुवाई की थी. आलू की खुदाई करने का विश्वनाथ ने विरोध किया था और गोली मारने की धमकी दी थी. इसी विवाद में दारोगा प्रशांत यादव की हत्या कर दी गई थी.

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