आगरा: शिक्षा विभाग में लाख कोशिश के बाद भी भ्रष्टाचार नहीं रुक रहा है. लगातार अधिकारियों के एरियर बिल भुगतान और अन्य तमाम तरीकों से अवैध वसूली होती है. कमिश्नर अमित गुप्ता ने भ्रष्टाचार की शिकायतों पर एबीएसए फतेहाबाद वीरेंद्र शर्मा का वेतन रोककर जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ए. मणिकंडन ने बिल लिपिक को निलंबित कर दिया है. इससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है.
बता दें कि एबीएसए फतेहाबाद वीरेंद्र शर्मा और लिपिक राजेश कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं. आरोप था कि एबीएसए वीरेंद्र शर्मा और लिपिक राजेश कुमार अपने मुख्यालय पर नहीं जाते हैं. दोनों दलालों के माध्यम से अवैध वसूली कर रहे हैं. उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ की ओर से भी यही शिकायत की गई थी. इसमें एरियर बिल के लिए अवैध वसूली का आरोप लगाया गया था.
यह भी पढ़ें: तबादलों की गड़बड़ी विवाद में घिरे जितिन प्रसाद ने खेला ब्राह्मण कार्ड, परशुराम तीर्थ सर्किट का प्रस्ताव
उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ की शिकायत की जांच जिला विकास अधिकारी से कराई गई. इसमें एबीएसए वीरेंद्र शर्मा और बिल लिपिक राजेश कुमार दोषी पाए गए. इस पर सीडीओ ए. मणिकंडन ने बिल लिपिक राजेश कुमार को निलिंबित कर दिया. इसके साथ ही कमिश्नर अमित गुप्ता के आदेश पर डीएम प्रभु नारायण सिंह ने अग्रिम आदेशों तक एबीएसए वीरेंद्र शर्मा का वेतन रोककर स्पष्टीकरण तलब किया है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप