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सर्दी के मौसम सितम ढाएगा कोरोना, भाप बनेगी हथियार...

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Published : Oct 9, 2020, 3:58 PM IST

आने वाले सर्दी के दिनों में कोरोना और भी घायक हो सकता है. इसके लिए आगरा जिले में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सभी अधिकारियों को आगाह किया है. ऐसे में बजट की डिमांड के साथ ही अधिकारी तैयारी में जुट गए हैं.

चिकित्सा अधिकारियों को किया गया आगाह.
चिकित्सा अधिकारियों को किया गया आगाह.

आगरा: ताजनगरी में कोरोना संक्रमण का कहर बढ़ता ही जा रहा है. जिला अस्पताल के साथ ही 25 स्टैटिक बूथ और 17 मोबाइल टीमें जिले के शहरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में हर दिन संदिग्धों की जांच के लिए सैंपल इकट्ठा कर रही है. जिले में अब तक 2 लाख से ज्यादा लोगों के सैंपल लिए गए, जिसमें 6 हजार से ज्यादा लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई. अभी तक कोरोना के चलते 128 मरीजों की मौत हो चुकी है.

स्पेशल रिपोर्ट.

अभी तक सर्दी, खांसी, गले में खराश और बुखार के लक्षण वाले लोग ही कोरोना संक्रमित मिलते थे. लेकिन अब उल्टी और दस्त से पीड़ित मरीजों की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आ रही है. ऐसे में कोरोना वायरस सर्दी में और भी कहर बरपा सकता है. इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन तैयारियों में जुट गया है.

इस खतरे को देखते हुए मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में कोरोना घातक हो सकता है, इसलिए सभी अधिकारी अभी से तैयार रहें. सर्दी के दिनों में कोरोना संक्रमण से जंग लड़ने में भाप हथियार बनेगी. होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों को दिन में चार से पांच बार भाप लेनी होगी, ताकि फेफड़ों की सूजन कम हो और फेफड़ों का भी व्यायाम होगा.

उल्टी-दस्त से पीड़ित निकल रहे संक्रमित
एसएन मेडिकल कॉलेज की ट्राएज ओपीडी में हर दिन दो से तीन ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जिन्हें खांसी, बुखार और गले में खराश की शिकायत नहीं है. बावजूद इसके उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई जा रही है. इन मरीजों को उल्टी और दस्त की परेशानी है.

एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला के मुताबिक, उल्टी-दस्त पीड़ित मरीज के पॉजिटिव आने पर काउंसिलिंग कराई जा रही है. इसमें यह बात सामने आई कि ये लोग बाजार में स्टाल पर बिना मास्क लगाए खाने-पीने की सामग्री बेचते हैं या फिर बिना मास्क लगाए दुकानदार के संपर्क में आते हैं.

जांच के लिए हर दिन तीन हजार की सैंपलिंग
सीएमओ डॉ. आरसी पाण्डेय का कहना है कि, अर्बन सेंटर में 10 स्थानों पर स्टैटिक बूथ बनाए गए हैं, जहां 17 मोबाइल टीमें जाती हैं. रूलर एरिया में 15 स्टैटिक बूथ हैं. इससे आगरा में प्रतिदिन ढाई हजार से तीन हजार की सैंपिलिग की जा रही है. जिले में संक्रमण बढ़ने की वजह लोगों का लापरवाह होना है. लोग ज्यादा से ज्यादा एक-दूसरे के संपर्क में आ रहे हैं. इतना ही नहीं, अब तो कई लोग कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से भी नहीं डर रहे हैं.

सीएमओ की जनता से अपील
सीएमओ ने जनता से अपील की है कि लोग इस बात से निश्चिंत न हो जाएं कि अब कोरोना खत्म हो गया है, कोरोना संक्रमण तो अभी बढ़ रहा है. सीएमओ की अपील है कि लोग सतर्क रहें, मास्क का उपयोग करें. साथ ही घर पर रहकर सुरक्षित रहें. जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकले और लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें.

फ्लू ओपीडी में स्क्रीनिंग, फिर सैंपिलिग
जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. बीएस यादव के मुताबिक, सैंपल कलेक्शन सेंटर में फ्लू ओपीडी चलाई जाती है. अस्पताल में आने वाले संदिग्धों की सबसे पहले फ्लू ओपीडी में स्क्रीनिंग की जाती है. इसके बाद जरूरत पड़ने पर सैंपल लिया जाता है. सैंपल लेने वाले केबिन में ज्यादा भीड़ न हो, इसके लिए होमगार्ड की ड्यूटी लगाई गई है. साथ ही बैरिकेट्स भी लगाए गए, ताकि एक स्थान पर भारी संख्या में लोग इकट्ठा न हों. हालांकि मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था की गई है.

लापरवाही पड़ रही भारी
डॉ. बीएस यादव का कहना है कि जिला अस्पताल के सैंपल कलेक्शन सेंटर में लोग लापरवाही बरत रहे हैं. अस्पताल प्रबंधन ने सोशल डिस्टेंस के लिए गोल घेरे बनाए हैं, लेकिन सैंपल देने के लिए पहुंचने वाले लोग नियमों का पालन नहीं करते हैं. अस्पताल में आने वाले लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते हैं. किसी एक की लापरवाही उन संदिग्धों के लिए भी घातक साबित होती है, जो सिर्फ सर्दी, खांसी या बुखार से पीड़ित हैं और संक्रमण का शिकार हो जाते हैं.

यह बरतें सावधानी

  • बिना मास्क लगाए घर से बाहर न निकलें
  • समय समय पर हाथों को सैनिटाइज करें.
  • भीड़-भाड़ी वाले स्थानों पर जाने से बचें.
  • किसी भी संदिग्ध और संक्रमित से उचित दूरी बनाए रखें.

उल्टी-दस्त होने पर रखें ध्यान

  • बाजार का खाना खाने से बचें.
  • फूड स्टॉल पर कुछ भी खाने से बचें.
  • ओआरएस, नींबू पानी व नारियल के पानी का सेवन करें.
  • दिन में कम से कम 6 से 8 लीटर पानी जरूर पियें.
  • दिन में एक बार दाल का पानी पियें.
  • दलिया का सेवन करें.
  • चिकनाई युक्त भोजन खाने से परहेज करें.
  • उल्टी-दस्त होने पर डॉक्टर से परामर्श करें.

आगरा: ताजनगरी में कोरोना संक्रमण का कहर बढ़ता ही जा रहा है. जिला अस्पताल के साथ ही 25 स्टैटिक बूथ और 17 मोबाइल टीमें जिले के शहरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में हर दिन संदिग्धों की जांच के लिए सैंपल इकट्ठा कर रही है. जिले में अब तक 2 लाख से ज्यादा लोगों के सैंपल लिए गए, जिसमें 6 हजार से ज्यादा लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई. अभी तक कोरोना के चलते 128 मरीजों की मौत हो चुकी है.

स्पेशल रिपोर्ट.

अभी तक सर्दी, खांसी, गले में खराश और बुखार के लक्षण वाले लोग ही कोरोना संक्रमित मिलते थे. लेकिन अब उल्टी और दस्त से पीड़ित मरीजों की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आ रही है. ऐसे में कोरोना वायरस सर्दी में और भी कहर बरपा सकता है. इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन तैयारियों में जुट गया है.

इस खतरे को देखते हुए मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में कोरोना घातक हो सकता है, इसलिए सभी अधिकारी अभी से तैयार रहें. सर्दी के दिनों में कोरोना संक्रमण से जंग लड़ने में भाप हथियार बनेगी. होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों को दिन में चार से पांच बार भाप लेनी होगी, ताकि फेफड़ों की सूजन कम हो और फेफड़ों का भी व्यायाम होगा.

उल्टी-दस्त से पीड़ित निकल रहे संक्रमित
एसएन मेडिकल कॉलेज की ट्राएज ओपीडी में हर दिन दो से तीन ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जिन्हें खांसी, बुखार और गले में खराश की शिकायत नहीं है. बावजूद इसके उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई जा रही है. इन मरीजों को उल्टी और दस्त की परेशानी है.

एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला के मुताबिक, उल्टी-दस्त पीड़ित मरीज के पॉजिटिव आने पर काउंसिलिंग कराई जा रही है. इसमें यह बात सामने आई कि ये लोग बाजार में स्टाल पर बिना मास्क लगाए खाने-पीने की सामग्री बेचते हैं या फिर बिना मास्क लगाए दुकानदार के संपर्क में आते हैं.

जांच के लिए हर दिन तीन हजार की सैंपलिंग
सीएमओ डॉ. आरसी पाण्डेय का कहना है कि, अर्बन सेंटर में 10 स्थानों पर स्टैटिक बूथ बनाए गए हैं, जहां 17 मोबाइल टीमें जाती हैं. रूलर एरिया में 15 स्टैटिक बूथ हैं. इससे आगरा में प्रतिदिन ढाई हजार से तीन हजार की सैंपिलिग की जा रही है. जिले में संक्रमण बढ़ने की वजह लोगों का लापरवाह होना है. लोग ज्यादा से ज्यादा एक-दूसरे के संपर्क में आ रहे हैं. इतना ही नहीं, अब तो कई लोग कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से भी नहीं डर रहे हैं.

सीएमओ की जनता से अपील
सीएमओ ने जनता से अपील की है कि लोग इस बात से निश्चिंत न हो जाएं कि अब कोरोना खत्म हो गया है, कोरोना संक्रमण तो अभी बढ़ रहा है. सीएमओ की अपील है कि लोग सतर्क रहें, मास्क का उपयोग करें. साथ ही घर पर रहकर सुरक्षित रहें. जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकले और लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें.

फ्लू ओपीडी में स्क्रीनिंग, फिर सैंपिलिग
जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. बीएस यादव के मुताबिक, सैंपल कलेक्शन सेंटर में फ्लू ओपीडी चलाई जाती है. अस्पताल में आने वाले संदिग्धों की सबसे पहले फ्लू ओपीडी में स्क्रीनिंग की जाती है. इसके बाद जरूरत पड़ने पर सैंपल लिया जाता है. सैंपल लेने वाले केबिन में ज्यादा भीड़ न हो, इसके लिए होमगार्ड की ड्यूटी लगाई गई है. साथ ही बैरिकेट्स भी लगाए गए, ताकि एक स्थान पर भारी संख्या में लोग इकट्ठा न हों. हालांकि मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था की गई है.

लापरवाही पड़ रही भारी
डॉ. बीएस यादव का कहना है कि जिला अस्पताल के सैंपल कलेक्शन सेंटर में लोग लापरवाही बरत रहे हैं. अस्पताल प्रबंधन ने सोशल डिस्टेंस के लिए गोल घेरे बनाए हैं, लेकिन सैंपल देने के लिए पहुंचने वाले लोग नियमों का पालन नहीं करते हैं. अस्पताल में आने वाले लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते हैं. किसी एक की लापरवाही उन संदिग्धों के लिए भी घातक साबित होती है, जो सिर्फ सर्दी, खांसी या बुखार से पीड़ित हैं और संक्रमण का शिकार हो जाते हैं.

यह बरतें सावधानी

  • बिना मास्क लगाए घर से बाहर न निकलें
  • समय समय पर हाथों को सैनिटाइज करें.
  • भीड़-भाड़ी वाले स्थानों पर जाने से बचें.
  • किसी भी संदिग्ध और संक्रमित से उचित दूरी बनाए रखें.

उल्टी-दस्त होने पर रखें ध्यान

  • बाजार का खाना खाने से बचें.
  • फूड स्टॉल पर कुछ भी खाने से बचें.
  • ओआरएस, नींबू पानी व नारियल के पानी का सेवन करें.
  • दिन में कम से कम 6 से 8 लीटर पानी जरूर पियें.
  • दिन में एक बार दाल का पानी पियें.
  • दलिया का सेवन करें.
  • चिकनाई युक्त भोजन खाने से परहेज करें.
  • उल्टी-दस्त होने पर डॉक्टर से परामर्श करें.
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