आगरा : जनपद में कांग्रेस का वर्चस्व रहा लेकिन आखिरी बार 1996 के बाद से लेकर 2022 तक आगरा की किसी भी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशियों का आज तक खाता नहीं खुला. 9 विधानसभा पर कांग्रेसी फिर से पीछे रहे. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से लगातार जोर-शोर से प्रदर्शन करने से आगरा के लोगों को उम्मीद थी कि इस बार 9 विधानसभा से कम से कम दो या तीन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा रहेगा लेकिन उनकी उम्मीदों पर एक बार फिर पानी फिर गया.
प्रियंका के यूपी चुनाव में एक्टिव होने के बावजूद आगरा में किसी भी कांग्रेसी का कहीं कोई खाता नहीं खुला. उत्तरी से विनोद बंसल और खेड़ागढ़ से रामनाथ सिंह सिकरवार के जीतने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन शुरुआती आंकड़ों में खेड़ागढ़ प्रत्याशी आगे रहे, लेकिन मतगणना होते-होते फिर बीजेपी प्रत्याशी के आगे कांग्रेसी दूर-दूर तक नजर नहीं आए.
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लोगों ने कहा कि सही नहीं है कांग्रेस की नीतियां
आगरा की जनता ने कहा कि आगरा में अपनी गलत नीतियों के कारण ही कांग्रेस नहीं आयी. उनकी नीतियों के कारण ही लोग कांग्रेस को वोट नहीं दे रहे हैं. लोगों का कहना है कि देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी तक कांग्रेस सरकार अच्छी थी, लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आते ही कांग्रेस का वजूद खत्म हो गया.
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