आगरा: जिले में पुलिस ने किराए की कोख में पैदा हुए बच्चों की तस्करी के मामले का पर्दाफाश करते हुए तीन नवजात बच्चियों को मुक्त कराया है और दो महिलाओं समेत 5 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इनके पास से वारदात में प्रयुक्त कार, मोबाइल व नकदी बरामद की गई है. बताया जा रहा है कि ये आरोपी आठ लाख प्रति बच्चे के हिसाब से तीनों बच्चो की डिलीवरी नेपाल में देने जा रहे थे.
भारत मे सरोगेसी करवाकर मानव तस्करी की घटनाएं कई बार सामने आई हैं. जिला आगरा के फतेहाबाद पुलिस को ऐसी ही जानकारी हुई कि कुछ लोग नवजात बच्चों की तस्करी करने फरीदाबाद से आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे होते हुए नेपाल जा रहे हैं. इसके बाद एक्सप्रेस-वे के टोल पर पुलिस ने सघन तलाशी शुरू की और संदिग्ध दिखने पर दिल्ली व हरियाणा नम्बर की दो इंडिगो कार को रोककर पूछताछ की. पुलिस को गाड़ी में तीन नवजात शिशुओं को लेकर जा रही दो महिलाएं व तीन पुरुष मिले. पुलिस ने जब महिला थाने लाकर महिलाओं से पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया.
पकड़े गए लोगों ने अपने नाम अमित व राहुल निवासी दिल्ली और प्रदीप निवासी फरीदाबाद प्रकाश में आए. महिलाओं ने अपने नाम रूबी व नीलम निवासी फरीदाबाद बताए. इन्होंने एक निजी अस्पताल में बच्चों की डिलीवरी होने की बात बताते हुए खुद को बच्चियों की मां बताया. सख्ती के बाद महिलाओं ने पुलिस को बताया कि वो लोग मानव तस्करी का काम करती हैं. पहले पति से अलग रह रही महिलाओं को किराए पर कोख के बदले 3 से चार लाख में राजी करती हैं और फिर उन्हें नेपाल की अस्मिता नामक महिला को सात से आठ लाख में डिलीवरी दे देती हैं. वहां से यह बच्चों के लिए स्पर्म और पैसे देने वाले निसंतान दंपतियों को दे दी जाती हैं. जिस अस्पताल में बच्चो की डिलीवरी हुई है, पुलिस उसकी भी जांच कर रही है.
एसएसपी बबलू कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया है कि इन तस्करों की सूचना पुलिस को मिली थी और तत्काल एक्शन लेते हुए हमने इन्हें पकड़ लिया. इनके अन्य संपर्कों की तलाश की जा रही है. सभी को धारा 81 जेजे एक्ट, 363, 370सी और 420 जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है. नवजातों को चाइल्ड लाइन के सपुर्द किया गया है.
एसपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने बताया कि थाना फतेहाबाद क्षेत्र स्थित आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे टोल प्लाजा पर चेकिंग कर रहे थे. इसी दौरान टोल के पास दो गाड़ियों को रोका गया था. उसमें तीन बच्चे, 2 महिलाएं और 3 पुरुष मिले थे. पूछताछ करने पर एक रैकेट का पता चला है. बच्चों की सरोगेसी के माध्यम से डिलीवरी होती थी. ये लोग अलग-अलग जगहों पर रहते थे और इन बच्चोंं को डिलीवरी करने की तैयारी में थे. गैंग में जितने भी लोग शामिल होंगे, सभी की जानकारी की जा रही है. पूरे गैंग को वर्क आउट किया जाएगा.