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कैंसर-डे स्पेशल: कैंसर सर्वाइवल बांट रहे मरीजों का दर्द और बढ़ा रहे हौसला - कैंसर विभाग कर बेहतर इलाज

उत्तर प्रदेश के आगरा में एसएन मेडिकल कॉलेज का कैंसर रोग विभाग कई कैंसर रोगियों को सही इलाज देकर स्वस्थ कर रहा है. वहीं सही होने के बाद कैंसर सर्वाइवल अन्य रोगियों को मोटिवेट कर रहे हैं.

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कैंसर सर्वाइवल दे रहे मरीजों को हिम्मत.
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Published : Feb 4, 2020, 4:17 PM IST

आगरा: कैंसर का नाम सुनते ही इंसान के चेहरे का रंग उड़ जाता है. लोग कैंसर को मौत का दूसरा नाम समझते हैं क्योंकि लोगों का मानना है कि इसका इलाज संभव नहीं हैं, लेकिन एसएन मेडिकल कॉलेज का कैंसर रोग विभाग इन सभी बातों को गलत साबित करने के प्रयास में है.

कैंसर सर्वाइवल दे रहे मरीजों को हिम्मत.

डॉक्टरों की मानें तो सही समय पर इलाज कराने से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से भी लड़ा जा सकता है. लोग अगर इसके लक्षणों पर ध्यान देते हुए समय पर इसका इलाज करा लें तो यह खतरनाक रूप नहीं ले पाती है और इससे जंग जीतना आसान होता है. एसएन मेडिकल कॉलेज का कैंसर रोग विभाग जिले में आने वाले कैंसर रोगियों की पीड़ा दूर कर रहा है. मरीजों को दवा से काफी फायदा हो रहा है, जिससे उनका दर्द कम हो रहा है.

सर्वाइवल कर रहे कैंसर रोगियों को मोटिवेट
इस सावधानी और इलाज से कई लोग कैंसर से छुटकारा पा चुके हैं. अब तो कैंसर के सर्वाइवल कैंसर रोगियों को हिम्मत दे रहे हैं साथ ही उन्हें इस बीमारी से लड़ने के लिए मोटिवेट कर रहे हैं. एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग की प्रो. सुरभि गुप्ता ने बताया कि कैंसर के जिन मरीजों ने मेडिकल कॉलेज से उपचार लिया और वे ठीक हो गए अब वही कैंसर सर्वाइवल दूसरे कैंसर मरीजों को मोटिवेट कर रहे हैं. समय रहते उन्हें हॉस्पिटल लेकर आ रहे हैं और उनसे अपने अनुभव भी साझा कर रहे हैं. इससे कैंसर के मरीजों को जहां हिम्मत मिल रही है, वहीं उनका हौसला भी बंध रहा है.

सर्वाइवल कर रहे जागरूक
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. शशिभूषण उपाध्याय ने बताया कि लोगों को अभी सही जानकारी नहीं है कि कहां पर कैंसर का उचित उपचार होता है. कई मरीज आए और एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग में उपचार कराने के बाद ठीक हो गए. अब जब उन मरीजों को अपने आसपास या किसी परिचित में कैंसर के लक्षण दिखाई देते हैं तो वे दूसरे मरीजों को जागरूक करते हैं और उपचार कराने के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज लेकर के आते हैं.

हर साल बढ़ रहा है आंकड़ा
एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग की प्रो. सुरभि गुप्ता ने बताया कि हर साल कैंसर के रोगियों का आंकड़ा बढ़ रहा है. आंकड़ों को देखें तो हर साल पिछले साल से 100 ज्यादा कैंसर के रोगी आ रहे हैं. इसकी वजह यह है कि कैंसर के मरीजों की संख्या तो बढ़ी है और लोगों में जागरूकता भी बढ़ी है और इसीलिए वह समय रहते उपचार कराने के लिए आ रहे हैं. पहले ऐसा नहीं होता था. कैंसर का पता चलने के बाद लोग घर पर ही निराश हो कर के बैठ जाते थे. अब लोग जरा सी भी लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराने के लिए आते हैं.

बनाई जा रही है कैंसर रोगियों की कुंडली
प्रो. सुरभि गुप्ता ने 2009 में कैंसर सर्वाइवल की डायरी तैयार करना शुरू की, जिसमें कैंसर के मरीजों का नाम, उनकी बीमारी, उनका पता और फोन नंबर लिखा गया. कैंसर रोगियों की कुंडली इसलिए बनाई गई, जिससे इनका फॉलोअप किया जाए. इन मरीजों को फॉलोअप के लिए साल में चार से पांच बार कैंसर रोग विभाग में बुलाया जाता है. यही कैंसर रोगियों की कुंडली जागरूकता में अहम भूमिका निभा रही है.

मेरे ताऊ के गले में कैंसर की गांठ थी. ठीक उसी तरह मेरे गले में भी थी. जब ताऊ ने मेरे गले की गांठ देखी तो मुझे लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग आए. डॉ.सुरभि गुप्ता ने उपचार शुरू किया. 8 महीने तक मेरा उपचार चला. अब मेरे गले से गांठ खत्म हो गई. मैं कैंसर फ्री हो गया हूं.
-साकेत, मरीज

कैंसर सर्वाइवल

कैंसर सर्वाइवल
स्तन कैंसर 50
मुहं और गले का कैंसर 30
ब्रेन ट्यूमर और अन्य ट्यूमर 100

आगरा मंडल में होने वाले कैंसर

मुख और गले का कैंसर 55 फीसदी
स्तन कैंसर 15 फीसदी
सर्वाइकल कैंसर 15 फीसदी
पित्त की थैली का कैंसर 5 फीसदी
अन्य कैंसर 10 फीसदी

हर साल बढ़ रहा आंकड़ा

वर्ष कैंसर के मरीज
सन् 2016 1254
सन् 2017 1379
सन् 2018 1477
सन् 2019 1560

आगरा: कैंसर का नाम सुनते ही इंसान के चेहरे का रंग उड़ जाता है. लोग कैंसर को मौत का दूसरा नाम समझते हैं क्योंकि लोगों का मानना है कि इसका इलाज संभव नहीं हैं, लेकिन एसएन मेडिकल कॉलेज का कैंसर रोग विभाग इन सभी बातों को गलत साबित करने के प्रयास में है.

कैंसर सर्वाइवल दे रहे मरीजों को हिम्मत.

डॉक्टरों की मानें तो सही समय पर इलाज कराने से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से भी लड़ा जा सकता है. लोग अगर इसके लक्षणों पर ध्यान देते हुए समय पर इसका इलाज करा लें तो यह खतरनाक रूप नहीं ले पाती है और इससे जंग जीतना आसान होता है. एसएन मेडिकल कॉलेज का कैंसर रोग विभाग जिले में आने वाले कैंसर रोगियों की पीड़ा दूर कर रहा है. मरीजों को दवा से काफी फायदा हो रहा है, जिससे उनका दर्द कम हो रहा है.

सर्वाइवल कर रहे कैंसर रोगियों को मोटिवेट
इस सावधानी और इलाज से कई लोग कैंसर से छुटकारा पा चुके हैं. अब तो कैंसर के सर्वाइवल कैंसर रोगियों को हिम्मत दे रहे हैं साथ ही उन्हें इस बीमारी से लड़ने के लिए मोटिवेट कर रहे हैं. एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग की प्रो. सुरभि गुप्ता ने बताया कि कैंसर के जिन मरीजों ने मेडिकल कॉलेज से उपचार लिया और वे ठीक हो गए अब वही कैंसर सर्वाइवल दूसरे कैंसर मरीजों को मोटिवेट कर रहे हैं. समय रहते उन्हें हॉस्पिटल लेकर आ रहे हैं और उनसे अपने अनुभव भी साझा कर रहे हैं. इससे कैंसर के मरीजों को जहां हिम्मत मिल रही है, वहीं उनका हौसला भी बंध रहा है.

सर्वाइवल कर रहे जागरूक
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. शशिभूषण उपाध्याय ने बताया कि लोगों को अभी सही जानकारी नहीं है कि कहां पर कैंसर का उचित उपचार होता है. कई मरीज आए और एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग में उपचार कराने के बाद ठीक हो गए. अब जब उन मरीजों को अपने आसपास या किसी परिचित में कैंसर के लक्षण दिखाई देते हैं तो वे दूसरे मरीजों को जागरूक करते हैं और उपचार कराने के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज लेकर के आते हैं.

हर साल बढ़ रहा है आंकड़ा
एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग की प्रो. सुरभि गुप्ता ने बताया कि हर साल कैंसर के रोगियों का आंकड़ा बढ़ रहा है. आंकड़ों को देखें तो हर साल पिछले साल से 100 ज्यादा कैंसर के रोगी आ रहे हैं. इसकी वजह यह है कि कैंसर के मरीजों की संख्या तो बढ़ी है और लोगों में जागरूकता भी बढ़ी है और इसीलिए वह समय रहते उपचार कराने के लिए आ रहे हैं. पहले ऐसा नहीं होता था. कैंसर का पता चलने के बाद लोग घर पर ही निराश हो कर के बैठ जाते थे. अब लोग जरा सी भी लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराने के लिए आते हैं.

बनाई जा रही है कैंसर रोगियों की कुंडली
प्रो. सुरभि गुप्ता ने 2009 में कैंसर सर्वाइवल की डायरी तैयार करना शुरू की, जिसमें कैंसर के मरीजों का नाम, उनकी बीमारी, उनका पता और फोन नंबर लिखा गया. कैंसर रोगियों की कुंडली इसलिए बनाई गई, जिससे इनका फॉलोअप किया जाए. इन मरीजों को फॉलोअप के लिए साल में चार से पांच बार कैंसर रोग विभाग में बुलाया जाता है. यही कैंसर रोगियों की कुंडली जागरूकता में अहम भूमिका निभा रही है.

मेरे ताऊ के गले में कैंसर की गांठ थी. ठीक उसी तरह मेरे गले में भी थी. जब ताऊ ने मेरे गले की गांठ देखी तो मुझे लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग आए. डॉ.सुरभि गुप्ता ने उपचार शुरू किया. 8 महीने तक मेरा उपचार चला. अब मेरे गले से गांठ खत्म हो गई. मैं कैंसर फ्री हो गया हूं.
-साकेत, मरीज

कैंसर सर्वाइवल

कैंसर सर्वाइवल
स्तन कैंसर 50
मुहं और गले का कैंसर 30
ब्रेन ट्यूमर और अन्य ट्यूमर 100

आगरा मंडल में होने वाले कैंसर

मुख और गले का कैंसर 55 फीसदी
स्तन कैंसर 15 फीसदी
सर्वाइकल कैंसर 15 फीसदी
पित्त की थैली का कैंसर 5 फीसदी
अन्य कैंसर 10 फीसदी

हर साल बढ़ रहा आंकड़ा

वर्ष कैंसर के मरीज
सन् 2016 1254
सन् 2017 1379
सन् 2018 1477
सन् 2019 1560
Intro:स्पेशल....
आगरा।
कैंसर यानी मौत का दूसरा नाम. डराने के लिए कैंसर का नाम काफी है. कैंसर के डर से लोग इसके लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं. फिर धीरे-धीरे यही खतरनाक हो जाता है. समय रहते कैंसर का उपचार कराएं तो यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है. एसएन मेडिकल कॉलेज का कैंसर रोग विभाग यहां आने वाले
कैंसर रोगियों की पीड़ा दूर कर रहा है. यहां उपचार करा रहे कैंसर से जंग लड़ मरीज खुश हैं. मरीजों का दवा से दर्द कम हो रहा है. और होसले से कैंसर रोगियों की जान बच रही है. क्योंकि. कैंसर सर्वाइवल उन्हें जागरूक करने के साथ हिम्मत दे रहे हैं.




Body:सर्वाइवल कर रहे कैंसर रोगियों को मोटीवेट
एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग की प्रो. सुरभि गुप्ता ने बताया कि, जिन कैंसर के मरीजों ने मेडिकल कॉलेज से उपचार लिया. और वे ठीक हो गए. अब वही कैंसर सर्वाइवल दूसरे कैंसर मरीजों को मोटिवेट कर रहे हैं. समय रहते उन्हें हॉस्पिटल लेकर के आ रहे हैं. और उनसे अपने अनुभव भी साझा करते हैं. जिससे कैंसर के मरीजों को जहां हिम्मत मिल रही है. वहीं, उनका हौसला भी बन रहा है.

सर्वाइवल कर रहे जागरूक
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. शशिभूषण उपाध्याय ने बताया कि, लोगों को अभी यह सही जानकारी नहीं है कि कहां पर कैंसर का उचित उपचार होता है. जो मरीज एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग में उपचार के बाद ठीक हो जाते हैं. उन मरीजों को जब आपने आसपास या किसी परिचित में कैंसर के लक्षण दिखाई देते हैं. तो वे दूसरे मरीजों को जागरूक करते हैं और उपचार कराने के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज लेकर के आते हैं. कैंसर का उपचार संभव है समय रहते उपचार किया जाए तो कैंसर पीड़ित ठीक हो जाता है.

हर साल बढ़ रहा है आंकड़ा
एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग की प्रो. सुरभि गुप्ता ने बताया कि, हर साल कैंसर के रोगियों का आंकड़ा बढ़ रहा है. आंकड़ों को देखें तो हर साल पिछले साल से 100 ज्यादा कैंसर के रोगी आ रहे हैं. इसकी वजह यह है कि कैंसर के मरीजों की संख्या तो बढ़ी है. लोगों में जागरूकता भी बढ़ी है. और इसीलिए वह समय रहते उपचार कराने के लिए आ रहे हैं. पहले ऐसा नहीं होता था. कैंसर का पता चलने के बाद लोग घर पर ही निराश हो कर के बैठ जाते थे. अब लोग जरा सी भी लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराने के लिए आते हैं.

बनाई जारी है कैंसर रोगियों की कुंडली
एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग की प्रो. सुरभि गुप्ता ने 2009 में कैंसर सर्वाइवल की डायरी तैयार करना शुरू की. जिसमें कैंसर के मरीजों का नाम, उनकी बीमारी, उनका पता और फोन नंबर लिखा गया. कैंसर रोगियों की कुंडली इसलिए बनाई गई. जिससे इनका फॉलोअप किया जाए. इन मरीजों को फॉलोअप के लिए साल में चार से पांच बार कैंसर रोग विभाग में बुलाया जाता है. यही कैंसर रोगियों की कुंडली आप जागरूकता में अहम भूमिका निभा रही है.

मुझे ताऊ लेकर आए
10 साल का साकेत अब कैंसर मुक्त जिंदगी जी रहा है. साकेत के गले में एक गांठ थी, जो धीरे-धीरे बढ़ रही थी. साकेत ने बताया कि मेरे ताऊ के भी इसी तरह की गले में कैंसर की गांठ थी. जब ताऊ ने मेरे गले की गांठ देखी तो मुझे लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग आए. डॉ.सुरभि गुप्ता ने उपचार शुरू किया. 8 महीने तक मेरा उपचार चला. अब मेरे गले से गांठ खत्म हो गई. मैं कैंसर फ्री हो गया हूं.


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आगरा मंडल में होने वाले कैंसर
- मुख और गले का कैंसर: 55 फीसदी।
- स्तन कैंसर : 15 फीसदी।
-सर्वाइकल कैंसर: 15 फीसदी।
-पित्त की थैली का कैंसर: 5 फीसदी।
-अन्य कैंसर: 10 फीसदी।

कैंसर सर्वाइवल
कैंसर................................. सर्वाइवल
स्तन कैंसर...........................50
मुहं और गले का कैंसर............30
बोन ट्यूमर और अन्य ट्यूमर......100

यूं बढ़ रहा हर साल आंकड़ा
वर्ष..............................कैंसर के मरीज
सन् 2016......................1254
सन् 2017......................1379
सन् 2018......................1477
सन् 2019......................1560
(यह आंकड़े एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर डिपार्टमेंट में आए मरीजों की संख्या हैं)




Conclusion:कैंसर का इलाज लंबा है. धैर्य की जरूरत है. क्योंकि कैंसर धीरे धीरे बढ़ता है और धीरे-धीरे खत्म होता है. कैंसर अब असाध्य रोग नहीं है. अर्ली कैंसर यानी टोटली सिक्योर है.

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बाइट..... साकेत, कैंसर मरीज की. (पहचान लाल रंग लाइनिंग स्वेटर है, इसका चैहरा ब्लर्ब कर लें)

बाइट .....प्रो. सुरभि गुप्ता, कैंसर रोग विभाग ( एसएन मेडिकल कॉलेज ) की। ( पहचान नीले रंग का स्वेटर और गले में स्टाल)

बाइट ..... डॉ. शशिभूषण उपाध्याय, कैंसर रोग विशेषज्ञ की। ( पहचान चश्मा लगाए और नीला स्वेटर पहने है)

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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