आगरा: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए यूपी सरकार ने वीकेंड पर 55 घंटे के लॉकडाउन की घोषणा की है. लेकिन रविवार को आगरा में भाजपा नेता और कार्यकर्ता सरकार के आदेश तो दूर, पीएम मोदी और सीएम योगी की सीख को भी भूल गए.
बता दें कि भाजपा विधायक योगेन्द्र उपाध्याय के स्वागत में 40 गाड़ियों के साथ 15 किमी लंबा जुलूस निकाला गया. जाहिर है इस दौरान लॉकडाउन के नियमों की भी जमकर धज्जियां उड़ीं. अब विधायक योगेंद्र उपाध्याय इस पूरे मामले पर सफाई दे रहे हैं. विधायक का कहना है कि उन्होंने किसी को नहीं बुलाया था, सभी कार्यकर्ता स्वेच्छा से आए थे और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा गया.
बता दें कि, हाल में आगरा दक्षिण से विधायक योगेंद्र उपाध्याय को भाजपा विधान मंडल दल का मुख्य सचेतक बनाया गया है. विधायक योगेन्द्र उपाध्याय रविवार को लखनऊ से आगरा लौटे थे. इस दौरान विधायक योगेंद्र उपाध्याय का स्वागत में भाजपा कार्यकर्ताओं का हुजूम सड़कों पर नजर आया. भाजपाइयों ने फतेहाबाद रोड से जयपुर हाउस तक स्वागत किया गया. हर एक किमी पर स्वागत कार्यक्रम रखा गया, इसमें भाजपा कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ी.
यूं उड़ाई नियमों की धज्जियां
दक्षिण विधायक योगेन्द्र उपाध्याय लखनऊ से रविवार शाम करीब चार बजे आगरा पहुंचे. मगर एक घंटे पहले ही उनके स्वागत के लिए बीजेपी नेता और कार्यकर्ता जमा होना शुरू हो गए. इससे लॉकडाउन के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ीं. वहीं कई कार्यकर्ता तो बिना मास्क लगाए ही विधायक के स्वागत में पहुंचे थे. इस बारे में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है, वे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.
कई बीजेपी नेता रहे मौजूद
विधायक योगेंद्र उपाध्याय का स्वागत करने के लिए जिले के दो विधायक, 20 पार्षद और भाजपा के शहर में 21 मंडलों के अध्यक्ष पहुंचे. फतेहाबाद रोड स्थित एक होटल से 40 गाड़ियों का जुलूस शुरू हुआ, जो जयपुर हाउस स्थित भाजपा कार्यालय और फिर माधव भवन स्थित संघ कार्यालय पहुंचा. जुलूस में आगरा उत्तर के विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, खेरागढ़ विधायक महेश गोयल, महानगर भानु महाजन, पूर्व मेयर इंद्रजीत आर्य, पूर्व महानगर अध्यक्ष विजय शिवहरे समेत कई नेता मौजूद रहे.
प्रशासन ने साधी चुप्पी
आगरा में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में सत्ताधारी पार्टी के नेता ही सरेआम लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाएंगे तो आमजन में क्या संदेश जाएगा. फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.