आगरा: देश के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले का आगरा कनेक्शन भी सामने आया है. आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) मेरठ की टीम ने बाइक बोट घोटाले की 200 बाइकें ताजनगरी में चिह्नित की हैं. इसकी जानकारी ईओडब्ल्यू मेरठ के एसपी ने आगरा एसएसपी बबलू कुमार को दी है. जल्द ही ईओडब्ल्यू की टीम मेरठ से आगरा आएगी, जिससे बाद घोटाले की बाइकें बरामद की जा सकें. जिन लोगों के पास बाइक हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
क्या है बाइक बोट घोटाला
ओला और उबर की तर्ज पर बाइक टैक्सी चलाने का झांसा देकर लाखों निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी हुई थी. फरवरी 2020 में सरकार ने 3500 करोड़ रुपये का बाइक बोट घोटाला की जांच ईओडब्ल्यू को दी थी. ईओडब्ल्यू की विवेचना में बाइक बोट कंपनी के खिलाफ नोएडा, लखनऊ, मेरठ, आगरा सहित कई अन्य जिलों में करीब 60 मामले दर्ज हुए हैं.
सबसे पहला मुकदमा जयपुर के रहने वाले सुनील मीणा ने ग्रेटर नोएडा के दादरी थाने में दर्ज कराया था. इस घोटाले में ईओडब्ल्यू और पुलिस ने अब तक गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के संचालक और निदेशक मास्टरमाइंड संजय भाटी, राजेश भारद्वाज और विजयपाल सहित 27 लोगों को जेल भेज चुकी है.
आगरा में घोटाले की 120 बाइकें
ईओडब्ल्यू मेरठ के एसपी रामसुरेश ने बुधवार को आगरा एसएसपी बबलू कुमार से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि बाइक बोट घोटाले की 200 बाइकें आगरा में चिन्हित की गई हैं. इन 200 बाइकों में से 120 बाइकें ब्रांड न्यू हैं, जो अभी तक चली ही नहीं हैं. यह बाइकें टैक्सी के रूप में आगरा में चलाने के लिए खरीदी गई थीं. इन बाइकों को ईओडब्ल्यू की टीम मेरठ से जल्द बरामद करने आएगी. आगरा में सुरक्षित जगहों पर इन बाइकों को रखवाना है. ईओडब्ल्यू एसपी ने बाइक के लिए सुरक्षित जगह दिलाने की मांग को लेकर आगरा एसएसपी बबलू कुमार से संपर्क किया है.
पुलिस और ईओडब्ल्यू अब तक बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले में सैकड़ों बाइकें बरामद कर चुकी हैं. इस घोटाले में दो लाख से ज्यादा लोगों से ठगी हुई है. ठगों ने बाइक टैक्सी में लोगों से बेहतर रिटर्न का झांसा देकर लगवाया था. ठगों ने शुरुआत में लोगों को रिटर्न दिया था, लेकिन बाद में घाटा होने का दावा करके रिटर्न बंद कर दिया था.