आगरा : भगवान भोलेनाथ का बटेश्वर मंदिर कोराना काल में बंद हुआ था. लेकिन अब 14 जनवरी को मंकर संक्रांति के पर्व पर मंदिर का कपाट 301 दिन बाद खुलने जा रहा है. मंदिर के खुलने की सूचना के बाद क्षेत्रवासियों एवं भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई है. भगवान भोले का दर्शन करने के लिए भक्त पहुंचने लगे हैं.
14 जनवरी को खुलेंगे मंदिर के कपाट
आगरा जनपद के बाह क्षेत्र में बसा तीर्थ बटेश्वर उत्तर भारत का प्रथम प्राचीन तीर्थ स्थल है. यहां यमुना किनारे चंद्राकार में बने 101 मंदिरों में भगवान भोलेनाथ खुद विराजते हैं. भगवान भोले के दर पर पहुंचने से हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है. लेकिन कोरोना काल में संक्रमण के डर से शासनादेश के बाद प्रशासन ने 19 मार्च 2020 को बटेश्वर के भगवान भोलेनाथ के मुख्य मंदिर का पट बंद करवा दिया था. प्राचीनतम समय से लेकर इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब मंदिर के पट बंद किए गए थे. सैकड़ों वर्षो से हर वर्ष कार्तिक माह में लगने वाला प्राचीन मेला भी इस बार नहीं लगाया गया.
301 दिन बंद रहे मंदिर के कपाट
मुख्य मंदिर के कई महीनों से पट बंद होने के कारण, दूरदराज से पहुंचने वाले भक्तों को भी मंदिर के बाहर ही पूजा करनी पड़ रही थी. भक्तों को भगवान का दर्शन नहीं हो पा रहा था. लेकिन धीरे-धीरे देश के कई राज्यों में मुख्य मंदिरों को पूजा-अर्चना के लिए खोल दिया गया, मगर बटेश्वर मंदिर को पूजा के लिए नहीं खोला गया था. अब मकर संक्रांति को 301 दिन बाद भगवान ब्रह्मालाल महाराज मुख्य मंदिर के पट खोले जाएंगे. इस सूचना के बाद भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई है.
गर्भगृह में अभी नहीं रहेगी प्रवेश की अनुमति
मंदिर के मुख्य पुजारी जय प्रकाश गोस्वामी के मुताबिक तीर्थ स्थल ट्रस्ट समिति ने मुख्य भोलेनाथ मंदिर को कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए खोले जाने का निर्णय लिया है. मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी से भक्त मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए प्रवेश कर सकेंगे. इससे पूर्व बुधवार को मंदिर परिसर को साफ कर सैनिटाइजेशन का काम किया जाएगा. पुजारी के मुताबिक भक्तों को 2 गज की दूरी के साथ कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा. मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने की कोई अनुमति नहीं होगी. बटेश्वर मंदिर खुलने की मांग साधु-संत एवं श्रद्धालु कई महीने से कर रहे थे, जिसको लेकर प्रशासन द्वारा अब निर्णय लिया गया है.
इसी संदर्भ में उपजिलाधिकारी बाह अब्दुल बासित ने बताया मंदिर की धुलाई व साफ-सफाई की जाएगी. साथ ही परिसर को सैनिटाइज किया जाएगा. कोरोना गाइडलाइंस का पालन के साथ 14 जनवरी से मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए प्रवेश की अनुमति होगी और लोग दर्शन कर सकेंगे.