आगराः ताजनगरी के थाना ताजगंज पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में बंधन बैंक के चार पूर्व कर्मचारियों को जेल भेजा है. इन पर फर्जी और निष्क्रिय खातों से करीब 10 करोड़ रुपए जमा और निकासी करने का आरोप है. आरोपी लोन देने के नाम पर लोगों के दस्तावेज और हस्ताक्षर कराकर फर्जी खातों से करोड़ों का लेन-देन कर रहे थे.
दयालबाग के गायत्री विहार कॉलोनी निवासी हरेंद्र सिंह ने बैंक के कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस कमिश्नर से शिकायत की थी. हरेंद्र ने अपनी शिकायत में कहा था कि 'अप्रैल 2021 में फतेहाबाद रोड की बंधन बैंक शाखा में हरेन्द्र ने एक बचत खाता खुलवाया था. शाखा प्रबंधक प्रशांत पाल ने मुझे ढाई लाख का लोन देने की बात कही थी. इसके अलावा मेरी पत्नी सोनी को भी लोन देने का आश्वासन दिया था. मैंने लोन के आवेदन के साथ दस्तावेज हस्ताक्षर किए हुए चेक भी जमा किए थे. लेकिन, शाखा प्रबंधक प्रशांत पाल ने बाद में मेरी पत्नी को लोन देने से मना कर दिया. लेकिन एक खाता किसी फर्म के नाम से खुलवा दिया. जिसकी जानकारी मुझे नहीं थी.'
हरेंद्र ने शिकायत में बताया कि '4 नवंबर 2022 को बिलोचपुरा निवासी मुहम्मद मुबीन का नोटिस आया. तब खाते से अनाधिकृत लेन-देन की बात सामने आई. मेरे खाते से 1.79 करोड़ रुपए की जमा और निकासी की गई थी. जबकि मैंने खाता खुलवाते समय महज 5100 रुपए जमा किए थे. मेरे बिना आवेदन किए मेरे खाते की चेकबुक भी जारी कर दी गयी. जब इस बात की शिकायत मैंने बंधन बैंक के शाखा प्रबंधक प्रशांत पाल से की तो वो जान से मारने की धमकी देने लगे.'
गौरतलब है कि इसके बाद हरेंद्र ने आरोपियों के खिलाफ थाना ताजगंज में धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में एसीपी सदर बाजार अर्चना सिंह ने कहा कि, पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर से न्याय की गुहार लगाई थी. जांच के बाद पुलिस कमिश्नर ने थाना ताजगंज को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था.
एसीपी सदर बाजार ने बताया कि पुलिस ने बीते रविवार को फतेहाबाद रोड स्थित बंधन बैंक के आरोपी पूर्व शाखा प्रबंधक निवासी मधुवन कॉलोनी खेरिया मोड़ निवासी प्रशांत पाल, लोहामंडी निवासी पूर्व सेल्स एग्जीक्यूटिव मोहम्मद फैज, ताजगंज स्थित हेरीटेज अपार्टमेंट निवासी जाकिर और शहीद नगर निवासी जिब्रान को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. अब तक की जांच में जिन निष्क्रिय और फर्जी खातों से लेन-देन सामने आया है. वह इस गिरोह के जान पहचान वालों के हैं. ऐसे 12 से अधिक निष्क्रिय और फर्जी खातों से 10 करोड़ से अधिक की जमा और निकासी की गई है.
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