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करने गए थे डॉक्टरी की पढ़ाई, 3 साल से लड़ रहे परीक्षा की लड़ाई - आगरा न्यूज

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध (affiliated) कॉलेजों में बीएएमएस पाठ्यक्रम लिए तीन वर्ष से परीक्षाएं आयोजित नहीं की गईं. ऐसे में पांच साल में कंपलीट होने वाले पाठ्यक्रम के लिए छात्रों को 8 साल का इंतजार करना होगा.

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
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Published : Jul 8, 2021, 10:29 PM IST

आगरा: जिले स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (Dr. Bhimrao Ambedkar University) से अटैच बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी) के छात्र एक ही सत्र की पढ़ाई पिछले तीन वर्ष से कर रहे हैं. साल 2016-17 बैच के छात्र पिछले तीन वर्ष से परीक्षा प्रक्रिया में सम्मिलित नहीं हुए. यानी, विश्वविद्यालय ने संबंधित पाठ्यक्रम की परीक्षाएं आयोजित ही नहीं की. ऐसे में छात्रों को जो डिग्री पांच साल में प्राप्त होनी चाहिए थी, अब उसके 8 साल में कंपलीट होने के आसार लग रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की उदासीनता से उनका भविष्य अंधकार में है.

गुरुवार को छात्रों ने नए परीक्षा नियंत्रक (examination controller) अजय कृष्ण यादव से मुलाकात कर अपनी समस्या रखी. रजिस्ट्रार ने सात दिन में कार्रवाई का भरोसा दिया है. हालांकि, सीएचएम की गाइडलाइन के अनुसार एक वर्ष में एग्जाम संपन्न कराने होते हैं, लेकिन विश्वविद्यालय ने बीएएमएस पाठ्यक्रम की 3 तीन वर्ष से परीक्षाएं आयोजित नहीं कीं.

जानकारी देते परेशान छात्र.

मजबूर छात्रों ने बताई अपनी पीड़ा

छात्र आसिफ अली ने बताया कि उन्होंने बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (Bachelor of Ayurveda Medicine and Surgery) की पढ़ाई के लिए साल 2016 में एडमिशन लिया था. एडमिशन के बाद उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना देखा. उम्मीद थी 5 साल का कोर्स कंपलीट होने पर डॉक्टर की डिग्री हाथ में होगी, लेकिन पिछले तीन वर्ष से आलम ये है कि जो छात्र फर्स्ट ईयर में हैं वो आज भी फर्स्ट ईयर में ही हैं, जो सेकंड ईयर और थर्ड ईयर में हैं वो भी यथास्थिति हैं. लिहाजा, परीक्षा न होने की वजह से इन छात्रों का भविष्य अंधेरे में है.

कॉलेजों ने जमा कराई छात्रों से फीस

छात्रों ने बताया कि आगरा यूनिवर्सिटी से 7 कॉलेज अटैच हैं. इनमें से कुछ कॉलेज ऐसे हैं जो बिना परीक्षा कराए छात्रों से फीस जमा करा ली. एक छात्र के अनुसार 5 साल के कोर्स के लिए 10 लाख रुपये से अधिक फीस चुकानी होती है. इनमें से कई ऐसे छात्र हैं, जो बेहद साधारण परिवार से हैं. किसी ने कर्ज लेकर एडमिशन लिया है तो किसी ने जमीन बेचकर. इन छात्रों के अभिभावकों को उम्मीद है कि डॉक्टरी की पढ़ाई करने गया बेटा जल्द डॉक्टर बन उनका सहारा बनेगा, लेकिन परीक्षा न होने से उम्मीद की किरण बुझती नजर आ रही है.

इसे भी पढ़ें-आंबेडकर विश्वविद्यालय में इतने कॉलेजों को बांटी गई दो लाख से अधिक मार्कशीट

परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव ने आश्वासन दिया है कि अगस्त या सितंबर तक परीक्षाएं करायी जाएंगी. फिलहाल, हाल में होने वाली स्नातक व परास्नातक लेवल की परीक्षाओं को संपन्न कराने पर फोकस किया जा रहा है.

आगरा: जिले स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (Dr. Bhimrao Ambedkar University) से अटैच बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी) के छात्र एक ही सत्र की पढ़ाई पिछले तीन वर्ष से कर रहे हैं. साल 2016-17 बैच के छात्र पिछले तीन वर्ष से परीक्षा प्रक्रिया में सम्मिलित नहीं हुए. यानी, विश्वविद्यालय ने संबंधित पाठ्यक्रम की परीक्षाएं आयोजित ही नहीं की. ऐसे में छात्रों को जो डिग्री पांच साल में प्राप्त होनी चाहिए थी, अब उसके 8 साल में कंपलीट होने के आसार लग रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की उदासीनता से उनका भविष्य अंधकार में है.

गुरुवार को छात्रों ने नए परीक्षा नियंत्रक (examination controller) अजय कृष्ण यादव से मुलाकात कर अपनी समस्या रखी. रजिस्ट्रार ने सात दिन में कार्रवाई का भरोसा दिया है. हालांकि, सीएचएम की गाइडलाइन के अनुसार एक वर्ष में एग्जाम संपन्न कराने होते हैं, लेकिन विश्वविद्यालय ने बीएएमएस पाठ्यक्रम की 3 तीन वर्ष से परीक्षाएं आयोजित नहीं कीं.

जानकारी देते परेशान छात्र.

मजबूर छात्रों ने बताई अपनी पीड़ा

छात्र आसिफ अली ने बताया कि उन्होंने बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (Bachelor of Ayurveda Medicine and Surgery) की पढ़ाई के लिए साल 2016 में एडमिशन लिया था. एडमिशन के बाद उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना देखा. उम्मीद थी 5 साल का कोर्स कंपलीट होने पर डॉक्टर की डिग्री हाथ में होगी, लेकिन पिछले तीन वर्ष से आलम ये है कि जो छात्र फर्स्ट ईयर में हैं वो आज भी फर्स्ट ईयर में ही हैं, जो सेकंड ईयर और थर्ड ईयर में हैं वो भी यथास्थिति हैं. लिहाजा, परीक्षा न होने की वजह से इन छात्रों का भविष्य अंधेरे में है.

कॉलेजों ने जमा कराई छात्रों से फीस

छात्रों ने बताया कि आगरा यूनिवर्सिटी से 7 कॉलेज अटैच हैं. इनमें से कुछ कॉलेज ऐसे हैं जो बिना परीक्षा कराए छात्रों से फीस जमा करा ली. एक छात्र के अनुसार 5 साल के कोर्स के लिए 10 लाख रुपये से अधिक फीस चुकानी होती है. इनमें से कई ऐसे छात्र हैं, जो बेहद साधारण परिवार से हैं. किसी ने कर्ज लेकर एडमिशन लिया है तो किसी ने जमीन बेचकर. इन छात्रों के अभिभावकों को उम्मीद है कि डॉक्टरी की पढ़ाई करने गया बेटा जल्द डॉक्टर बन उनका सहारा बनेगा, लेकिन परीक्षा न होने से उम्मीद की किरण बुझती नजर आ रही है.

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परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव ने आश्वासन दिया है कि अगस्त या सितंबर तक परीक्षाएं करायी जाएंगी. फिलहाल, हाल में होने वाली स्नातक व परास्नातक लेवल की परीक्षाओं को संपन्न कराने पर फोकस किया जा रहा है.

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