आगरा : जिले में बाल मित्र पुलिस की मदद से ताजमहल, आगरा किला और अन्य स्मारकों पर सामान बेचने वाले को शिक्षा से जोड़ा जाएगा. छवि सुधारने और हॉकरी का काम कर रहे बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने को ताज सुरक्षा पुलिस ने पहल की है, जिसके तहत अब ताजमहल के पूर्वी और पश्चिमी गेट के साथ ही ताजगंज क्षेत्र में सामान बेचने वाले बच्चों को पर्यटन थाना स्थित बाल मित्र पुलिस पोस्ट पर ले गई, जहां उनकी काउंसलिंग की गई.
बता दें कि मोहब्बत की निशानी ताजमहल के लिए आगरा दुनिया भर में मशहूर है. आठवें अजूबा में शामिल ताजमहल को देखने के लिए हर दिन हजारों की संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक आगरा आते हैं. मगर आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवारों के बच्चे और किशोर ताजमहल के दोनों गेट, ताजगंज क्षेत्र और आगरा किला समेत अन्य स्मारकों पर सामान बेचते हैं, जिससे परिवार का चूल्हा जल सके. स्मारकों सामान बेचते को लेकर बच्चे पर्यटकों को घेर लेते हैं. इसके साथ ही सामान खरीदने की जिद करते हैं. जिससे देश और विदेश में ताजनगरी की छवि धूमिल होती है. कई बार विदेशी पर्यटक सामान बेच रहे बच्चों के फोटो और वीडियो तक सोशल मीडिया पर अपलोड कर चुके हैं. बता दें कि पर्यटन थाना पुलिस ने सबसे पहले यह पहल की थी, जिसका मकसद ताजमहल के पूर्वी और पश्चिमी गेट के साथ ही ताजगंज क्षेत्र में पर्यटकों को सामान बेचने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ना था, लेकिन यह पहल ज्यादा दिन तक नहीं चल सकी.
एसीपी ताज सुरक्षा सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि 'ताजमहल के पूर्वी और पश्विमी गेट पर बच्चे और किशोर सामान बेचते हैं. उन्हें एक एनजीओ की मदद से शिक्षा से जोड़ने की पहल शुरू की है, जिससे बच्चे यहां घूमने आने वाले पर्यटकों को परेशान न करें. उन्हें घेरकर सामान न बेचें. इसके लिए पर्यटन थाना पुलिस एनजीओ और बाल मित्र पुलिस की मदद से सामान बेचने वाले बच्चों की काउंसलिंग कर रही है. बच्चों के अभिभावकों को भी समझाया जा रहा है कि वह बालश्रम ना कराएं. बच्चों की काउंसलिंग करके शिक्षा से जोड़ा जा रहा है. एनजीओ की मद्द से ऐसे बच्चों को स्कूल भेजने के साथ ही शिक्षण पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने का भी कार्य किया जा रहा है, जिससे बच्चों को हाथों में ताजमहल के आस-पास सामान बेचने की बजाय कलम और पुस्तक हो.'