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नकल विहीन परीक्षा से खुश हुए सीएम योगी, सोमदेव सारस्वत को मिला 'मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार 2020' - agra teacher somdev saraswat

आगरा जिले के शिक्षक सोमदेव सारस्वत को मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार 2020 के लिए चयनित किया गया है. परीक्षाओं में नकल रोकने की पहल, बालिका शिक्षा प्रोत्साहन की मुहिम, गरीब बच्चों की आर्थिक मदद के संकल्प जैसे कार्य करने के लिए सोमदेव सारस्वत को यह पुरस्कार दिया गया है.

मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक सोमदेव सारस्वत
मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक सोमदेव सारस्वत
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Published : Sep 5, 2020, 2:17 PM IST

आगरा: परीक्षाओं में नकल रोकने की पहल, बालिका शिक्षा प्रोत्साहन की मुहिम और गरीब बच्चों की आर्थिक मदद के संकल्प ने ताजनगरी के शिक्षक सोमदेव सारस्वत को 'मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार' तक पहुंचा दिया है. राज्य सरकार ने सोमदेव सारस्वत को वर्ष 2020 के 'मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार' के लिए चयनित किया है. ईटीवी भारत ने शिक्षक सोमदेव सारस्वत से विशेष बातचीत की. जिसमें उन्होंने अपने नवाचार पर चर्चा की और जनता से अपील की, कि आर्थिक रूप से संपन्न लोग गरीब बेटियों की पढ़ाई के लिए आगे आएं. जिससे उन्हें बेहतर शिक्षा मिल सके.

सोमदेव सारस्वत, मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक

मुख्य बिंदु

  • शिक्षक सोमदेव सारस्वत 'मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार 2020' के लिए चयनित.
  • विद्यालय में किए गए नवाचार के लिए किया गया चयनित.


बता दें कि, शिक्षक सोमदेव सारस्वत खंदारी स्थित रामकृष्ण इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य हैं. वह सन् 1997 से यहां पर प्रधानाचार्य हैं. जब वे राम कृष्ण इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य बने, तब कॉलेज में 450 छात्र-छात्राएं अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ रहे थे, लेकिन सोमदेव सारस्वत ने नए नवाचार और प्रयासों से कॉलेज की छात्र की संख्या को आगे बढ़ाया. उनके इसी प्रयास और लगन के चलते कॉलेज में आज 1800 स्टूडेंट्स अध्ययनरत हैं.

अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने का सपना हो रहा पूरा

शिक्षक सोमदेव सारस्वत का कहना है कि, हर गरीब मां-बाप भी अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाना चाहते हैं, इसीलिए उन्होंने और विद्यालय प्रबंधन ने मिलकर यूपी बोर्ड से अंग्रेजी माध्यम की मान्यता ली. उनके इस प्रयास के चलते विद्यालय में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चे बेहतर शिक्षा पा रहे हैं. अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर रहे बच्चों का सन् 2020 में हाईस्कूल का रिजल्ट शत प्रतिशत रहा और इंटर का परिणाम 96 प्रतिशत रहा है.

जरूरतमंद स्टूडेंट को छात्रवृत्ति
उन्होंने कहा कि विद्यालय में साढ़े तीन सौ से अधिक ऐसे स्टूडेंट हैं, जो बेहद गरीब परिवार से हैं. यदि विद्यालय में एक गरीब परिवार के तीन बच्चे पढ़ रहे हैं तो एक बच्चे की फीस माफ करते हैं. 80% अंक लाने वाले छात्र की फीस भी आधी कर देते हैं. विद्यालय में तमाम निर्धन परिवार की बेटियां नि:शुल्क पढ़ाई कर रही हैं. उन्हें पुस्तकें भी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती है. इसके साथ ही जरूरतमंद स्टूडेंट को छात्रवृत्ति दिलाने में भी सहयोग किया जाता है.

बिना कक्ष निरीक्षक नकलविहीन परीक्षा

विद्यालय में नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए शिक्षक सोमदेव सारस्वत की ओर से परीक्षा से पहले छात्र-छात्राओं को शपथ दिलाई जाती है. परीक्षा में स्टूडेंट्स नकल नहीं करेंगे और ना ही किसी को नकल कराएंगे. यही वजह है कि परीक्षा के दौरान विद्यालय में कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी नहीं लगाई जाती है. बिना कक्ष निरीक्षक के स्टूडेंट्स परीक्षा देते हैं. यह सब बच्चों के खुद से किए संकल्प और विश्वास होता है. यह नवाचार सफल है और इससे बच्चों की जहां प्रतिभा का सही प्रदर्शन होता है, वहीं बच्चों के इस संकल्प से नकल को रोका जा सकता है.

शिक्षक सोमदेव सारस्वत सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं. स्कूल की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) यूनिट ने बिलोचपुरा रेलवे स्टेशन को गोद लिया है. जहां की पूरी साफ सफाई की व्यवस्था एनएसएस यूनिट के स्वयंसेवक उठाते हैं. सोमदेव सारस्वत माध्यमिक शिक्षा विभाग में जिला क्रीड़ा सचिव हैं. इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान उन्होंने हजारों जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने में मदद की. पर्यावरण संरक्षण को लेकर के भी सोमदेव सारस्वत कार्य करते रहते हैं.

आगरा: परीक्षाओं में नकल रोकने की पहल, बालिका शिक्षा प्रोत्साहन की मुहिम और गरीब बच्चों की आर्थिक मदद के संकल्प ने ताजनगरी के शिक्षक सोमदेव सारस्वत को 'मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार' तक पहुंचा दिया है. राज्य सरकार ने सोमदेव सारस्वत को वर्ष 2020 के 'मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार' के लिए चयनित किया है. ईटीवी भारत ने शिक्षक सोमदेव सारस्वत से विशेष बातचीत की. जिसमें उन्होंने अपने नवाचार पर चर्चा की और जनता से अपील की, कि आर्थिक रूप से संपन्न लोग गरीब बेटियों की पढ़ाई के लिए आगे आएं. जिससे उन्हें बेहतर शिक्षा मिल सके.

सोमदेव सारस्वत, मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक

मुख्य बिंदु

  • शिक्षक सोमदेव सारस्वत 'मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार 2020' के लिए चयनित.
  • विद्यालय में किए गए नवाचार के लिए किया गया चयनित.


बता दें कि, शिक्षक सोमदेव सारस्वत खंदारी स्थित रामकृष्ण इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य हैं. वह सन् 1997 से यहां पर प्रधानाचार्य हैं. जब वे राम कृष्ण इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य बने, तब कॉलेज में 450 छात्र-छात्राएं अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ रहे थे, लेकिन सोमदेव सारस्वत ने नए नवाचार और प्रयासों से कॉलेज की छात्र की संख्या को आगे बढ़ाया. उनके इसी प्रयास और लगन के चलते कॉलेज में आज 1800 स्टूडेंट्स अध्ययनरत हैं.

अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने का सपना हो रहा पूरा

शिक्षक सोमदेव सारस्वत का कहना है कि, हर गरीब मां-बाप भी अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाना चाहते हैं, इसीलिए उन्होंने और विद्यालय प्रबंधन ने मिलकर यूपी बोर्ड से अंग्रेजी माध्यम की मान्यता ली. उनके इस प्रयास के चलते विद्यालय में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चे बेहतर शिक्षा पा रहे हैं. अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर रहे बच्चों का सन् 2020 में हाईस्कूल का रिजल्ट शत प्रतिशत रहा और इंटर का परिणाम 96 प्रतिशत रहा है.

जरूरतमंद स्टूडेंट को छात्रवृत्ति
उन्होंने कहा कि विद्यालय में साढ़े तीन सौ से अधिक ऐसे स्टूडेंट हैं, जो बेहद गरीब परिवार से हैं. यदि विद्यालय में एक गरीब परिवार के तीन बच्चे पढ़ रहे हैं तो एक बच्चे की फीस माफ करते हैं. 80% अंक लाने वाले छात्र की फीस भी आधी कर देते हैं. विद्यालय में तमाम निर्धन परिवार की बेटियां नि:शुल्क पढ़ाई कर रही हैं. उन्हें पुस्तकें भी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती है. इसके साथ ही जरूरतमंद स्टूडेंट को छात्रवृत्ति दिलाने में भी सहयोग किया जाता है.

बिना कक्ष निरीक्षक नकलविहीन परीक्षा

विद्यालय में नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए शिक्षक सोमदेव सारस्वत की ओर से परीक्षा से पहले छात्र-छात्राओं को शपथ दिलाई जाती है. परीक्षा में स्टूडेंट्स नकल नहीं करेंगे और ना ही किसी को नकल कराएंगे. यही वजह है कि परीक्षा के दौरान विद्यालय में कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी नहीं लगाई जाती है. बिना कक्ष निरीक्षक के स्टूडेंट्स परीक्षा देते हैं. यह सब बच्चों के खुद से किए संकल्प और विश्वास होता है. यह नवाचार सफल है और इससे बच्चों की जहां प्रतिभा का सही प्रदर्शन होता है, वहीं बच्चों के इस संकल्प से नकल को रोका जा सकता है.

शिक्षक सोमदेव सारस्वत सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं. स्कूल की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) यूनिट ने बिलोचपुरा रेलवे स्टेशन को गोद लिया है. जहां की पूरी साफ सफाई की व्यवस्था एनएसएस यूनिट के स्वयंसेवक उठाते हैं. सोमदेव सारस्वत माध्यमिक शिक्षा विभाग में जिला क्रीड़ा सचिव हैं. इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान उन्होंने हजारों जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने में मदद की. पर्यावरण संरक्षण को लेकर के भी सोमदेव सारस्वत कार्य करते रहते हैं.

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