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बिजली बकाएदारी में टॉप पर आगरा, ऊर्जा मंत्री का मथुरा दूसरे नंबर पर

उत्तर प्रदेश में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) इस समय तंगहाली से जूझ रहा है. डीवीवीएनएल जिन 21 जिलों में विद्युत आपूर्ति करती है उनमें उपभोक्ताओं पर 7605 करोड़ रुपये की बकाएदारी है. दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की तरफ से इन जिलों में बकाया बिलों की वसूली के लिए 'बिजली कनेक्शन काटो' अभियान भी चलाया जा रहा है.

डीवीवीएनएल का खजाना खाली.
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Published : Sep 10, 2019, 9:01 PM IST

आगरा: दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) का खजाना खाली हो गया है. 21 जिलों के 12.78 लाख उपभोक्ताओं पर 7605 करोड़ रुपये की बकाएदारी है. बकाएदारी के मामले में आगरा पहले पायदान पर है जबकि सूबे के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का गृह जनपद मथुरा दूसरे नंबर पर है. दोनों जिलों में करोड़ों रुपए के बकाएदार रहते हैं. आगरा शहर में टोरेंट पावर बिजली की आपूर्ति करती है. बात अगर ग्रामीण क्षेत्र की करें तो ग्रामीण क्षेत्र में 1,47,643 उपभोक्ताओं पर डीवीवीएनएल की 879 करोड रुपये की बकाएदारी है. इस कारण ही आगरा बकाएदारी के मामले में टॉप पर है. डीवीवीएनएल के अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही से बिजली के बिलों की बकाएदारी बढ़ती ही जा रही है. आगरा में डीवीवीएनएल का मुख्यालय है. बड़े और छोटे अधिकारी इसी जिले में बैठते हैं, फिर भी अधिकारियों की नाक के नीचे उपभोक्ता मनमानी कर रहे हैं.

डीवीवीएनएल का खजाना खाली.
ग्रामीण के उपभोक्ताओं ने तोड़ी डीवीवीएनएल की कमरडीवीवीएनएल द्वारा जारी किए गए हाल के आंकड़ों को देखें तो सबसे ज्यादा बकाया राशि और बकाएदार उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्रों में है. आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र के 11,61,859 उपभोक्ता ऐसे हैं, जो बिजली का बिल नहीं जमा कर रहे हैं. ऐसे उपभोक्ताओं पर दस हजार रुपये या इससे अधिक रुपये की बकाएदारी है. ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं पर डीवीवीएनएल का 7027.95 करोड़ रुपये का बकाया है.शहरी क्षेत्र में 577 करोड़ रुपए बकायाअब अगर बात करें शहरी क्षेत्र की तो डीवीवीएनएल के आंकड़ों के मुताबिक आगरा और कानपुर देहात दो ऐसे जिले हैं, जिनमें शहरी क्षेत्र में डीवीवीएनएल की बिजली आपूर्ति नहीं है. अब जहां डीवीवीएनएल बिजली आपूर्ति करता है ऐसे बचे 19 जिलों में 11,16,528 उपभोक्ता हैं जिनपर दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का 577.64 करोड रुपये बकाया है.बकाया वसूली के लिए चल रहा 'बिजली कनेक्शन काटो' अभियान डीवीवीएनएल के एमडी एसके वर्मा का कहना है कि, साढे सात हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजली बिल का बकाया उपभोक्ताओं पर है. यह बकाया रकम वसूलनी है. क्योंकि, कंपनी की आर्थिक स्थिति कमजोर हो चुकी है. बिजली के बिलों की बकाएदारी वसूली नहीं होगी तो हमें उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करने में दिक्कत आएगी. बकाएदारी में टॉप पर आगरा जिला है. बकाया बिलों की वसूली के लिए 'बिजली कनेक्शन काटो' अभियान भी चलाया जा रहा है. कनेक्शन काटने के साथ ही बिजली विभाग की टीमें वसूली भी कर रही है.

डीवीवीएनएल के अधिकारियों की लापरवाही अब खजाने पर भारी पड़ गई है. हालात ऐसे बन गए हैं, कि यदि बकायेदारी की वसूली नहीं होती है तो बिजली आपूर्ति करना भी मुश्किल होगा. डीवीवीएनएल इसको लेकर अब बकायेदारों से वसूली के लिए 'बिजली कनेक्शन काटो' अभियान और वसूली अभियान चला रहा है.

आगरा: दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) का खजाना खाली हो गया है. 21 जिलों के 12.78 लाख उपभोक्ताओं पर 7605 करोड़ रुपये की बकाएदारी है. बकाएदारी के मामले में आगरा पहले पायदान पर है जबकि सूबे के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का गृह जनपद मथुरा दूसरे नंबर पर है. दोनों जिलों में करोड़ों रुपए के बकाएदार रहते हैं. आगरा शहर में टोरेंट पावर बिजली की आपूर्ति करती है. बात अगर ग्रामीण क्षेत्र की करें तो ग्रामीण क्षेत्र में 1,47,643 उपभोक्ताओं पर डीवीवीएनएल की 879 करोड रुपये की बकाएदारी है. इस कारण ही आगरा बकाएदारी के मामले में टॉप पर है. डीवीवीएनएल के अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही से बिजली के बिलों की बकाएदारी बढ़ती ही जा रही है. आगरा में डीवीवीएनएल का मुख्यालय है. बड़े और छोटे अधिकारी इसी जिले में बैठते हैं, फिर भी अधिकारियों की नाक के नीचे उपभोक्ता मनमानी कर रहे हैं.

डीवीवीएनएल का खजाना खाली.
ग्रामीण के उपभोक्ताओं ने तोड़ी डीवीवीएनएल की कमरडीवीवीएनएल द्वारा जारी किए गए हाल के आंकड़ों को देखें तो सबसे ज्यादा बकाया राशि और बकाएदार उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्रों में है. आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र के 11,61,859 उपभोक्ता ऐसे हैं, जो बिजली का बिल नहीं जमा कर रहे हैं. ऐसे उपभोक्ताओं पर दस हजार रुपये या इससे अधिक रुपये की बकाएदारी है. ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं पर डीवीवीएनएल का 7027.95 करोड़ रुपये का बकाया है.शहरी क्षेत्र में 577 करोड़ रुपए बकायाअब अगर बात करें शहरी क्षेत्र की तो डीवीवीएनएल के आंकड़ों के मुताबिक आगरा और कानपुर देहात दो ऐसे जिले हैं, जिनमें शहरी क्षेत्र में डीवीवीएनएल की बिजली आपूर्ति नहीं है. अब जहां डीवीवीएनएल बिजली आपूर्ति करता है ऐसे बचे 19 जिलों में 11,16,528 उपभोक्ता हैं जिनपर दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का 577.64 करोड रुपये बकाया है.बकाया वसूली के लिए चल रहा 'बिजली कनेक्शन काटो' अभियान डीवीवीएनएल के एमडी एसके वर्मा का कहना है कि, साढे सात हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजली बिल का बकाया उपभोक्ताओं पर है. यह बकाया रकम वसूलनी है. क्योंकि, कंपनी की आर्थिक स्थिति कमजोर हो चुकी है. बिजली के बिलों की बकाएदारी वसूली नहीं होगी तो हमें उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करने में दिक्कत आएगी. बकाएदारी में टॉप पर आगरा जिला है. बकाया बिलों की वसूली के लिए 'बिजली कनेक्शन काटो' अभियान भी चलाया जा रहा है. कनेक्शन काटने के साथ ही बिजली विभाग की टीमें वसूली भी कर रही है.

डीवीवीएनएल के अधिकारियों की लापरवाही अब खजाने पर भारी पड़ गई है. हालात ऐसे बन गए हैं, कि यदि बकायेदारी की वसूली नहीं होती है तो बिजली आपूर्ति करना भी मुश्किल होगा. डीवीवीएनएल इसको लेकर अब बकायेदारों से वसूली के लिए 'बिजली कनेक्शन काटो' अभियान और वसूली अभियान चला रहा है.

Intro:ईटीवी भारत स्पेशल
डेस्क ध्यानार्थ::: सर श्री शैलेंद्र जी के आदेशानुसार यह खबर बेहतर पैकेजिंग के लिए भेजी गई है. इसमें आंकड़ों का ग्राफिक्स बनाया जाएगा तो बेहतरीन पैकेज बनेगा . इस खबर में ईटीवी भारत स्पेशल का लोगो लगा लिया जाए.....

आगरा.
डीवीवीएनएल का खजाना खाली हो गया है. 21 जिलों के 12.78 लाख उपभोक्ताओं पर 7605 करोड़ रुपए की बकाएदारी है. बकाएदारी के मामले में आगरा पहले पायदान पर है. और सूबे के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का गृह जनपद मथुरा दूसरे नंबर पर है. दोनों जिलों में करीब करोड़ रुपए की बकाएदारी है. जबकि, आगरा शहर में टोरेंट पावर बिजली की आपूर्ति करती है. ग्रामीण क्षेत्र में 147643 उपभोक्ताओं पर डीवीवीएनएल की 879 करोड रुपए की बकाएदारी है. इससे ही आगरा टॉप पर है. डीवीवीएनएल के अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही से बिजली के बिलों की बकाएदारी बढ़ती ही जा रही है. आगरा में डीवीवीएनएल का मुख्यालय है. बड़े और छोटे अधिकारी इसी जिले में बैठते हैं, फिर भी अधिकारियों की नाक के नीचे उपभोक्ता मनमानी कर रहे हैं.


Body:ग्रामीण के उपभोक्ताओं ने तोड़ी डीवीवीएनएल की कमर

डीवीवीएनएल के जारी किए गए हाल के आंकड़ों को देखें तो सबसे ज्यादा बकायदा उपभोक्ता और बकाया राशि ग्रामीण क्षेत्रों में है. आंकड़ों के मुताबिक 1161859 उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्र के हैं, जो बिजली का बिल नहीं जमा कर रहे हैं. ऐसे उपभोक्ताओं पर दस हजार रुपए या इससे अधिक रुपए की बकाएदारी है. ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं पर डीवीवीएनएल का 7027.95 करोड़ रुपए का बकाया है.

शहरी क्षेत्र में 577 करोड़ रुपए बकाया
डीवीवीएनएल के आंकड़ों को देखें तो आगरा और कानपुर देहात दो ऐसे जिले हैं, जिनमें शहरी क्षेत्र में डीवीवीएनएल की बिजली आपूर्ति नहीं है. अब डीवीवीएनएल के बचे 19 जिलों में 1116528 उपभोक्ताओं पर 577.6 4 करोड रुपए बकाया है.

डीवीवीएनएल के एमडी एसके वर्मा का कहना है कि, साढे सात हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का बिजली बिल का बकाया उपभोक्ताओं पर है. यह बकाया रकम वसूलनी है. क्योंकि, कंपनी की आर्थिक स्थिति कमजोर हो चुकी है. बिजली के बिलों की बकाएदारी वसूली नहीं होगी तो हमें उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करने में दिक्कत आएगी. बकाएदारी में टॉप पर आगरा जिला है. बकाया बिलों की वसूली के लिए 'बिजली कनेक्शन काटो' अभियान भी चलाया जा रहा है. कनेक्शन काटने के साथ ही बिजली विभाग की टीमें वसूली भी कर रही है.
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ग्राफिक्स के लिए आंकड़े

टॉप फाइव बकाएदार उपभोक्ता वाले जिले
जिला.........बकाएदार उपभोक्ता
आगरा............ 147643
मथुरा ...............114553
फिरोजाबाद.......109479
अलीगढ़ .............100720
कन्नौज ................66806

टॉप फाइव बकाएदारी वाले जिले
जिला................. बकाया बिल (करोड़ में)
आगरा....................879 करोड़ रुपए
मथुरा .................... 732 करोड़ रुपए
झांसी......................557 करोड़ रुपए
फिरोजाबाद..............555 करोड़ रुपए
अलीगढ़ ................... 495 करोड़ रुपए

डीवीवीएनएल के अन्य जिलों के हाल
जिला.........बकाएदार उपभोक्ता........ बकाया बिल (करोड़ में)
हाथरस ..............58880.............. 371 करोड़ रुपए
कानपुर देहात ......54760 .............342करोड़ रुपए
कन्नौज ..............66808..............325 करोड़ रुपए
महोबा................ 47999...............318 करोड़ रुपए
फर्रुखाबाद...........52414 ..............306 करोड़ रुपए
हमीरपुर ..............43869 ...............300 करोड़ रुपए
औरैया.................44040.................299 करोड़ रुपए
जालौन................47732 .................285 करोड़ रुपए
इटावा ..................54902 ...............283 करोड़ रुपए
मैनपुरी .................61569 ............ 276 करोड़ रुपए
कानपुर ................45337 ................254करोड़ रुपए
बांदा ...................41699 .................242 करोड़ रुपए
ललितपुर ...............37876................241 करोड़ रुपए
चित्रकूट............... ...24794.................240 करोड़ रुपए
एटा .................. ...35965 ................173 करोड़ रुपए
कासगंज ................20932................. 124 करोड़ रुपए


Conclusion:डीवीवीएनएल के अधिकारियों की लापरवाही अब खजाने पर भारी पड़ गई है. हालात ऐसे बन गए हैं, कि यदि बकायेदारी की वसूली नहीं होती है तो बिजली आपूर्ति करना भी मुश्किल होगा. डीवीवीएनएल इसको लेकर अब बकायेदारों से वसूली के लिए 'बिजली कनेक्शन काटो' अभियान और वसूली अभियान चला रहा है.

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बाइट एसके वर्मा, एमडी (डीवीवीएनएल) की।

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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