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डॉक्टर्स ने किराए पर दे दीं डिग्रियां, एक डॉक्टर के नाम 65 अस्पताल, आगरा में 50 हॉस्पिटल के लाइसेंस निरस्त - आगरा में अस्तपतालों के लाइसेंस कैंसिल

आगरा में एक डॉक्टर के नाम से एक से अधिक स्वास्थ्य इकाइयाों का पंजीकरण कराने का खुलासा हुआ है. इसके बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की गई. जानकारी के लिए पढ़िए पूरी खबर.

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Published : Jun 20, 2023, 11:49 AM IST

Updated : Jun 20, 2023, 1:49 PM IST

आगरा: आगरा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने चौंकने वाला खुलासा किया है. इसमें ऐसे 15 चिकित्सक सामने आए हैं, जिनके नाम से 10 से 65 हॉस्पिटल और पैथोलॉजी पंजीकृत हैं. जो आगरा और अलीगढ़ मंडल के साथ ही प्रदेश के अन्य शहरों में संचालित हो रहे हैं. इसके चलते ही आगरा में सत्र 2023-24 के लिए 50 हॉस्पिटल, पैथोलॉजी लैब, रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटरों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं. इसके साथ ही 154 चिकित्सा संस्थानों के नवीनीकरण पर रोक लगा दी गई है. आगरा सीएमओ की इस कार्रवाई से अवैध हॉस्पिटल और स्वास्थ्य इकाइयों के संचालकों में खलबली मची हुई है. सभी स्वास्थ्य संस्थान संचालकों और पंजीकरण कराने वाले को सत्यापित अभिलेख पेश करने के लिए सात दिनों का समय दिया गया है.

बता दें कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने नए सत्र के नवीनीकरण के लिए स्वास्थ्य इकाइयों से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे. इसमें जिले में 1269 इकाइयों ने आवेदन किए हैं. इनमें से 569 संस्थानों का नवीनीकरण कर दिया गया है. बाकी के चिकित्सा संस्थानों के दस्तावेजों की पड़ताल की तो 109 ऐसे हॉस्पिटल और लैब मिली हैं, जहां पर मानक ही पूरे नहीं हैं. 15 चिकित्सकों के नाम पर 449 हॉस्पिटल्स और अन्य इकाइयां पंजीकृत हैं. जो आगरा के साथ ही फिरोजाबाद, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, मैनपुरी, इटावा, कानपुर, मेरठ समेत अन्य जिलों से भी पंजीकृत हैं. इसमें समान चिकित्सकों के नाम प्रभारी चिकित्सक के रूप में बताए गए हैं. यानी ये चिकित्सक इन इकाइयों में नियमित पूर्णकालिक सेवाएं देते हैं. जबकि नियमानुसार, एक चिकित्सा इकाई में सिर्फ एक ही पूर्णकालिक चिकित्सक सेवाएं दे सकता है.

एक नजर में आगरा के चिकित्सा संस्थान
एक नजर में आगरा के चिकित्सा संस्थान

पहले भी पकड़ में आया था खेल

बता दें कि बीते साल भी ऐसे कई मामले पकड़ में आए थे, जिसकी रिपोर्ट बनी थी. लेकिन, सभी में विभाग और चिकित्सकों की मिलीभगत से कार्रवाई की फाइलें दाखिल दफ्तर हो गई थीं. अब फिर नया मामला सामने आया है. विभाग ने 711 चिकित्सा इकाइयों के आवेदनों को स्वीकार कर लिया है. जबकि, 154 इकाइयों के लाइसेंस नवीनीकरण को रोक दिया है. दस्तावेज के अभाव में सभी के लाइसेंस निरस्त किए जा सकते हैं. इससे पूर्व हुई जांच में कई बार नामी चिकित्सक के नाम सामने आए थे. जिनके नाम पर कई इकाइयां संचालित हो रही थीं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 19 चिकित्सक को नोटिस जारी किए थे. इसमें कुछेक ने खुद को पाक-साफ बताकर पल्ला झाड़ लिया था.

8 चिकित्सक के नाम एक से ज्यादा हॉस्पिटल

सीएमओ कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक, एक चिकित्सक के नाम से एक से अधिक अस्पताल, पैथोलॉजी लैब संचालित हो रही हैं. ऐसे आठ चिकित्सक के नाम सामने आए हैं. इनके नाम पर दो से पांच अस्पताल पाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने सभी को नोटिस भेजे हैं. हालांकि, अधिकतर मामले पुराने हैं. कई चिकित्सक पहले ही अपने शपथ-पत्र देकर क्लीन चिट पा चुके हैं.

एक से दो पैथोलाजी चला सकते हैं

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के नियमानुसार, एक चिकित्सक के नाम पर एक से अधिक पैथोलाजी, रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटर चलाए जा सकते हैं. लेकिन, सभी सेंटर पर चिकित्सक के बैठने का समय तय होना चाहिए. क्योंकि, ज्यादातर काम लैब तकनीशियनों का होता है. जांच रिपोर्ट का अध्ययन कर डॉक्टर दस्तखत करते हैं. अब डिजिटल साइन भी होने लगे हैं.

नोटिस दिए, जबाव का इंतजार

सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि ज्यादातर मामले पुराने हैं. कुछ और शिकायतों के चलते हमने पुराना रिकार्ड भी निकाला है. इसमें 15 डॉक्टरों के नाम हैं. इनमें से आगरा के सिर्फ आठ हैं. उनमें भी कइयों ने पिछले साल ही शपथ पत्र दाखिल कर दिए हैं. शेष को नोटिस भेज दी गई हैं. उनके जबाव का इंतजार किया जा रहा है.

सीसीटीवी कैमरे लगवाना अनिवार्य

सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि चिकित्सा इकाइयों में भी डक्टरों के नाम, अन्य मानकों की कमी, अधूरे कागजात आदि सामने आए हैं. उन अस्पतालों का नवीनीकरण फिलहाल रोक दिया गया है. सभी से सात दिनों के अंदर पूर्ण कागजात और प्रमाण मांगे गए हैं, जिनकी पड़ताल की जाएगी. इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि जिन डॉक्टरों के नाम से एक से अधिक हॉस्पिटल, पैथोलॉजी लैब और क्लीनिक संचालित हैं. उन्हें बोर्ड पर बैठने का समय दर्ज करना होगा. इसके साथ ही हर संस्थान पर सीसीटीवी लगवाना अनिवार्य है, जिससे टीम जांच के समय में सीसीटीवी में चिकित्सक की उपस्थित चेक कर सके.

डॉ. रविद्र कुमार के नाम 10 पैथोलॉजी लैब

आगरा में 10 पैथोलॉजी लैब डॉ. रविंद्र कुमार के नाम से संचालित हैं. इसके साथ ही डॉ. रविन्द्र कुमार के नाम से अलीगढ़, बुलंदशहर, इटावा, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, हरदोई, हाथरस, कन्नौज, कानपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, प्रतापगढ़ में लैब और हॉस्पिटल पंजीकरण हैं.

इनके नवीनीकरण पर लगाई रोक

प्रकृति डे केयर आई सेंटर, श्रीराम रतन हॉस्पिटल, रॉयल मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, द्वारिकाधीश हॉस्पिटल, मां भवानी हॉस्पिटल, प्रज्ञा हॉस्पिटल, डॉ. अरुण कुमार अल्ट्रासाउंड क्लीनिक, आगरा अल्ट्रासाउंड सेंटर, गया प्रसाद हॉस्पिटल, निधि आई एंड मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, ग्लोबल हास्पिटल, उत्तम हॉस्पिटल, न्यू जय हॉस्पिटल, केजी हॉस्पिटल, आरजे हॉस्पिटल, शाह हॉस्पिटल, जीएम हॉस्पिटल, डीआर हॉस्पिटल, श्री श्याम जी नर्सिंग होम और वंदना हॉस्पिटल.

इन पैथोलॉजी के नवीनीकरण पर रोक

एक्यूरेट पैथोलाजी, पूजा पैथोलाजी लैब, वरुण पैथोलाली लैब, न्यू विजन पैथोलाजी, जीनियस पैथोलाजी सेंटर, दिव्या पैथोलाजी एंड डायग्नोस्टिक सेंटर जीआर पैथोलाजी, श्री पैथोलाजी, न्यू डीएनएस पैथोलाजी लैब, बीके पैथोलाजी सेंटर, अंजलि डायग्नोस्टिक एंड पैथोलाजी सेंटर, एमएस पैथोलाजी सेंटर, आगरा हेल्थ केयर पैथोलाजी, श्री गनेश पैथोलाजी, सना डायग्नोस्टिक सेंटर, समय पैथोलाजी लैब, एसजी पैथोलाजी कलेक्शन सेंटर, राधा कृष्णा पैथोलाजी, नाइस पैथोलाजी, डीएनएस पैथ लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर, आधुनिक डायग्नोस्टिक सेंटर, न्यू निदान पैथोलाजी लैब, डीएसआर पैथ लॅब.

चिकित्सक का नाम पंजीकृत अस्पताल

डॉ मनीष कुमार वार्ष्णेय 65

डॉ. राजेश कुमार 52

डॉ. अमित कुमार 43

डॉ. बालेंद्र सिंह सोढी 38

डॉ. अशोक कुमार गुप्ता 37

डॉ. अशोक कुमार 32

डॉ. रविंद्र कुमार सिंह 34

डॉ. अनिल कुमार 24

डॉ. सुनील कुमार 22

डॉ. अरुण कुमार 21

यह भी पढ़ें: गर्मी से निपटने के लिए घरों से पंखा और कूलर लेकर अस्पताल पहुंच रहे मरीज

आगरा: आगरा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने चौंकने वाला खुलासा किया है. इसमें ऐसे 15 चिकित्सक सामने आए हैं, जिनके नाम से 10 से 65 हॉस्पिटल और पैथोलॉजी पंजीकृत हैं. जो आगरा और अलीगढ़ मंडल के साथ ही प्रदेश के अन्य शहरों में संचालित हो रहे हैं. इसके चलते ही आगरा में सत्र 2023-24 के लिए 50 हॉस्पिटल, पैथोलॉजी लैब, रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटरों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं. इसके साथ ही 154 चिकित्सा संस्थानों के नवीनीकरण पर रोक लगा दी गई है. आगरा सीएमओ की इस कार्रवाई से अवैध हॉस्पिटल और स्वास्थ्य इकाइयों के संचालकों में खलबली मची हुई है. सभी स्वास्थ्य संस्थान संचालकों और पंजीकरण कराने वाले को सत्यापित अभिलेख पेश करने के लिए सात दिनों का समय दिया गया है.

बता दें कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने नए सत्र के नवीनीकरण के लिए स्वास्थ्य इकाइयों से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे. इसमें जिले में 1269 इकाइयों ने आवेदन किए हैं. इनमें से 569 संस्थानों का नवीनीकरण कर दिया गया है. बाकी के चिकित्सा संस्थानों के दस्तावेजों की पड़ताल की तो 109 ऐसे हॉस्पिटल और लैब मिली हैं, जहां पर मानक ही पूरे नहीं हैं. 15 चिकित्सकों के नाम पर 449 हॉस्पिटल्स और अन्य इकाइयां पंजीकृत हैं. जो आगरा के साथ ही फिरोजाबाद, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, मैनपुरी, इटावा, कानपुर, मेरठ समेत अन्य जिलों से भी पंजीकृत हैं. इसमें समान चिकित्सकों के नाम प्रभारी चिकित्सक के रूप में बताए गए हैं. यानी ये चिकित्सक इन इकाइयों में नियमित पूर्णकालिक सेवाएं देते हैं. जबकि नियमानुसार, एक चिकित्सा इकाई में सिर्फ एक ही पूर्णकालिक चिकित्सक सेवाएं दे सकता है.

एक नजर में आगरा के चिकित्सा संस्थान
एक नजर में आगरा के चिकित्सा संस्थान

पहले भी पकड़ में आया था खेल

बता दें कि बीते साल भी ऐसे कई मामले पकड़ में आए थे, जिसकी रिपोर्ट बनी थी. लेकिन, सभी में विभाग और चिकित्सकों की मिलीभगत से कार्रवाई की फाइलें दाखिल दफ्तर हो गई थीं. अब फिर नया मामला सामने आया है. विभाग ने 711 चिकित्सा इकाइयों के आवेदनों को स्वीकार कर लिया है. जबकि, 154 इकाइयों के लाइसेंस नवीनीकरण को रोक दिया है. दस्तावेज के अभाव में सभी के लाइसेंस निरस्त किए जा सकते हैं. इससे पूर्व हुई जांच में कई बार नामी चिकित्सक के नाम सामने आए थे. जिनके नाम पर कई इकाइयां संचालित हो रही थीं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 19 चिकित्सक को नोटिस जारी किए थे. इसमें कुछेक ने खुद को पाक-साफ बताकर पल्ला झाड़ लिया था.

8 चिकित्सक के नाम एक से ज्यादा हॉस्पिटल

सीएमओ कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक, एक चिकित्सक के नाम से एक से अधिक अस्पताल, पैथोलॉजी लैब संचालित हो रही हैं. ऐसे आठ चिकित्सक के नाम सामने आए हैं. इनके नाम पर दो से पांच अस्पताल पाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने सभी को नोटिस भेजे हैं. हालांकि, अधिकतर मामले पुराने हैं. कई चिकित्सक पहले ही अपने शपथ-पत्र देकर क्लीन चिट पा चुके हैं.

एक से दो पैथोलाजी चला सकते हैं

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के नियमानुसार, एक चिकित्सक के नाम पर एक से अधिक पैथोलाजी, रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटर चलाए जा सकते हैं. लेकिन, सभी सेंटर पर चिकित्सक के बैठने का समय तय होना चाहिए. क्योंकि, ज्यादातर काम लैब तकनीशियनों का होता है. जांच रिपोर्ट का अध्ययन कर डॉक्टर दस्तखत करते हैं. अब डिजिटल साइन भी होने लगे हैं.

नोटिस दिए, जबाव का इंतजार

सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि ज्यादातर मामले पुराने हैं. कुछ और शिकायतों के चलते हमने पुराना रिकार्ड भी निकाला है. इसमें 15 डॉक्टरों के नाम हैं. इनमें से आगरा के सिर्फ आठ हैं. उनमें भी कइयों ने पिछले साल ही शपथ पत्र दाखिल कर दिए हैं. शेष को नोटिस भेज दी गई हैं. उनके जबाव का इंतजार किया जा रहा है.

सीसीटीवी कैमरे लगवाना अनिवार्य

सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि चिकित्सा इकाइयों में भी डक्टरों के नाम, अन्य मानकों की कमी, अधूरे कागजात आदि सामने आए हैं. उन अस्पतालों का नवीनीकरण फिलहाल रोक दिया गया है. सभी से सात दिनों के अंदर पूर्ण कागजात और प्रमाण मांगे गए हैं, जिनकी पड़ताल की जाएगी. इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि जिन डॉक्टरों के नाम से एक से अधिक हॉस्पिटल, पैथोलॉजी लैब और क्लीनिक संचालित हैं. उन्हें बोर्ड पर बैठने का समय दर्ज करना होगा. इसके साथ ही हर संस्थान पर सीसीटीवी लगवाना अनिवार्य है, जिससे टीम जांच के समय में सीसीटीवी में चिकित्सक की उपस्थित चेक कर सके.

डॉ. रविद्र कुमार के नाम 10 पैथोलॉजी लैब

आगरा में 10 पैथोलॉजी लैब डॉ. रविंद्र कुमार के नाम से संचालित हैं. इसके साथ ही डॉ. रविन्द्र कुमार के नाम से अलीगढ़, बुलंदशहर, इटावा, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, हरदोई, हाथरस, कन्नौज, कानपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, प्रतापगढ़ में लैब और हॉस्पिटल पंजीकरण हैं.

इनके नवीनीकरण पर लगाई रोक

प्रकृति डे केयर आई सेंटर, श्रीराम रतन हॉस्पिटल, रॉयल मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, द्वारिकाधीश हॉस्पिटल, मां भवानी हॉस्पिटल, प्रज्ञा हॉस्पिटल, डॉ. अरुण कुमार अल्ट्रासाउंड क्लीनिक, आगरा अल्ट्रासाउंड सेंटर, गया प्रसाद हॉस्पिटल, निधि आई एंड मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, ग्लोबल हास्पिटल, उत्तम हॉस्पिटल, न्यू जय हॉस्पिटल, केजी हॉस्पिटल, आरजे हॉस्पिटल, शाह हॉस्पिटल, जीएम हॉस्पिटल, डीआर हॉस्पिटल, श्री श्याम जी नर्सिंग होम और वंदना हॉस्पिटल.

इन पैथोलॉजी के नवीनीकरण पर रोक

एक्यूरेट पैथोलाजी, पूजा पैथोलाजी लैब, वरुण पैथोलाली लैब, न्यू विजन पैथोलाजी, जीनियस पैथोलाजी सेंटर, दिव्या पैथोलाजी एंड डायग्नोस्टिक सेंटर जीआर पैथोलाजी, श्री पैथोलाजी, न्यू डीएनएस पैथोलाजी लैब, बीके पैथोलाजी सेंटर, अंजलि डायग्नोस्टिक एंड पैथोलाजी सेंटर, एमएस पैथोलाजी सेंटर, आगरा हेल्थ केयर पैथोलाजी, श्री गनेश पैथोलाजी, सना डायग्नोस्टिक सेंटर, समय पैथोलाजी लैब, एसजी पैथोलाजी कलेक्शन सेंटर, राधा कृष्णा पैथोलाजी, नाइस पैथोलाजी, डीएनएस पैथ लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर, आधुनिक डायग्नोस्टिक सेंटर, न्यू निदान पैथोलाजी लैब, डीएसआर पैथ लॅब.

चिकित्सक का नाम पंजीकृत अस्पताल

डॉ मनीष कुमार वार्ष्णेय 65

डॉ. राजेश कुमार 52

डॉ. अमित कुमार 43

डॉ. बालेंद्र सिंह सोढी 38

डॉ. अशोक कुमार गुप्ता 37

डॉ. अशोक कुमार 32

डॉ. रविंद्र कुमार सिंह 34

डॉ. अनिल कुमार 24

डॉ. सुनील कुमार 22

डॉ. अरुण कुमार 21

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Last Updated : Jun 20, 2023, 1:49 PM IST
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