आगराः ताजनगरी में हर दिन प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. जहरीली हवा लोगों की सांस फुलाने लगी है. गुरुवार को ताजनगरी की हवा राजधानी दिल्ली से भी ज्यादा खराब रही. दिल्ली का जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 208 रहा. वहीं, आगरा में एक्यूआई 272 तक पहुंच गया. देश के प्रदूषित शहरों में आगरा का सातवां स्थान रहा, जबकि प्रदेश में आगरा चौथा प्रदूषित शहर रहा. इतना ही नहीं, गुरुवार को आगरा का यह एक्यूआई बुधवार के मुकाबले 63 अंक ज्यादा रहा.
आगरा में स्मार्ट सिटी के तहत विकास कार्य के दर्जनों प्रोजेक्ट चल रहे हैं. जिसमें सीवर लाइन, पेयजल की पाइप लाइन बिछाने के साथ ही फुटपाथ बनाने और अन्य कार्य चल रहे हैं. इन सभी विकास कार्य के लिए शहर में तमाम सड़कों की खुदाई की गई है. तमाम गलियां भी खुदी पड़ी हैं. शहर में सड़कों और गलियों की खुदाई से निकली मिट्टी यूं ही पड़ी है. न उस पर पानी का छिड़काव हो रहा और न हरी तिरपाल लगाकर कार्य हो रहा है, जिससे दिनभर धूल उड़ती है.
इससे लगातार वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. आगरा के आसपास के जिलों में पराली भी खूब जलाई जा रही है. इसका असर भी आगरा की हवा पर पड़ रहा है. ताजनगरी में बढ़ता वायु प्रदूषण अस्थमा और श्वास रोगियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
गुरुवार को मुरादाबाद का एक्यूआई 296, मेरठ 286, बागपत 284, भिवाड़ी 279, चरखी दादरी 275, यमुनानगर 275, आगरा 272, बुलंदशहर 265, मुजफ्फरनगर 253 और लखनऊ का एक्यूआई 250 रहा.
यह एक्यूआई के आंकड़े केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट के मुताबिक आठ अक्टूबर की शाम तक के हैं. एक्यूआई का मानक - 0 से 50 एक्यूआई होने पर अच्छी हवा. 51 से 100 एक्यूआई होने पर संतोषजनक हवा. 101 से 200 एक्यूआई होने पर मध्यम हवा. 201 से 300 एक्यूआई होने पर खराब हवा. 301 से 400 एक्यूआई होने पर बेहद खराब हवा. 401 से 500 एक्यूआई होने पर खतरनाक हवा मानी जाती है.