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लोगों के लिए प्रेरणा बना आगरा का एक रेस्टोरेंट, जानिए क्या है खास बात

आगरा के टीडीआई मॉल में बने 'ब्रेड एन माइम' (Bread n mime) रेस्टोरेंट में मूकबधिर स्टॉफ को रखा गया है. स्टॉफ के लिए इस रेस्टोरेंट को स्पेशली डिजाइन किया गया है.

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ब्रेड एन माइम रेस्टोरेंट
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Published : Aug 6, 2022, 2:33 PM IST

आगरा: ताजनगरी में एक ऐसा अनोखा रेस्टोरेंट हैं, जहां लोग बोलकर नहीं सांकेतिक भाषा में अपना पसंदीदा भोजन मंगाते हैं. यह रेस्टोरेंट ताजगंज के टीडीआई मॉल में स्थित है. यहां मूकबधिरों को काम पर रखा जाता है. लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं.

ताजनगरी के एक रेस्टोरेंट में मूकबधिरों को काम दिया जा रहा है. यहां आने वाले ग्राहक इन मूकबधिर को देख कर हैरान रह जाते हैं. यहां हर बात संकेतो में की जाती हैं. ख़ाने के आर्डर से लेकर बिलिंग सब संकेतो में होती हैं. इस रेस्टोरेंट के मालिक दविष वशिष्ठ हैं. जोकि पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं. इससे पहले वह मुंबई में काम करते थे. लेकिन, दविष को शुरू से ही अपना कुछ अपना करने का मन था. इसलिए उन्होंने फतेहाबाद रोड स्थित टीडीआई मॉल में 'ब्रेड एन माइम' (Bread n mime) नाम से एक रेस्टोरेंट को शुरू किया. शुरआत में दविष आम लोगों को ही नौकरी पर रखना चाहते थे. लेकिन, एक मूकबधिर की मेहनत और आत्मसमर्पण देखकर उन्हें यह अनोखा विचार आया. इसके बाद दविष ने अपने रेस्टोरेंट में मूकबधिर को नौकरी देने की पेशकश शुरू की.

रेस्टोरेंट के संचालक दविष वशिष्ठ ने दी जानकारी

जाहिद ने बदला था दविष का मन
'ब्रेड एन माइम' (Bread n mime) रेस्टोरेंट की नींव दविष वशिष्ठ ने 2021 में रखी थी. कोविड-19 में दविष रेस्टोरेंट को लेकर बेहद चिंतित थें. रेस्टोरेंट लॉकडाउन खत्म होने के बाद पुनः शुरू हुआ. लेकिन, पुराना स्टॉफ लौट कर नहीं आया. तभी जाहिद नाम का एक मूकबधिर युवक दविष के पास काम मांगने आया. पहले दविष ने सोचा यह न सुन सकता हैं न बोल सकता हैं तो यह काम कैसे करेगा. लेकिन, दविष ने उसे अपने रेस्टोरेंट में नौकरी दे दी. मूकबधिर जाहिद हर बात इशारों में समझने में माहिर था. उसकी इस कला को देखकर एक दिन दविष को विचार आया कि जब सुनने और बोलने में अक्षम जाहिद इतनी शानदार तरीके से रेस्टोरेंट के काम को अंजाम दे सकता हैं तो क्यों न ऐसे अन्य लोगों को मौका दिया जाए, जो सिर्फ इस रेस्टोरेंट में काम ही नहीं बल्कि, लोगों के लिए भी नजीर बनें. दविष ने जाहिद के बाद समा, पीयूष और मसूद को काम दिया है जोकि आज तक 'ब्रेड एन माइम' (Bread n mime) रेस्टोरेंट में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

इसे भी पढ़े-इनरव्हील क्लब लखनऊ प्रेरणा ने स्वच्छ भारत मिशन के लिए उठाया कदम, लोगों को किया जागरूक


मूकबधिर स्टॉफ के लिए स्पेशली डिजाइन है रेस्टोरेंट
'ब्रेड एन माइम' (Bread n mime) रेस्टोरेंट संचालक दविष वशिष्ठ ने अपनी मां विजया के साथ मिलकर रेस्टोरेंट को मूकबधिर स्टॉफ के लिए स्पेशली डिजाइन किया है. रेस्टोरेंट की हर टेबल पर एक इलेक्ट्रिक बटन (swich) लगा है. इसे दबाने मात्र से रिसेप्शन पर लगे बल्ब (light) जल उठते हैं. उस बल्ब (light) पर टेबल अनुसार नंबर लिखे हैं. जिसे जलता देख स्टॉफ तत्काल टेबल पर आर्डर के लिए पहुंच जाता हैं. टेबल पर रेस्टोरेंट की तरफ से एक ऑर्डर किताब (order Booklet) रखी गई है. उस ऑर्डर किताब (order booklet) पर मेनू कार्ड (Menu Card) में लिखें व्यंजन कोड (Recipes Code) के अनुसार मात्रा (Quantitie) के हिसाब से आर्डर लिखकर दिया जाता है. इसके बाद स्टॉफ पूरी मेहनत से ग्राहकों के ऑर्डर्स (Orders) को उन तक पहुंचाते हैं. इसके साथ टेबल पर एक सामान्य सूची (Journal Catalogue) होती है. इसमे मेनू कार्ड (Menu card), चम्मच (Spoon), खाने का कांटा (Folk) और अन्य कई जरूरी सामानों के चित्र (Pictures) होते हैं. इन्हें दिखाकर ग्राहक स्टॉफ को सांकेतिक भाषा मे दर्शाकर मांग कर सकता है.

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आगरा: ताजनगरी में एक ऐसा अनोखा रेस्टोरेंट हैं, जहां लोग बोलकर नहीं सांकेतिक भाषा में अपना पसंदीदा भोजन मंगाते हैं. यह रेस्टोरेंट ताजगंज के टीडीआई मॉल में स्थित है. यहां मूकबधिरों को काम पर रखा जाता है. लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं.

ताजनगरी के एक रेस्टोरेंट में मूकबधिरों को काम दिया जा रहा है. यहां आने वाले ग्राहक इन मूकबधिर को देख कर हैरान रह जाते हैं. यहां हर बात संकेतो में की जाती हैं. ख़ाने के आर्डर से लेकर बिलिंग सब संकेतो में होती हैं. इस रेस्टोरेंट के मालिक दविष वशिष्ठ हैं. जोकि पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं. इससे पहले वह मुंबई में काम करते थे. लेकिन, दविष को शुरू से ही अपना कुछ अपना करने का मन था. इसलिए उन्होंने फतेहाबाद रोड स्थित टीडीआई मॉल में 'ब्रेड एन माइम' (Bread n mime) नाम से एक रेस्टोरेंट को शुरू किया. शुरआत में दविष आम लोगों को ही नौकरी पर रखना चाहते थे. लेकिन, एक मूकबधिर की मेहनत और आत्मसमर्पण देखकर उन्हें यह अनोखा विचार आया. इसके बाद दविष ने अपने रेस्टोरेंट में मूकबधिर को नौकरी देने की पेशकश शुरू की.

रेस्टोरेंट के संचालक दविष वशिष्ठ ने दी जानकारी

जाहिद ने बदला था दविष का मन
'ब्रेड एन माइम' (Bread n mime) रेस्टोरेंट की नींव दविष वशिष्ठ ने 2021 में रखी थी. कोविड-19 में दविष रेस्टोरेंट को लेकर बेहद चिंतित थें. रेस्टोरेंट लॉकडाउन खत्म होने के बाद पुनः शुरू हुआ. लेकिन, पुराना स्टॉफ लौट कर नहीं आया. तभी जाहिद नाम का एक मूकबधिर युवक दविष के पास काम मांगने आया. पहले दविष ने सोचा यह न सुन सकता हैं न बोल सकता हैं तो यह काम कैसे करेगा. लेकिन, दविष ने उसे अपने रेस्टोरेंट में नौकरी दे दी. मूकबधिर जाहिद हर बात इशारों में समझने में माहिर था. उसकी इस कला को देखकर एक दिन दविष को विचार आया कि जब सुनने और बोलने में अक्षम जाहिद इतनी शानदार तरीके से रेस्टोरेंट के काम को अंजाम दे सकता हैं तो क्यों न ऐसे अन्य लोगों को मौका दिया जाए, जो सिर्फ इस रेस्टोरेंट में काम ही नहीं बल्कि, लोगों के लिए भी नजीर बनें. दविष ने जाहिद के बाद समा, पीयूष और मसूद को काम दिया है जोकि आज तक 'ब्रेड एन माइम' (Bread n mime) रेस्टोरेंट में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

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मूकबधिर स्टॉफ के लिए स्पेशली डिजाइन है रेस्टोरेंट
'ब्रेड एन माइम' (Bread n mime) रेस्टोरेंट संचालक दविष वशिष्ठ ने अपनी मां विजया के साथ मिलकर रेस्टोरेंट को मूकबधिर स्टॉफ के लिए स्पेशली डिजाइन किया है. रेस्टोरेंट की हर टेबल पर एक इलेक्ट्रिक बटन (swich) लगा है. इसे दबाने मात्र से रिसेप्शन पर लगे बल्ब (light) जल उठते हैं. उस बल्ब (light) पर टेबल अनुसार नंबर लिखे हैं. जिसे जलता देख स्टॉफ तत्काल टेबल पर आर्डर के लिए पहुंच जाता हैं. टेबल पर रेस्टोरेंट की तरफ से एक ऑर्डर किताब (order Booklet) रखी गई है. उस ऑर्डर किताब (order booklet) पर मेनू कार्ड (Menu Card) में लिखें व्यंजन कोड (Recipes Code) के अनुसार मात्रा (Quantitie) के हिसाब से आर्डर लिखकर दिया जाता है. इसके बाद स्टॉफ पूरी मेहनत से ग्राहकों के ऑर्डर्स (Orders) को उन तक पहुंचाते हैं. इसके साथ टेबल पर एक सामान्य सूची (Journal Catalogue) होती है. इसमे मेनू कार्ड (Menu card), चम्मच (Spoon), खाने का कांटा (Folk) और अन्य कई जरूरी सामानों के चित्र (Pictures) होते हैं. इन्हें दिखाकर ग्राहक स्टॉफ को सांकेतिक भाषा मे दर्शाकर मांग कर सकता है.

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