आगरा. जनपद में आगरा महानगर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के लोगों ने शनिवार को बैठक रख अपनी बात रखी. कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आगरा प्रशासन फ्रीगंज ट्रांसपोर्ट व्यापारियों को कहीं और शिफ्ट करने की बात कर रहे हैं. ग्वालियर रोड, रुनकता, इनर रिंग रोड के पास ट्रांसपोर्ट व्यापारियों को शिफ्ट किया जा रहा है लेकिन ऐसे में न तो उन्हें वहां सुविधाएं मिल रहीं हैं और न ही उनकी और उनके सामान की सुरक्षा की गारंटी मिल रही है.
ऐसे में व्यापारी कैसे वहां शिफ्ट हो जाएं. व्यापरियों ने ई-चालान की भी समस्या रखी. कहा कि ट्रांसपोर्ट व्यापारी ई-चालान से बहुत दुखी हैं क्योंकि बिना वज़ह के उनकी गाड़ियों के चालान काट दिए जाते हैं. जब टैक्सजमा करने जाते हैं, तब उनको जानकारी होती है कि उनके चालान काट दिए गए हैं. सभी मूलभूत परेशानियों को लेकर कहा कि अगर प्रशासन एक बार ट्रांसपोर्ट व्यापारियों के बारे में गंभीरता से सोचे और उसके बाद उन्हें यहां से शिफ्ट करने की बात कहे.
आगरा महानगर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव शैलेंद्र वर्मन ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत फ्रीगंज, बेलनगंज और इसके आसपास के जितना भी ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है, उसे मिलाकर 800 ट्रांसपोर्ट के व्यापारी होंगे जिनको यहां से रुनकता, ग्वालियर रोड, इनर रिंग रोड के पास शिफ्ट किया जा रहा है. उनकी मांग है कि उन्हें शिफ्ट होने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन सभी व्यापारियों को एक जगह शिफ्ट किया जाए. साथ ही प्रशासन जो उनको जगह मुहैया करा रहा है, वहां सुविधाएं भी दी जाएं.
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एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक अग्रवाल ने बताया कि व्यापारियों का सामान देश के कोने-कोने से लेकर आते हैं. एक से एक महंगा सामान होता है. यदि ऐसे में प्रशासन उन्हें कहीं और शिफ्ट कर दे और सुरक्षा प्रदान न कर पाए तो वहां शिफ्ट होने से क्या फायदा. 800 ट्रांसपोर्ट व्यापारियों के बारे में प्रशासन एक बार जरूर सोचे. साथ ही वहां हमारे लेबरों के रहने, खाने-पीने की वहां व्यवस्था तक नहीं है.
किसी को 100 गज का किसी को 200 गज का छोटा सा टुकड़ा देने से भी कोई फायदा नहीं है. प्रॉपर ट्रांसपोर्ट के व्यापारियों को जगह मिले ताकि वह अपना वहां गोदाम बना सकें और वहां अपने सामान को रख सकें.
ई-चालान की समस्या से हर व्यापारी जूझ रहा है
ट्रांसपोर्ट व्यापारियों ने बताया कि आज के वक्त में ट्रांसपोर्ट व्यापरियों के लिए e-challan सबसे बड़ा सिर दर्द बन गया है. बिना वजह के उनके चालान काट दिए जाते हैं. इसकी जानकारी तक उन्हें नहीं होती. जब टैक्स जमा करने जाते हैं, तब उनको जानकारी होती है कि उनकी गाड़ी का चालान काट दिया गया है. इसलिए प्रशासन से अपील की कि उनके ट्रांसपोर्ट व्यापरियों की जो परेशानी उसको सुनी जाए.