आगरा: जिले के यमुना पार फेस 2 स्थित जेपी अस्पताल में एक गरीब परिवार की मजबूरी का फायदा उठाकर प्राइवेट अस्पताल द्वारा मंगलवार को उसके नवजात शिशु को बेचने का मामला सामने आया था. आरोप है कि डिलीवरी का पैसा न चुका पाने की वजह से डॉक्टर ने गरीब परिवार को पहले बच्चा नहीं दिया और फिर कागजों में अंगूठा लगवा कर नवजात को बेच दिया. यह मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने इसमें हस्तक्षेप किया. इसके बाद आखिरकार देर रात बच्चे को गोद लेने वाले दीपक मंगल नामक व्यक्ति ने पीड़ित परिवार को उसका बच्चा सौंप दिया. बच्चा वापस पाकर परिवार की खुशी देखते ही बन रही थी. जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. एसीएम वीके गुप्ता और सीओ छत्ता को इस मामले की जांच दी गयी है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग भी अब अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है.
आगरा: प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद वापस मिला नवजात, अब अस्पताल संचालक पर होगी कार्रवाई - new born baby sold in agra
यूपी के आगरा में अस्पताल का बिल न चुका पाने के कारण अस्पताल प्रशासन द्वारा एक दंपति से उसके नवजात शिशु को एक लाख रुपये में ले लेने के मामले का जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने संज्ञान लिया है. इस मामले में जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह के हस्तक्षेप के बाद पीड़ित परिवार को उनका बच्चा वापस मिल गया. साथ ही मामले में आशा और एएनएम को भी नोटिस जारी किया गया है.
आगरा: जिले के यमुना पार फेस 2 स्थित जेपी अस्पताल में एक गरीब परिवार की मजबूरी का फायदा उठाकर प्राइवेट अस्पताल द्वारा मंगलवार को उसके नवजात शिशु को बेचने का मामला सामने आया था. आरोप है कि डिलीवरी का पैसा न चुका पाने की वजह से डॉक्टर ने गरीब परिवार को पहले बच्चा नहीं दिया और फिर कागजों में अंगूठा लगवा कर नवजात को बेच दिया. यह मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने इसमें हस्तक्षेप किया. इसके बाद आखिरकार देर रात बच्चे को गोद लेने वाले दीपक मंगल नामक व्यक्ति ने पीड़ित परिवार को उसका बच्चा सौंप दिया. बच्चा वापस पाकर परिवार की खुशी देखते ही बन रही थी. जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. एसीएम वीके गुप्ता और सीओ छत्ता को इस मामले की जांच दी गयी है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग भी अब अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है.