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अपर मुख्य सचिव गृह के निर्देश, महिला व बाल अपराध के अपराधियों को ऐसी सजा दिलाएं जो नजीर बने - BJP government

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि महिला व बाल अपराधों में प्रभावी कार्रवाई के साथ-साथ इन अपराधों में लिप्त अपराधियों को ऐसी सजा दिलाएं जो नजीर बने.

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी बोले, महिला व बाल अपराधों में अपराधियों की सजा नजीर बने
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी बोले, महिला व बाल अपराधों में अपराधियों की सजा नजीर बने
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Published : May 8, 2022, 9:14 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर रविवार को योजना भवन में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से गृह एवं पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंडल, जोन, रेंज, जिला व पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अघिकारियों से संपर्क स्थापित किया. प्रदेश की कानून-व्यवस्था की और बेहतरी व अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण में अब तक हुई कार्रवाई की सघन समीक्षा की.

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आगामी 14 मई को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत में पिछली लोक अदालत की अपेक्षा दो गुना वादों को सुलह समझौते के आधार पर निपटाने की दिशा में गंभीरता से प्रयास करें. महिला व बाल अपराधों में प्रभावी कार्रवाई के साथ-साथ इन अपराधों में लिप्त अपराधियों को प्रभावी पैरवी कर शीघ्र से शीघ्र अधिकतम ऐसी सजा दिलाने का प्रयास किया जाए जो नजीर बने.

पॉक्सो एक्ट में जनपद स्तर पर प्रभावी पैरवी कर अधिकतम सजा दिलाने की दिशा में हुई कार्रवाई की नियमित समीक्षा किए जाने के निर्देश अभियोजन विभाग को दिए गए हैं. गौरतलब है कि पॉक्सो एक्ट के 190 मामलों में अप्रैल में सजा करायी गई. महिला अपराध में 135 मामलों में 182 अभियुक्तों को सजा कराई गई. आयुध अधिनियम में 344 मामलों मे सजा करायी गई.

अपर मुख्य सचिव गृह ने यह भी निर्देश दिए कि जिला स्तर पर मानीटरिंग कमेटी की बैठकें नियमित रूप से करते हुए उनमें अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाए जाने के प्रयासों की गहन समीक्षा की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि चिन्हित माफिया व अपराधियों के खिलाफ प्रभावी तरीके से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाए.

उन्होंने जनपदों के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वह अपने फील्ड विजिट की संख्या को और बढ़ाएं. थाना व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं जाकर सही स्थिति का आकलन करें और एसओपी बनाकर पारदर्शी तरीके से कार्रवाई कराना सुनिश्चित करे. सोशल मीडिया पर नजर रखते हुये रिस्पांस टाइम को और अधिक बेहतर करने के निर्देश दिए.

अपर मुख्य सचिव गृह ने कहा कि पुलिस के सराहनीय प्रयासों के कारण ही प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति और अधिक बेहतर हुई है. शासन स्तर से चिन्हित 50 माफियों पर हुई कार्रवाई की शासन व पुलिस मुख्यालय स्तर पर सघन समीक्षा की जा रही है. माफियों व कुख्यात अपराधियों पर न्यायालयों में चल रहे मुकदमों में वीडियों कान्फ्रेन्सिंग से पेशी कराए जाने और पुलिस अधिकारियों की न्यायालयो में उपस्थिति भी वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कराए जाने का सुझाव दिया गया.

इस दौरान सचिव गृह तरूण गाबा, अपर पुलिस महानिदेशक, कानून-व्यवस्था, प्रशान्त कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन, आशुतोष पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध, एमके बशाल के अलावा गृह विभाग के विशेष सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर रविवार को योजना भवन में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से गृह एवं पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंडल, जोन, रेंज, जिला व पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अघिकारियों से संपर्क स्थापित किया. प्रदेश की कानून-व्यवस्था की और बेहतरी व अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण में अब तक हुई कार्रवाई की सघन समीक्षा की.

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आगामी 14 मई को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत में पिछली लोक अदालत की अपेक्षा दो गुना वादों को सुलह समझौते के आधार पर निपटाने की दिशा में गंभीरता से प्रयास करें. महिला व बाल अपराधों में प्रभावी कार्रवाई के साथ-साथ इन अपराधों में लिप्त अपराधियों को प्रभावी पैरवी कर शीघ्र से शीघ्र अधिकतम ऐसी सजा दिलाने का प्रयास किया जाए जो नजीर बने.

पॉक्सो एक्ट में जनपद स्तर पर प्रभावी पैरवी कर अधिकतम सजा दिलाने की दिशा में हुई कार्रवाई की नियमित समीक्षा किए जाने के निर्देश अभियोजन विभाग को दिए गए हैं. गौरतलब है कि पॉक्सो एक्ट के 190 मामलों में अप्रैल में सजा करायी गई. महिला अपराध में 135 मामलों में 182 अभियुक्तों को सजा कराई गई. आयुध अधिनियम में 344 मामलों मे सजा करायी गई.

अपर मुख्य सचिव गृह ने यह भी निर्देश दिए कि जिला स्तर पर मानीटरिंग कमेटी की बैठकें नियमित रूप से करते हुए उनमें अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाए जाने के प्रयासों की गहन समीक्षा की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि चिन्हित माफिया व अपराधियों के खिलाफ प्रभावी तरीके से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाए.

उन्होंने जनपदों के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वह अपने फील्ड विजिट की संख्या को और बढ़ाएं. थाना व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं जाकर सही स्थिति का आकलन करें और एसओपी बनाकर पारदर्शी तरीके से कार्रवाई कराना सुनिश्चित करे. सोशल मीडिया पर नजर रखते हुये रिस्पांस टाइम को और अधिक बेहतर करने के निर्देश दिए.

अपर मुख्य सचिव गृह ने कहा कि पुलिस के सराहनीय प्रयासों के कारण ही प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति और अधिक बेहतर हुई है. शासन स्तर से चिन्हित 50 माफियों पर हुई कार्रवाई की शासन व पुलिस मुख्यालय स्तर पर सघन समीक्षा की जा रही है. माफियों व कुख्यात अपराधियों पर न्यायालयों में चल रहे मुकदमों में वीडियों कान्फ्रेन्सिंग से पेशी कराए जाने और पुलिस अधिकारियों की न्यायालयो में उपस्थिति भी वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कराए जाने का सुझाव दिया गया.

इस दौरान सचिव गृह तरूण गाबा, अपर पुलिस महानिदेशक, कानून-व्यवस्था, प्रशान्त कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन, आशुतोष पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध, एमके बशाल के अलावा गृह विभाग के विशेष सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

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