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आगरा: कोटा बैराज से छोड़ा गया 6.50 लाख क्यूसेक पानी, खतरे के निशान पर चंबल - आगरा

एमपी और राजस्थान में हो रही बारिश से चंबल नदी में बाढ़ के हालात हैं. कोटा बैराज से चंबल नदी में 6.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से चंबल नदी उफान पर हैं. तटवर्ती इलाकों के ग्रामीणों में हड़कंप मचा हुआ है. प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर ग्रामीणों को ऊंचे सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है.

चंबल नदी उफान पर.
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Published : Sep 16, 2019, 10:31 AM IST

आगराः चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर ने पिनाहट, बाह, जैतपुर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा है. बाढ़ की आशंका से ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थान की ओर जाना शुरू कर दिया है. प्रशासनिक अधिकारी चंबल नदी की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं. चंबल में एक माह में चौथी बार बाढ़ के हालात देखने को मिल रहे हैं. एसडीएम बाह महेश प्रकाश गुप्ता और सिंचाई विभाग के एक्सईएन अवधेश कुमार पिनाहट, चंबल घाट और अन्य तटवर्ती इलाकों में निरीक्षण करने पहुंचे.

चंबल नदी उफान पर.
यूं बने बाढ़ के हालातराजस्थान कोटा के बैराज से चंबल नदी में 6.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं मध्य प्रदेश में बारिश के चलते पार्वती नदी का पानी चंबल नदी में आ जाने एवं कोटा बैराज से भी पानी छोड़े जाने से चंबल में बाढ़ के हालात हो गए हैं. रविवार शाम तक पिनाहट घाट पर चंबल नदी का पानी 132 मीटर खतरे के निशान को छू गया, जिससे ग्रामीण घबराए हुए हैं. बाह और पिनाहट क्षेत्र के दर्जनों गांव टापू बन गए हैं. इससे गांव का रास्ता अवरुद्ध हो गया है. कुछ गांव के लिए प्रशासन ने मोटर बोट चलाई है, जिससे ग्रामीणों को गांव से लाया और ले जाया जा रहा है. चंबल नदी के किनारे के गांव के लोगों ने चंबल में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अपने पशुओं को लेकर जंगल में जाना बंद कर दिया है.हर घंटे बढ़ रहा 20 सेमी जलस्तरचंबल नदी का जलस्तर प्रति घंटे 20 सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है. जिससे चंबल नदी के किनारे के गांव गुढा, गोहरा, उमरैठा पुरा, रेहा व कछियारा, बरेंडा, जेब्रा, रानीपुरा भटपुरा, शिवलाल पुरा, पुरानी खिल्ली, ऊपरी पुरा, क्योरी बीच का पुरा, डगौंरा आदि गांव के ग्रामीण भयभीत हैं. 6 गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. ग्रामीण खेमचंद का कहना है कि चंबल का जलस्तर अभी और बढ़ेगा, जिससे लोग परेशान हैं. चारों ओर पानी ही पानी भर गया है.

ये भी पढ़ें:- सीतापुरः नदियों का जलस्तर बढ़ने से फैल रहा संक्रामक रोग, बढ़ी मरीजों की संख्या

चंबल नदी के किनारे के गांवों में लेखपाल व कानूनगो की तैनाती कर दी गई है. नदी के बढ़ते जलस्तर पर नजर रखी जा रही है. बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं. जिन गांव का संपर्क कट गया है, वहां पर आवागमन के लिए स्टीमर चलाए जा रहे हैं.
-महेश प्रकाश गुप्ता, एसडीएम बाह

आगराः चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर ने पिनाहट, बाह, जैतपुर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा है. बाढ़ की आशंका से ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थान की ओर जाना शुरू कर दिया है. प्रशासनिक अधिकारी चंबल नदी की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं. चंबल में एक माह में चौथी बार बाढ़ के हालात देखने को मिल रहे हैं. एसडीएम बाह महेश प्रकाश गुप्ता और सिंचाई विभाग के एक्सईएन अवधेश कुमार पिनाहट, चंबल घाट और अन्य तटवर्ती इलाकों में निरीक्षण करने पहुंचे.

चंबल नदी उफान पर.
यूं बने बाढ़ के हालातराजस्थान कोटा के बैराज से चंबल नदी में 6.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं मध्य प्रदेश में बारिश के चलते पार्वती नदी का पानी चंबल नदी में आ जाने एवं कोटा बैराज से भी पानी छोड़े जाने से चंबल में बाढ़ के हालात हो गए हैं. रविवार शाम तक पिनाहट घाट पर चंबल नदी का पानी 132 मीटर खतरे के निशान को छू गया, जिससे ग्रामीण घबराए हुए हैं. बाह और पिनाहट क्षेत्र के दर्जनों गांव टापू बन गए हैं. इससे गांव का रास्ता अवरुद्ध हो गया है. कुछ गांव के लिए प्रशासन ने मोटर बोट चलाई है, जिससे ग्रामीणों को गांव से लाया और ले जाया जा रहा है. चंबल नदी के किनारे के गांव के लोगों ने चंबल में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अपने पशुओं को लेकर जंगल में जाना बंद कर दिया है.हर घंटे बढ़ रहा 20 सेमी जलस्तरचंबल नदी का जलस्तर प्रति घंटे 20 सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है. जिससे चंबल नदी के किनारे के गांव गुढा, गोहरा, उमरैठा पुरा, रेहा व कछियारा, बरेंडा, जेब्रा, रानीपुरा भटपुरा, शिवलाल पुरा, पुरानी खिल्ली, ऊपरी पुरा, क्योरी बीच का पुरा, डगौंरा आदि गांव के ग्रामीण भयभीत हैं. 6 गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. ग्रामीण खेमचंद का कहना है कि चंबल का जलस्तर अभी और बढ़ेगा, जिससे लोग परेशान हैं. चारों ओर पानी ही पानी भर गया है.

ये भी पढ़ें:- सीतापुरः नदियों का जलस्तर बढ़ने से फैल रहा संक्रामक रोग, बढ़ी मरीजों की संख्या

चंबल नदी के किनारे के गांवों में लेखपाल व कानूनगो की तैनाती कर दी गई है. नदी के बढ़ते जलस्तर पर नजर रखी जा रही है. बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं. जिन गांव का संपर्क कट गया है, वहां पर आवागमन के लिए स्टीमर चलाए जा रहे हैं.
-महेश प्रकाश गुप्ता, एसडीएम बाह

Intro:आगरा.
एमपी और राजस्थान में हो रही बारिश से चंबल में बाढ़ के हालात हैं. हाल में कोटा बैराज से चंबल नदी में 6.50 लाख क्यूसेक छोड़े जाने से आगरा में चंबल उफान पर है. चंबल नदी के तटवर्ती इलाकों के ग्रामीणों में हड़कंप मचा है. प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी करके ग्रामीणों को ऊंचे सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है. प्रशासनिक अधिकारी चंबल नदी की हर गतिविधि पर निगाह बनाए रखे हुए हैं. चंबल में एक माह में चौथी वार बाढ़ देखने को मिल रही है.

Body:चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर ने पिनाहट, बाह, जैतपुर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा है. बाढ़ की आशंका से ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थानों की ओर जाना शुरू कर दिया है. एसडीएम बाह महेश प्रकाश गुप्ता, और सिंचाई विभाग के एक्सईएन अवधेश कुमार पिनाहट चंबल घाट और अन्य तटवर्ती इलाकों में निरीक्षण करने पहुंचे. राजस्व टीम को अलर्ट रहने के आदेश दिए.

यूं बने बाढ़ के हालात
राजस्थान कोटा के बैराज से चम्बल नदी में 6.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहां पर पानी के लिऐ बांध के 19 गेट भी खोले हैं. वहीं मध्य प्रदेश में बारिश के चलते पार्वती नदी का पानी चंबल नदी में आ जाने एवं कोटा बैराज से भी पानी छोड़े जाने से चंबल में बाढ़ और बढ़ गई है. रविवार को शाम तक पिनाहट घाट पर चंबल नदी का पानी 132 मीटर खतरे के निशान को छू गया, जिससे ग्रामीण घबराए हुए हैं. बाह और पिनाहट क्षेत्र के दर्जनों गांव टापू बन गए हैं.ग्रामीणों के गांव के रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं. कुछ गांव के लिए प्रशासन ने मोटर बोट चलाई गई है, जिससे ग्रामीणों को गांव से लाया और ले जाया जा रहा है, चम्बल नदी के किनारे के गांव के लोगों ने चंबल में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अपने पशुओं को लेकर जंगल में जाना बंद कर दिया है.

हर घंटे चढ़ रहा 20 सेमी जलस्तर
चंबल नदी का जलस्तर प्रति घंटे 20 सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है. जिससे चंबल नदी के किनारे के गांव गुढा , गोहरा , उमरैठा पुरा, रेहा व कछियारा, बरेंडा, जेब्रा, रानीपुरा भटपुरा, शिवलाल पुरा ,पुरानी खिल्ली, ऊपरी पुरा,क्योरी बीच का पुरा,डगौंरा, आदि गांव के ग्रामीण भयभीत हैं. आधा दर्जन गावों का तहसील मुख्यालय से टूटा संपर्क , खादरो में भरा पानी , टापुओं पर ग्रामीण पहुंच गए हैं.
ग्रामीण खेमचंद का कहना है कि, चंबल का जलस्तर और बढ़ेगा. लोग परेशान हैं. चारों ओर पानी ही पानी हो गया है. यूं ही चंबल का जलस्तर बढ़ा तो लोगों को निकालना पड़ेगा.

एसडीएम बाह महेश प्रकाश गुप्ता ने बताया कि, चम्बल नदी के किनारे के गांव में लेखपाल व कानूनगो की तैनाती कर दी है. चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है. बाढ़ चौकियां बना बना दी हैं. जिन गांव का संपर्क कट गया है, वहां पर आवागमन के लिए स्टीमर चला रहे हैं.


Conclusion:चंबल नदी के तटवर्ती इलाकों पर बाढ़ चौकियां बना दी गई है. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लगातार नजर रखे हुए हैं. जिन गांवों से संपर्क टूट रहा है, वहां स्ट्रीमर चलाने की भी व्यवस्था प्रशासन ने की है.

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बाइट खेमचंद की , ग्रामीण की ।
बाइट महेश प्रकाश गुप्ता, एसडीएम बाह की।

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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