आगरा: मानसून आते ही आगामी जुलाई माह में आगरा में बड़े स्तर पर पौधरोपण किया जाएगा. इस साल शासन से जिले में 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिला है. यह पौधे वन विभाग, उद्यान विभाग, पंचायतीराज, नगर विकास, स्वास्थ्य, रेलवे, कृषि और शिक्षा विभाग समेत 26 विभागों को मिली है. लेकिन, बीते साल रोपे गए 45 लाख पौधों में से कितने पौधे और कहां पर पौधे बचे हैं. इसका जबाव जिम्मेदार अधिकारियों के पास नहीं हैं. यही वजह है कि, आगरा में लाखों पौधे हर साल रोपे जा रहे हैं. मगर, हर साल बढ़ने की बजाय आगरा में हरियाली और वन क्षेत्र घट रहा है.
दरअसल, भारतीय वन सर्वेक्षण की ओर से हर दो साल में भारत के सभी राज्यों और जिलों के वन आवरण का ब्यौरे पर आधारित रिपोर्ट जारी की जाती है. हम बीते 5 साल की बात करें तो आगरा के पौधरोपण की बात करें तो जिले में 1.50 करोड़ पौधे लगाए गए. भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, इतनी बड़ी संख्या में पौधरोपण होने के बाद भी आगरा में न हरियाली बढ़ी और न ही वन क्षेत्र बढ़ा है.
आगरा डीएफओ अखिलेश पांडेय ने बताया कि शासन की ओर से इस साल आगरा में 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिला है. इसमें सबसे ज्यादा 19.14 लाख पौधे ग्राम विकास विभाग को और दूसरे नंबर पर वन विभाग को 14.62 लाख पौधे लगाने हैं. बाकी के 17.24 लाख पौधे 24 विभागों को लगाने हैं.
आगरा डीएफओ अखिलेश पांडेय ने बताया कि आगरा जिले को बारिश में 51 लाख पौधों के रोपण की जिम्मेदारी मिली है. वन विभाग में बारिश में पौधरोपण के लिए अपनी 23 नर्सरी में 55 लाख पौधे तैयार कर रहा है. बाकी के 13,500 पौधे उद्यान विभाग ने तैयार कर लिए हैं. सभी विभागों की डिमांड के आधार पर पौधरोपण के लिए पौधों का वितरण किया जाएगा. इसकी पूरी तैयारी विभाग की ओर से कर ली गई है. साथ ही मेरी अपील है कि जनता को जन आंदोलन के तहत पौधरोपण करें और इसमें किसानों को अपनी सहभागिता ज्यादा से ज्यादा निभानी चाहिए. सरकार की ओर से उन्हें किसान सम्मान योजना से भी जोड़ा गया है.
पौधे बनने लगे हैं पेड़
आगरा महापौर नवीन जैन बताते हैं कि, आगरा नगर निगम ट्री-गार्ड के साथ पौधरोपण करता है. दूसरी योजना शासन की पौधरोपण की है. इस बार नगर निगम में डेढ़ लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिला है. जिसकी पूरी तैयारी चल रही है. पिछली बार यह शिकायत मिली थी कि, ट्री-गार्ड नहीं होने से पौधे नष्ट हो गए थे. इसलिए इस बार इसका भी ध्यान रखा जा रहा है. इस बार पौधरोपण की जगह पर कंटीले तारों की फैंसिंग की जाएगी. इसके साथ ही निजी फर्म को पौधों की देखरेख और पानी लगाने की जिम्मेदारी भी दी जाएगी. इसके साथ ही हर बार की तरह इस साल भी मेरी जनता से यही अपील है कि भीषण गर्मी में सप्ताह में दो बार अपने पास मौजूद पेड़-पौधों में जरूर डालें. 2017 में जब हम पहली बार चुनकर आए तो उसके बाद से लगातार बड़े स्तर पर पौधारोपण किया गया. उस समय लगाए गए पौधे अब धीरे-धीरे पेड़ बनने लगे हैं.
इस वजह से नहीं बचे पौधे
- गड्ढे खोदकर कागजों में किया पौधारोपण.
- बिना ट्री-गार्ड के पौधरोपण किया गया था.
- पौधरोपण करके पौधों में पानी लगाना भूल गए.
- तमाम परियोजनाओं के चलते पौधे काटे गए.
यूं समझे वन क्षेत्र का असर
वर्ष | हरित क्षेत्र | किलोमीटर |
2011 | 6.85% | 276 |
2013 | 6.78% | 273 |
2015 | 6.75% | 273 |
2017 | 6.73% | 272 |
2019 | 6.69% | 262.6 |
2021 | 6.50% | 262.6 |
- ( नोट: यह आंकड़े भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट के हैं).
इन विभागों को मिली पौधरोपण की जिम्मेदारी
विभाग का नाम | पौधरोपण |
ग्राम विकास विभाग | 19.10 लाख पौधे |
वन विभाग | 14.62 लाख पौधे |
कृषि विभाग | 03.60 लाख पौधे |
नगर विकास | 02.60 लाख पौधे |
उद्यान विभाग | 02.40 लाख पौधे |
राजस्व विभाग | 02.17 लाख पौधे |
पर्यावरण विभाग | 1.85 लाख पौधे |
- (नोट- इसके साथ ही 19 अन्य विभागों को भी लाखों पौधे लगाने का लक्ष्य मिला है)
एक नजर पौधरोपण के आंकड़ों पर
वर्ष | पौधरोपण का दावा |
2018 | 20 लाख पौधे |
2019 | 28 लाख पौधे |
2020 | 38 लाख पौधे |
2021 | 45 लाख पौधे |