ETV Bharat / state

24 साल पहले ताजमहल के फोर्ट कोर्ट से निकाले गए दुकानदार पहुंचे SC, ये है पूरा मामला

ताजमहल बाउंड्रीवॉल मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने सर्वे कराया, जिसमे 3000 से ज्यादा व्यावसायिक प्रतिष्ठान चिन्हित किए गए है. एडीए के इस कार्रवाई से 30 हजार से ज्यादा लोग पर बेरोजगारी की तलवार लटकी हुई है.

Etv Bharat
ताजमहल बाउंड्रीवॉल मामला
author img

By

Published : Nov 5, 2022, 8:16 PM IST

आगरा: ताजमहल की बाउंड्रीवॉल (Taj Mahal boundary wall case) से 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधि पर रोक लगेगी या दुकानदारों को मोहलत मिलेगी यह फैसला भी अब सुप्रीम कोर्ट को तय करना है. भले ही पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एडीए ने सर्वे (Agra Development Authority Survey) कराया तो 3000 से ज्यादा व्यावसायिक प्रतिष्ठान चिन्हित किए गए. इससे जहां 30 हजार से ज्यादा लोग बेरोजगार और करीब एक लाख परिवार प्रभावित हो रहें हैं. वैसे ताजगंज की जनता पर यह आफत आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) की देन है. एडीए अधिकारियों की लापरवाही और लालच से जब खुद की गर्दन फंसी तो सप्रीम कोर्ट का हर आदेश एडीए अधिकारी मान रहे हैं. ईटीवी भारत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश, जनता की पीड़ा और एडीए मनमानी समेत अन्य पहलुओं पर पढ़ें और देखें यह स्पेशल रिपोर्ट.

पहले ताजमहल परिसर में खाने-पीने और अन्य सामान की दुकानें लगती थीं. आज से 24 साल पहले 1998 में ताजमहल की सुरक्षा समेत अन्य पहलुओं के चलते परिसर से दुकानें हटाई गईं. ताजमहल के पूर्वी गेट के बाहर उद्यान विभाग ने आईटीडीसी रेस्टोरेंट के पास 71 दुकानों के लिए जगह दी तब दुकानदार उद्यान विभाग को 20 रुपये मासिक किराया देते थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सन 2000 में ताजमहल की सुरक्षा और पॉल्यूशन की वजह से 71 दुकानें फिर वहां से भी हटा दीं.

ताजमहल बाउंड्रीवॉल मामले पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट

3000 मासिक फीस मांगने पर गए सुप्रीम कोर्ट

पश्चिमी गेट ताज मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमर सिंह बताते हैं कि एडीए ने पश्चिमी गेट पार्किंग के पास जगह दी. फिर एडीए के बनाए नक्शे पर दुकानदारों ने अपनी रकम से दुकानें बनवाईं. एडीए ने तब हर दुकान से 450 रुपये मासिक लाइसेंस फीस निर्धारित की. मगर, एडीए अब मासिक फीस हर माह 3000 रुपये लेना चाहता है. फिर सभी दुकानदार सुप्रीम कोर्ट में चले गए. सुप्रीम कोर्ट में सबूत पेश किए और ताजमहल की बाउंड्रीवॉल से 500 मीटर में लगातार बिजनेस एक्टिविटी संचालित होने और एडीए के अवैध निर्माण कराने के भी सबूत दिए. इस पर ही 26 सितंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था.

करोड़ों का कारोबार होगा प्रभावित

ताजमहल की बाउंड्रीवाल से 500 मीटर की परिधि में छोटे-बड़े होटल, हैंडीक्राफ्ट शोरूम, हैंडीक्राफ्ट एम्पोरियम, हैंडीक्राफ्ट की दुकानें, छोटे-बड़े रेस्टोरेंट, कपड़ें की दुकानें, मनी एक्सचेंज, परचून की दुकानें, चाय की दुकानें, मिष्ठान भंडार, डेयरी, पान की दुकानें, जूते की फैक्ट्री, पानी की प्लांट, निजी स्कूल और अन्य प्रतिष्ठान हैं, जहां पर हर दिन करोड़ों कारोबार होता है.

सुप्रीम कोर्ट से राहत की उम्मीद

ताजगंज क्षेत्र के लोगों का कहना है कि एडीए ने गलत तथ्य सुप्रीम कोर्ट में पेश किए थे. यही वजह है कि यहां की जनता के सामने यह दिक्कत आईं. लेकिन, अब सुप्रीम कोर्ट हमारी याचिका पर भी सुनवाई कर रहा है. हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हमारे हित में ही फैसला देगा. जिसके चलते पहले जैसी यथासंभव स्थिति ताजगंज क्षेत्र में रहेगी. इससे न लोगों का रोजगार जाएगा और ना ही उनके सामने भुखमरी जैसे हालात पैदा होंगे.

सीएम योगी से गुहार पर मिली मोहलत

सुप्रीम कोर्ट के 26 सितंबर के आदेश पर जब एडीए ने ताजगंज क्षेत्र में सर्वे कराया, तो लोगों ने एडीए के खिलाफ आंदोलन शुरू किया. जिसके चलते कैंडल मार्च के अलावा दुकानों पर काले झंडे भी लगाए गए. अधिकारियों से लगातार शिकायत की. इसके बाद ताजगंज क्षेत्र के लोगों ने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र से मिले और सीएम योगी से भी गुहार लगाई.

ताजगंज डवलपमेंट फाउंडेशन और ताजगंज वेलफेयर फाउंडेशन के पदाधिकारी लखनऊ में सीएम योगी से मिले. सीएम योगी ने कमिश्नर और एडीए अधिकारियों को निर्देश दिए. जिस पर मंथन हुआ और इसी का फायदा क्षेत्र के लोगों को मिला. क्योंकि एडीए ने ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में 3 माह की मोहलत दे दी है. इसके चलते ही हम लोग सुप्रीम कोर्ट में चले गए हैं. इस पर हमारी याचिका पर सुनवाई 7 नवंबर को होगी.

पर्यटकों को नहीं मिलेगा पानी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यदि ताजमहल की बाउंड्रीवॉल से 500 मीटर के दायरे में यदि व्यवसायिक गतिविधि बंद हो जाती हैं तो मोहब्बत की निशानी देखने आने वाले पर्यटकों के सामने खाने पीने की वस्तुओं की समस्या पैदा होगी क्योंकि ताजमहल के आसपास कोई भी खाने पीने या अन्य दुकान नहीं होगी. ऐसे में पर्यटकों को पानी की बोतल खरीदने के लिए लंबी दौड़ लगानी पड़ेगी.

यह भी पढ़ें: ताजमहल की बाउंड्रीवॉल के आसपास कारोबार होगा या नहीं, 7 नवंबर को SC में होगी सुनवाई

आगरा: ताजमहल की बाउंड्रीवॉल (Taj Mahal boundary wall case) से 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधि पर रोक लगेगी या दुकानदारों को मोहलत मिलेगी यह फैसला भी अब सुप्रीम कोर्ट को तय करना है. भले ही पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एडीए ने सर्वे (Agra Development Authority Survey) कराया तो 3000 से ज्यादा व्यावसायिक प्रतिष्ठान चिन्हित किए गए. इससे जहां 30 हजार से ज्यादा लोग बेरोजगार और करीब एक लाख परिवार प्रभावित हो रहें हैं. वैसे ताजगंज की जनता पर यह आफत आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) की देन है. एडीए अधिकारियों की लापरवाही और लालच से जब खुद की गर्दन फंसी तो सप्रीम कोर्ट का हर आदेश एडीए अधिकारी मान रहे हैं. ईटीवी भारत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश, जनता की पीड़ा और एडीए मनमानी समेत अन्य पहलुओं पर पढ़ें और देखें यह स्पेशल रिपोर्ट.

पहले ताजमहल परिसर में खाने-पीने और अन्य सामान की दुकानें लगती थीं. आज से 24 साल पहले 1998 में ताजमहल की सुरक्षा समेत अन्य पहलुओं के चलते परिसर से दुकानें हटाई गईं. ताजमहल के पूर्वी गेट के बाहर उद्यान विभाग ने आईटीडीसी रेस्टोरेंट के पास 71 दुकानों के लिए जगह दी तब दुकानदार उद्यान विभाग को 20 रुपये मासिक किराया देते थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सन 2000 में ताजमहल की सुरक्षा और पॉल्यूशन की वजह से 71 दुकानें फिर वहां से भी हटा दीं.

ताजमहल बाउंड्रीवॉल मामले पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट

3000 मासिक फीस मांगने पर गए सुप्रीम कोर्ट

पश्चिमी गेट ताज मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमर सिंह बताते हैं कि एडीए ने पश्चिमी गेट पार्किंग के पास जगह दी. फिर एडीए के बनाए नक्शे पर दुकानदारों ने अपनी रकम से दुकानें बनवाईं. एडीए ने तब हर दुकान से 450 रुपये मासिक लाइसेंस फीस निर्धारित की. मगर, एडीए अब मासिक फीस हर माह 3000 रुपये लेना चाहता है. फिर सभी दुकानदार सुप्रीम कोर्ट में चले गए. सुप्रीम कोर्ट में सबूत पेश किए और ताजमहल की बाउंड्रीवॉल से 500 मीटर में लगातार बिजनेस एक्टिविटी संचालित होने और एडीए के अवैध निर्माण कराने के भी सबूत दिए. इस पर ही 26 सितंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था.

करोड़ों का कारोबार होगा प्रभावित

ताजमहल की बाउंड्रीवाल से 500 मीटर की परिधि में छोटे-बड़े होटल, हैंडीक्राफ्ट शोरूम, हैंडीक्राफ्ट एम्पोरियम, हैंडीक्राफ्ट की दुकानें, छोटे-बड़े रेस्टोरेंट, कपड़ें की दुकानें, मनी एक्सचेंज, परचून की दुकानें, चाय की दुकानें, मिष्ठान भंडार, डेयरी, पान की दुकानें, जूते की फैक्ट्री, पानी की प्लांट, निजी स्कूल और अन्य प्रतिष्ठान हैं, जहां पर हर दिन करोड़ों कारोबार होता है.

सुप्रीम कोर्ट से राहत की उम्मीद

ताजगंज क्षेत्र के लोगों का कहना है कि एडीए ने गलत तथ्य सुप्रीम कोर्ट में पेश किए थे. यही वजह है कि यहां की जनता के सामने यह दिक्कत आईं. लेकिन, अब सुप्रीम कोर्ट हमारी याचिका पर भी सुनवाई कर रहा है. हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हमारे हित में ही फैसला देगा. जिसके चलते पहले जैसी यथासंभव स्थिति ताजगंज क्षेत्र में रहेगी. इससे न लोगों का रोजगार जाएगा और ना ही उनके सामने भुखमरी जैसे हालात पैदा होंगे.

सीएम योगी से गुहार पर मिली मोहलत

सुप्रीम कोर्ट के 26 सितंबर के आदेश पर जब एडीए ने ताजगंज क्षेत्र में सर्वे कराया, तो लोगों ने एडीए के खिलाफ आंदोलन शुरू किया. जिसके चलते कैंडल मार्च के अलावा दुकानों पर काले झंडे भी लगाए गए. अधिकारियों से लगातार शिकायत की. इसके बाद ताजगंज क्षेत्र के लोगों ने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र से मिले और सीएम योगी से भी गुहार लगाई.

ताजगंज डवलपमेंट फाउंडेशन और ताजगंज वेलफेयर फाउंडेशन के पदाधिकारी लखनऊ में सीएम योगी से मिले. सीएम योगी ने कमिश्नर और एडीए अधिकारियों को निर्देश दिए. जिस पर मंथन हुआ और इसी का फायदा क्षेत्र के लोगों को मिला. क्योंकि एडीए ने ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में 3 माह की मोहलत दे दी है. इसके चलते ही हम लोग सुप्रीम कोर्ट में चले गए हैं. इस पर हमारी याचिका पर सुनवाई 7 नवंबर को होगी.

पर्यटकों को नहीं मिलेगा पानी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यदि ताजमहल की बाउंड्रीवॉल से 500 मीटर के दायरे में यदि व्यवसायिक गतिविधि बंद हो जाती हैं तो मोहब्बत की निशानी देखने आने वाले पर्यटकों के सामने खाने पीने की वस्तुओं की समस्या पैदा होगी क्योंकि ताजमहल के आसपास कोई भी खाने पीने या अन्य दुकान नहीं होगी. ऐसे में पर्यटकों को पानी की बोतल खरीदने के लिए लंबी दौड़ लगानी पड़ेगी.

यह भी पढ़ें: ताजमहल की बाउंड्रीवॉल के आसपास कारोबार होगा या नहीं, 7 नवंबर को SC में होगी सुनवाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.