लखनऊ: यमुना एक्सप्रेस-वे पर ड्राइवर की एक झपकी ने 29 लोगों को मौत की नींद सुला दिया. शुरुआती जांच में परिवहन निगम के अधिकारियों ने पाया कि बस ओवर स्पीड नहीं थी. ड्राइवर को झपकी आई थी, इसीलिए यह दुर्घटना हुई. शुरुआती जांच में परिवहन निगम के अधिकारियों ने सेंट्रल कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से वीटीएस की जो डिटेल मिली, उसमें बस ओवर स्पीड नहीं पाई गई. ऐसे में अधिकारी मान रहे हैं कि झपकी ही दुर्घटना की बड़ी वजह है.
वीटीएस में बस ओवर स्पीड नहीं पाई गई
- परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि ड्राइवर को झपकी आने से ही बस खाई में गिरी और 29 लोगों की मौत हो गई.
- अधिकारी बताते हैं कि ड्राइवर काफी अनुभवी था. वह 3 दिन के रेस्ट के बाद ड्यूटी पर लौटा था.
- अधिकारी का कहना है कि उसे दिल्ली रूट पर बस संचालन के लिए भेजा गया था.
- उन्होंने कहा कि जहां तक बात थकावट की है या फिर लंबी ड्यूटी कराए जाने की तो इसमें कोई सच्चाई नहीं है. ड्राइवर पूरी तरह से रेस्ट करके वापस लौटा था.
- शुरुआती जांच में सेंट्रल कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से वीटीएस की जो डिटेल मिले, उसमें बस ओवर स्पीड नहीं पाई गई.
- बस की लोकेशन सिर्फ उन्नाव तक ही मिली है, जहां पर दुर्घटना हुई वहां पर वीटीएस नेटवर्क प्रॉब्लम की वजह से काम नहीं कर रहा था. ऐसे में झपकी ही दुर्घटना की बड़ी वजह बताई जा रही है.
- अधिकारी का कहना है कि बस तेज भी नहीं जा रही थी, जिससे अनियंत्रित होकर कोई दुर्घटना होती. अगर झपकी नहीं आती तो किसी तरह की कोई घटना नहीं होती.
ड्राइवर कृपाशंकर काफी दिन से बस चला रहे थे, वे काफी अनुभवी थे. इनका पिछला रिकॉर्ड भी चेक किया गया, जिसमें दुर्घटना नहीं पाई गई है. पूरी तरह से आराम करके ही ड्यूटी पर वापस लौटे थे. जहां तक बात रूट बदलने की है तो किसी भी ड्राइवर को किसी भी रूट पर भेजा जाता है. ऐसे में रूट की अनभिज्ञता जाहिर करना सही नहीं है. हाई पावर कमेटी मौके पर जांच कर रही है. अभी तक जो सामने आया है, उसमें एक्सीडेंट की वजह ड्राइवर की झपकी आना ही है.
जयदीप वर्मा, सीजीएम टेक्निकल, परिवहन निगम