आगरा : देश में अब भले ही आपसी सहमति से बने समलैंगिक संबंध अपराध नहीं है. मगर, ये संबंध लाइलाज बीमारी ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) बांट रहे हैं. समलैंगिक संबंधों को लेकर आगरा की स्थिति बेहद डरावनी है. ताजनगरी में समलैंगिक संबंधों के चलते 163 लोग एचआईवी संक्रमित हुए हैं. इनका इलाज एसएन मेडिकल कॉलेज के एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर में चल रहा है. एआरटी प्रभारी की मानें तो हर माह समलैंगिक संबंध से दो से तीन केस एचआईवी होने के सामने आ रहे हैं.
आगरा स्थित एआरटी सेंटर से 10391 एचआईवी संक्रमित जुड़े हैं. इनमें से 3647 की अब तक मौत हो चुकी है. मरने वाले एचआईवी संक्रमितों में 555 ऐसे थे, जिनका पंजीकरण एआरटी सेंटर में हुआ था, लेकिन दवा शुरू होने से पहले ही उनकी मौत हो गई.
28 नए समलैंगिक एचआईवी संक्रमित मिले
एआरटी प्रभारी डॉ. जितेंद्र दौनेरिया ने बताया कि अभी दो तरह के एचआईवी पेशेंट आ रहे हैं. एक मेल-टू-फीमेल या फीमेल-टू-मेल हैं. दूसरे मेल-टू-मेल यानी समलैंगिक संबंधों से एचआईवी संक्रमित होने वाले हैं. हर माह समलैंगिक संबंधों से एचआईवी संक्रमित करीब तीन मरीज पंजीकृत हो रहे हैं. इस साल अब तक समलैंगिक संबंधों से 28 नए एचआईवी संक्रमित मरीज पंजीकृत हुए हैं. एआरटी सेंटर में अब समलैंगिक संबंध वाले संक्रमित मरीजों की संख्या 163 हो गई हैं.
काउंसलिंग में मिले चौंकाने वाले खुलासे
एआरटी प्रभारी डॉ. जितेंद्र दौनेरिया का कहना है कि समलैंगिक संबंधों से एचआईवी संक्रमित हुए लोग वे हैं, जो विदेश एजुकेशन लेने गए. वहां रूम मेट या अन्य से संबंध बने. अब लौटकर भारत आए. तमाम होटल इण्डस्ट्रीज से जुड़े लोग हैं. समलैंगिक संबंध से एचआईवी संक्रमित हुए युवा हैं. इसमें 20 से 25 साल तक के लोग ज्यादा हैं.
खुद में फील करते हैं एक लड़की
एआरटी सेंटर की काउंसलर शीतल तोमर ने बताया कि समलैंगिक संबंधों से एचआईवी संक्रमित हुए लोगों की काउंसलिंग में दो तरह की कैटेगिरी देखने को मिली है. कई संक्रमितों ने यह बताया कि वह अंदर से खुद को लड़की ही फील करते हैं. लेकिन, समाज और परिवार के चलते कुछ बोलते नहीं हैं. इसलिए किसी न किसी से चुपके समलैंगिक संबंध बनाते हैं. कई समलैंगिक संक्रमितों का यह भी कहना है कि, उन्हें किसी लड़की के साथ संबंध बनाना अच्छा नहीं लगता है. वह लड़कों के साथ संबंध बनाने में सहज रहते हैं.
आंकड़ों पर एक नजर-
- 10391 एचआईवी एआरटी सेंटर में पंजीकृत
- 7520 हेट्रोसेक्सुअल संबंध से एचआईवी संक्रमित हुए
- 163 मैन-टू-मैन (समलैंगिक) संबंधों से संक्रमित हुए
- 132 ड्रग्स इंजेक्शन लगाने से एचआईवी संक्रमित हुए
- 460 ब्लड ट्रांसफ्यूजन से एचआईवी संक्रमित हुए
- 664 मां से बच्चे एचआईवी संक्रमित हुए
- 324 संक्रमित निडिल लगाने से एचआईवी संक्रमित हुए
- 18 कामर्शियल सेक्स वर्कर से एचआईवी संक्रमित हुए
- 47 माइग्रेंट से एचआईवी संक्रमित हुए
- 81 ट्रकर एचआईवी संक्रमित हुए
- 982 लोग कैसे एचआईवी संक्रमित हुए पता नहीं चला
(ये आंकड़े एसएनएमसी के एआरटी सेंटर में अक्टूबर-2020 तक के हैं)
आगरा में 982 ऐसे एचआईवी संक्रमित मिले हैं, जिनकी हिस्ट्री से चिकित्सक भी अनजान हैं. ये कैसे संक्रमित हुए, इसका अभी खुलासा नहीं हुआ है. एसएनएमसी में इस साल कई एचआईवी संक्रमित महिलाओं की डिलीवरी भी की गई, उनके बच्चे स्वस्थ पैदा हुए. आगरा में 4381 एचआईवी संक्रमित मरीजों का उपचार चल रहा है.