आगरा: जनपद के बाह क्षेत्र में वन विभाग के कर्मचारियों ने गुरुवार को चंबल नदी में विलुप्तप्राय ढोर प्रजाति के 1200 नन्हे कछुए छोड़े. जिससे इनके कुनबे में इजाफा हुआ है. दो महीने पूर्व कछुओं ने बालू के डेढ फीट गहरे गड्ढों में अंडे दिए थे. जीपीएस से अंडों की लोकेशन ट्रेस करने के बाद वन विभाग की टीम लगातार इनकी निगरानी कर रही थी. इसके बाद हैचिंग से जन्मे कुछओं के बच्चों के नदी में पहुंचने के बाद वन विभाग का अमला काफी उत्साहित है.
हैचिंग पीरियड में वन विभाग ने की नेस्ट की पहरेदारी
बुधवार को नन्दगवां में 450, चीकनीपुरा में 400, मऊ में 350 कुल 1200 ढोर और कटहवा प्रजाति के कछुओं के बच्चों का जन्म हुआ. चंबल सेंचुरी बाह के रेंजर आरके सिंह राठौड के नेतृत्व में वन कर्मियों की निगरानी में नेस्ट की बालू को कुरेदकर अंडो से निकले बच्चे नदी में पहुंचाए गए. उन्होंने बताया कि हैचिंग पीरियड शुरू होते ही मादा कछुआ नेस्टों के आसपास विचरण करने लगती है और नेस्ट की बालू् बैठ जाती हैं. हैचिंग पीरियड में वन विभाग की पहरेदारी में रिकॉर्ड हैचिंग हुई है.