नई दिल्ली: राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक ने टोक्यो में महिलाओं के डिस्कस थ्रो क्वॉलीफिकेशन राउंड के ग्रुप 'इ' के दौरान 64 मीटर की दूरी तक डिस्कस फेंका. क्वॉलीफिकेशन राउंड में यह उनका दूसरा सबसे अच्छा थ्रो था. क्योंकि कौर अमेरिका की संभावित स्वर्ण पदक विजेता वैलेरी ऑलमैन से पीछे थीं.
इस साल की शुरुआत में कौर ने 66 मीटर के निशान को पार करने वाली पहली भारतीय महिला बनने के साथ पहचान बनाई थी. उन्होंने जून में इंडियन ग्रां प्री में 66.59 मीटर का थ्रो रिकॉर्ड किया था. 25 साल की कौर ने टोक्यो में क्वॉलीफाइंग राउंउ में अपने आत्मविश्वासी प्रदर्शन के साथ पोडियम फिनिश की उम्मीदें बढ़ा दी थीं. लेकिन, कौर 63.70 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ छठे स्थान पर रहीं, जब बारिश ने कुछ समय के लिए खेल को बाधित कर दिया और मैदान को गीला और मुश्किल बना दिया.
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कौर ने ओलंपिक्स डॉट कॉम से कहा, टोक्यो 2020 में कोच मेरे साथ नहीं थे और मुझे आखिरी 10 दिनों की ट्रेनिंग खुद ही करनी पड़ी थी. मेरे ऊपर पहले ओलंपिक में भाग लेने का दबाव और घबराहट थी. मैं लगातार अपने प्रदर्शन के बारे में सोचती थी.
उन्होंने कहा, मुझे बारिश में प्रदर्शन करने से डर लगता है. मैं आमतौर पर बारिश में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकती. इससे पहले एशियाई खेलों (2018) के लिए मैं एक मीटर से क्वॉलीफाई करने से चूक गई, क्योंकि राष्ट्रीय आयोजन के दौरान बारिश हो रही थी. बाद में अगले आयोजन में मैंने 61 मीटर के आसपास डिस्कस फेंका, जो एशियाई खेलों के रजत पदक के स्कोर के बराबर था. मुझे अभी भी वह डर है. मुझे लगता है कि क्या होगा, अगर मैं उन परिस्थितियों में फिसल गई या घायल हो गई. यह अभी भी मेरे दिमाग में है और मैं इससे उबरने का प्रयास करूंगी.
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कौर ने टोक्यो 2020 के ब्रेक के बाद प्रशिक्षण पर लौटने पर एक नम या गीले डिस्कस सर्कल पर अभ्यास करने का फैसला किया है. कौर का मानना है कि जुलाई में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप से पहले पर्याप्त समय के साथ इससे उनके डर को दूर करने में मदद मिलेगी.
कौर ने कहा, मैंने बारिश में अभ्यास करने या सर्कल को गीला करने और उस पर अभ्यास करने की योजना बनाई है. मैंने इसे टोक्यो 2020 से पहले करने के बारे में सोचा था, लेकिन तब चोट का जोखिम नहीं उठाना चाहती थी. लेकिन, अब मेरे पास अगले ओलंपिक और आगामी आयोजनों के लिए समय है. मैं इस पद्धति पर काम करूंगी.