सिंगापुर: पहलवान से एमएमए फाइटर बनी रितु फोगाट अभी भी वन विमेंस एटमवेट वर्ल्ड ग्रांड प्रीक्स चैंपियनशिप फाइनल से बाहर होने के बावजूद अपने प्राथमिक लक्ष्य पर केंद्रित हैं. उन्हें वर्ल्ड चैंपियन के दूसरे दौर में सबमिशन हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उसने कहा कि उसने हार से कई सबक सीखे हैं.
फोगाट ने कहा, इस झटके ने उन्हें अपने सपनों का पीछा जारी रखने से नहीं रोका. मैं यहां एक लक्ष्य के साथ हूं और भारत की ओर से पहली महिला एमएमए विश्व चैंपियन बनने के लिए मैं तैयारी करती रहूंगी.
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उन्होंने आगे कहा, साल 2021 बहुत उतार-चढ़ाव वाला रहा, जिसमें बहुत उत्साह, अनुभव, सीख और झटके थे. कुल मिलाकर जब मैं चीजों को देखती हूं, तो मैं हमेशा इसे सकारात्मक तरीके से लेती हूं. दुनिया 100 साल में सबसे खतरनाक महामारी से गुजर रही है, लेकिन हमने इंसानों के रूप में बहुत कुछ सीखा है.
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उन्होंने कहा, एक मार्शल आर्टिस्ट के रूप में साल 2021 मेरे लिए अब तक के सबसे अच्छे साल में से एक था और यह मुझे आगे बढ़ने में मदद करेगा. जीत और हार सभी ने मुझे कुछ सिखाया है.
फोगाट ने साल 2021 में पांच बार कड़ा मुकाबला किया, जिसमें तीन में जीत और दो में हार का सामना करना पड़ा. वहीं, दूसरी हार अप्रैल में वियतनामी-अमेरिकी बी गुयेन से थी. फोगट ने साल की शुरुआत एक सकारात्मक जीत के साथ सकारात्मक तरीके से करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.