नई दिल्ली: भारतीय टेनिस दिग्गज लिएंडर पेस ने शुक्रवार को कहा कि देश की 80 से 90 प्रतिशत प्रतिभा का दोहन नहीं हुआ है. क्योंकि खेल बड़े शहरों और महानगरों तक ही सीमित है.
उन्होंने कहा, अंकिता रैना और सुमित नागल जैसे खिलाड़ियों के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है, जो अपनी प्रतिभा को बरकरार रखते हैं. भारी आर्थिक तंगी के बावजूद बड़े-बड़े आयोजनों में खेलने का सपना जिंदा है.
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आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में, आठ पुरुष युगल और 10 मिश्रित युगल ग्रैंड स्लैम खिताब के विजेता पेस ने कहा, मुझे लगता है कि हमारी 80-90 प्रतिशत प्रतिभा अप्रयुक्त है. मैं ऐसा इसलिए कहता हूं, क्योंकि अधिकांश टेनिस बड़े शहरों और महानगरों में खेल खेले जाते हैं. मुझे लगता है कि टीयर- 2, टीयर- 3 शहर और ग्रामीण इलाकों में हमारी बहुत सारी प्रतिभाएं हैं.
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उन्होंने कहा, अगर हम सात ओलंपिक पदकों को देखें, जो हमने टोक्यो 2020 में जीते हैं, हमारी प्रतिभा का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से आता है. हमारे देश में बेहतर होगा कि हम कई अलग-अलग खेलों में प्रतिभा स्काउट करें और वास्तव में अपनी प्रतिभा का पता लगाने के लिए खेल विज्ञान और खेल चिकित्सा का उपयोग करें. मेट्रो शहरों में हमारे पास जो सुविधाएं हैं, जैसे भारतीय खेल प्राधिकरण या खेलो इंडिया, का उपयोग हमारी प्रतिभा को निखारने और हमारे देश में चैंपियन बनाने के लिए किया जा सकता है.
पेस ने कहा, अंकिता और नागल जैसे युवाओं के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है और उन्होंने कहा कि दोनों महान ऊंचाइयों को हासिल कर सकते हैं और देश के लिए सम्मान जीत सकते हैं तथा अपनी विरासत को जारी रख सकते हैं.
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उन्होंने कहा, युवा अंकिता और नागल के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है. वे दोनों बहुत मेहनत करते हैं. मैं उन दोनों के लिए प्रार्थना करता हूं कि ये दो युवा चमकते सितारे महान ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकें और हमारे देश के लिए पदक जीतें और ग्रैंड स्लैम जीत सकें और उस विरासत को जारी रख सकें जो मैंने तीन दशक पहले शुरू की थी.