नई दिल्ली: साल 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के उद्घाटन के बाद से, लीग हर गुजरते साल के साथ आगे बढ़ती जा रही है. दुनिया भर के क्रिकेटर्स आईपीएल का हिस्सा बनने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. खिलाड़ी यह अच्छी तरह से जानते हैं कि इस मेगा इवेंट में अच्छा प्रदर्शन उनकी किस्मत बदल सकता है.
लेकिन कई ऐसे भी खिलाड़ी हैं, जो मैदान पर अपना हुनर दिखाने के बावजूद कहीं गुम हो गए हैं. ये सितारे क्या कर रहे हैं और किस हालत में हैं ये कोई नहीं जानता. आइए कुछ गुम हुए खिलाड़ियों पर एक नजर डालते हैं.
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मोहित शर्मा: साल 2014 में पर्पल कैप जीतने वाले सबसे शानदार तेज गेंदबाजों में से एक मोहित शर्मा को इस सीजन में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज बरिंदर सरन के साथ नई आईपीएल फ्रेंचाइजी गुजरात टाइटंस ने नेट गेंदबाज के रूप में शामिल किया है.
चेन्नई सुपर किंग्स का प्रतिनिधित्व करने वाले शर्मा साल 2014 में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में उभरे थे. उन्होंने 16 मैचों में 19.65 की औसत से 23 विकेट लिए थे. हालांकि, इस बार शर्मा (33) को आईपीएल 2022 की मेगा नीलामी में कोई खरीदार नहीं मिला.
हरियाणा के क्रिकेटर किंग्स इलेवन पंजाब में जाने से पहले साल 2013 से 2015 तक सीएसके के साथ थे. जहां उन्होंने टीम की ओर से साल 2016 से 2018 तक आईपीएल खेला था. उन्होंने साल 2019 में सीएसके में वापसी की. कुल मिलाकर, शर्मा के पास 86 आईपीएल मैचों में 92 विकेट हैं.
शर्मा, जिन्होंने 26 एकदिवसीय और आठ टी-20 मैच खेले, वे भारतीय टीम का हिस्सा थे, जिन्होंने बांग्लादेश में साल 2014 आईसीसी विश्व टी-20 फाइनल में जगह बनाई और साल 2015 एकदिवसीय विश्व कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सह-मेजबानी की. वहीं, शर्मा अब गुजरात टाइटंस में नेट बॉलर की नौकरी कर रहे हैं.
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मनप्रीत गोनी: पंजाब के इस तेज गेंदबाज ने साल 2008 में आईपीएल के उद्घाटन सत्र में सीएसके के लिए अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया. गोनी ने साल 2008 में कुछ मजबूत प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बनाई, लेकिन सिर्फ उन्हें हांगकांग और बांग्लादेश के खिलाफ खेलने को मिला. वह हैदराबाद डेक्कन चार्जर्स, किंग्स इलेवन पंजाब और मुंबई इंडियंस के लिए खेले, लेकिन साल 2008 में सीएसके की टीम में दिए गए अपने प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाए.
तिरुमलासेट्टी सुमन: हैदराबाद में जन्मे तिरुमलासेट्टी सुमन, दाएं हाथ के बल्लेबाज, हैदराबाद डेक्कन चार्जर्स के लिए एक रन मशीन थे. उन्होंने साल 2009 में 237 रन बनाए और 2010 के सीजन में अपनी सफलता को दोहराया, एडम गिलक्रिस्ट की अगुवाई वाली टीम के लिए उन्होंने 307 रन बनाए. हालांकि, अगले सीजन में मुंबई इंडियंस के साथ, उन्होंने सात पारियों में सिर्फ 65 रन बनाए. उसके बाद वह अपना प्रदर्शन नहीं दिखा पाए और आईपीएल और क्रिकेट से दूर हो गए.
कामरान खान: उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज को राजस्थान रॉयल्स ने साल 2009 सीजन के लिए चुना था. रॉयल्स के इस वंडर बॉय ने दिग्गज शेन वार्न सहित सभी को अपनी गति से प्रभावित किया. 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से वह गेंदबाजी करने की क्षमता रखते थे.
उन्होंने साल 2011 में पुणे टीम में जाने से पहले 2010 तक राजस्थान रॉयल्स के साथ खेला. उत्तर प्रदेश के तेज गेंदबाज अपनी क्रिकेट प्रतिभा के लिए रातों-रात सुर्खियों में आ गए, लेकिन सुर्खियों को बटोरने के बाद वह अपना प्रदर्शन नहीं बिखेर पाए और क्रिकेट से दूर होते चले गए.
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इन नामों के अलावा और भी कई खिलाड़ी हैं, स्वप्निल असनोदकर, जो आईपीएल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले गोवा के पहले क्रिकेटर थे, मुंबई इंडियंस के बल्लेबाज पॉल वाल्थाटी, पश्चिम बंगाल के विकेटकीपर-बल्लेबाज श्रीवत्स गोस्वामी, मुंबई के स्पिनर इकबाल अब्दुल्ला 2011 में कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ वर्ष के उभरते हुए खिलाड़ी, गोवा के बाएं हाथ के स्पिनर शादाब जकाती और हरियाणा के बल्लेबाज मनविंदर बिस्ला, जो एक आशाजनक शुरुआत के बावजूद उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे.