जोहान्सबर्ग: महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर को लगता है कि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे उस भरोसे पर खरे उतरे जो उन पर दिखाया गया था और साथ ही उन्होंने कहा कि युवा प्रतिभाओं से उत्साहित हो जाना आसान होता है लेकिन टीम को अपने सीनियर खिलाड़ियों पर तब तक भरोसा दिखाना जारी रखना चाहिए जब तक वो 'खराब तरीके से आउट नहीं होने लगे'.
लगातार खराब प्रदर्शन के बाद आलोचनाओं से घिरे पुजारा और रहाणे ने बल्ले से अच्छा खेल दिखाया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में भारत की दूसरी पारी में अर्धशतक बनाये.
गावस्कर ने ‘स्टार स्पोर्ट्स’ से कहा, "वो अनुभवी हैं और उन्होंने टीम के लिये बीते समय में जो कुछ किया है, उससे टीम ने उनका समर्थन किया. उन्हें खुद पर भरोसा था कि वे अच्छा करेंगे और उन्होंने ऐसा किया भी."
उन्होंने कहा, "कभी कभार हम अपने सीनियर खिलाड़ियों के प्रति थोड़ा सख्त हो सकते हैं क्योंकि आपके पास रोमांचक युवा खिलाड़ी इंतजार कर रहे होते हैं और हम सभी उन्हें थोड़ा खेलते हुए देखना चाहते हैं."
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गावस्कर ने कहा, "लेकिन जब तक ये सीनियर खिलाड़ी अच्छा खेल रहे हैं और बुरी तरह से आउट नहीं हो रहे, तो मुझे लगता है कि हमें उन पर भरोसा दिखाना चाहिए."
नियमित कप्तान विराट कोहली टॉस से तुरंत पहले पीठ में दर्द के कारण दूसरे टेस्ट में नहीं खेल पाये थे.
उन्होंने कहा, "यह पहली बार है जब भारत ने एक टेस्ट मैच गंवाया जिसमें विराट कोहली नहीं खेले थे. उन्होंने (टीम ने) सिडनी में एक मैच ड्रॉ खेला था, वर्ना वो हमेशा जीते ही थे."
रहाणे और पुजारा की पारियों के बावजूद भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को रोक नहीं सकी, विशेषकर कप्तान डीन एल्गर को जिन्होंने महत्वपूर्ण साझेदारी से मेजबानों को श्रृंखला में 1-1 की बराबरी पर ला दिया.
गावस्कर कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल के मैदान पर खिलाड़ियों को सजाने के तरीके से प्रभावित नहीं थे. साथ ही उन्होंने भारतीय क्षेत्ररक्षण की भी आलोचना की.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि डीन एल्गर को पारी की शुरूआत में वो एक एक रन देना उनके लिये चीजें आसान कर रहा था."
गावस्कर ने कहा, "भारतीय क्षेत्ररक्षण थोड़ा अच्छा हो सकता था. लेकिन मैच दक्षिण अफ्रीका ने जीता. मुझे नहीं लगता कि भारतीयों ने इसे गंवाया बल्कि दक्षिण अफ्रीका ने यह मैच जीता."