नई दिल्ली: भारत के सीमित ओवरों के कप्तान रोहित शर्मा बाएं हैमस्ट्रिंग (मांसपेशियों में खिंचाव) की चोट से अच्छे तरीके से उबर रहे हैं. अगले महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ छह मैचों की सीमित ओवरों की सीरीज के दौरान उनके पास वापसी करने का शानदार मौका होगा.
बता दें, रोहित को दक्षिण अफ्रीका के दौरे से पहले टेस्ट टीम का उपकप्तान बनाया गया था. लेकिन टीम की रवानगी से पहले अभ्यास सत्र के दौरान उनके बाएं हैमस्ट्रिंग में खिंचाव आया और उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा. पूर्ण फिटनेस हासिल नहीं करने के कारण वह दक्षिण अफ्रीका में खेली जाने वाली एकदिवसीय सीरीज से भी बाहर हो गए.
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बीसीसीआई के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई-भाषा को बताया, राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में रोहित का रिहैबिलिटेशन काफी अच्छा चल रहा है. उनके वेस्टइंडीज सीरीज के लिए ठीक हो जाने की उम्मीद है. अहमदाबाद में 6 फरवरी को होने वाले पहले एकदिवसीय में अभी भी तीन सप्ताह का समय है. वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में तीन एकदिवसीय और इतने ही टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जाएंगे. एक दिवसीय मैच 6 से 12 फरवरी तक खेले जाएंगे, जबकि टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच 15 से 20 फरवरी तक खेले जाएंगे.
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बता दें, रोहित पिछले काफी समय से हैमस्ट्रिंग की समस्या से जूझ रहे हैं. वह इसी कारण से साल 2020-21 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सीमित ओवर की सीरीज के बाद शुरुआती दो टेस्ट मैच की टीम से बाहर हो गए थे. बीसीसीआई की मौजूदा नीति के अनुसार, प्रत्येक खिलाड़ी को वापसी से पहले एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) में अनिवार्य रूप से फिटनेस टेस्ट कराकर फिट टू प्ले (खेलने के लिए फिट) का प्रमाण पत्र हासिल करना होता है. इस प्रक्रिया के बाद ही चयन समिति को खिलाड़ी की उपलब्धता के बारे में सूचित किया जाता है.
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विराट कोहली ने अब टेस्ट प्रारूप से भी कप्तानी छोड़ दी है. ऐसे में रोहित के लिए अब चोट से बचकर रहना और अधिक जरूरी है. हाल के साल में रोहित सभी प्रारूपों में टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों खिलाड़ियों में से एक रहे हैं. माना जाता है कि उन्हें टीम के सभी खिलाड़ियों का समर्थन भी हासिल है. आईपीएल में मुंबई इंडियंस की कमान संभालने वाले रोहित की कप्तानी की शैली की तुलना महेन्द्र सिंह धोनी की शैली से की जाती है.
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सूत्र ने कहा, बीसीसीआई के द्वारा अगले युवा कप्तान का नाम को तय करने से पहले रोहित शर्मा कम से कम चार-पांच साल तक टीम का नेतृत्व कर सकते हैं. उन्होंने कहा, आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के मौजूदा चक्र में टीम की कमान किसी ऐसे अनुभवी हाथों में देने के बारे में सोचना चाहिए, जिसने खुद को ऐसी भूमिका में साबित किया है.