कटक: अचानक से कप्तानी की जिम्मेदारी दिए जाने के बाद ऋषभ पंत को पहले ही मैच में हार का सामना करना पड़ा, जिसमें डेविड मिलर और रासी वान डर डुसेन ने बिना किसी परेशानी के 212 रन का मुश्किल लक्ष्य हासिल कर अपनी टीम को सीरीज में 1-0 से बढ़त दिला दी. पंत के लिए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) भी इतनी अच्छी नहीं रही थी, जिसमें वह अपनी फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स को प्लेऑफ तक नहीं पहुंचा सके.
भविष्य के सफेद गेंद के कप्तान पर देखे जा रहे पंत की दावेदारी का ग्राफ आईपीएल के बाद अचानक से नीचे आ गया. इसके साथ ही हार्दिक पांड्या ने कप्तानी में बेहतर प्रदर्शन किया और अपनी अगुआई में कमाल दिखाकर गुजरात टाइटंस को पदार्पण सत्र में खिताब दिला दिया. पूर्ण रूप से फिट होकर लौटे तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर पांड्या ने अपनी कप्तानी के साथ अपनी फॉर्म से भी प्रभावित किया. इसे देखते हुए भारत के अगले सफेद गेंद के कप्तान के लिए पंड्या का नाम ऊपर बढ़ता जा रहा है. जबकि पंत की फिर वापसी के दौरान समीक्षा की जाएगी.
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पंत की कप्तानी के बारे में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी. लेकिन उनकी भाव-भंगिमा भी इतनी प्रभावशाली नहीं दिखी और वह कप्तानी के अपने पदार्पण में दबाव में दिखायी दिए. साथ ही उन्होंने आईपीएल के पर्पल कैप विजेता युजवेंद्र चहल को भी कम गेंदबाजी कराई. जबकि वह उप विजेता राजस्थान रॉयल्स के लिए 27 विकेट चटकाकर आ रहे हैं. कोटला में इस लेग स्पिनर ने केवल दो ओवर डाले. जहां तक पांड्या का सवाल है तो उन्होंने गुजरात टाइटंस के साथ ऐतिहासिक सफलता हासिल की. पांड्या ने भारत के लिए अंतिम मैच पिछले साल नवंबर में 2021 टी-20 विश्व कप में खेला था, जिसमें उन्होंने 12 गेंद में नाबाद 31 रन बनाकर स्कोर 200 रन के पार कराया था. लेकिन वह गेंदबाजी में प्रभावित करने में सफल नहीं रहे थे, जिसमें उन्होंने अपने एकमात्र ओवर में 18 रन लुटा दिए थे.
पंत के लिए सबसे बड़ी सरदर्दी गेंदबाजी विभाग होगी, जिसमें उन्हें अर्शदीप और तेज गेंदबाज उमरान मलिक के बीच में से किसी एक को चुनने का फैसला करना होगा. जहां तक बल्लेबाजी का सवाल है तो यह बिलकुल परफेक्ट दिखती है. लेकिन नए लुक वाला तेज गेंदबाजी विभाग सीरीज के पहले मैच में सपाट दिखा. सीनियर तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार में पुरानी तेजी नहीं दिखी और उन्होंने अंतिम ओवरों में रन लुटाए. जबकि हर्षल पटेल पर भी बल्लेबाजों ने रन जोड़े.
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युवा आवेश खान भी प्रभावित करने में असफल रहे, हालांकि वह इस तिकड़ी में सबसे इकोनोमिकल रहे. अर्शदीप और मलिक की जोड़ी नेट पर अपनी तेजी और सटीकता से प्रभावित करने का अथक प्रयास कर रही है, जिससे ऐसी संभावना दिख रही है कि इनमें से एक को रविवार को पदार्पण का मौका दिया जा सकता है. यह आसान काम नहीं होगा. क्योंकि एक और हार का मतलब होगा कि पंत की अगुआई वाली टीम को सीरीज जीतने के लिए लगातार तीन मैच जीतने होंगे, जो काफी मुश्किल हो जाएगा.
आईपीएल में व्यक्तिगत खिलाड़ियों की सफलता के बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम अब लय में आ रही है. मिलर अपनी करियर की शानदार फॉर्म में हैं, जिन्होंने आईपीएल में 484 रन जुटाकर गुजरात टाइटंस की जीत में अहम भूमिका अदा की थी. उन्होंने इसी तर्ज पर सीरीज की शुरुआत की और कोटला पर वह स्पिन और तेज गेंदबाजों के खिलाफ खतरनाक दिखायी दिए. क्विंटन डि कॉक अपनी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल सके, लेकिन लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए इस बल्लेबाज ने आईपीएल में 508 रन बनाए थे और वह यहां इसी फॉर्म को जारी रखना चाहेंगे.
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वान डर डुसेन का स्ट्राइक रेट भी काफी अच्छा है, जिससे यह तिकड़ी दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी की रीढ़ है. जबकि कागिसो रबाडा और एनरिच नोर्किया भारतीय बल्लेबाजों को ज्यादा रन जुटाने से रोकना चाहेंगे.
भारतीय टीम: ऋषभ पंत (कप्तान और विकेटकीपर), रूतुराज गायकवाड़, ईशान किशन, दीपक हुड्डा, श्रेयस अय्यर, दिनेश कार्तिक, हार्दिक पांड्या, वेंकटेश अय्यर, युजवेंद्र चहल, अक्षर पटेल, रवि बिश्नोई, भुवनेश्वर कुमार, हर्षल पटेल, आवेश खान, अर्शदीप सिंह और उमरान मलिक.
दक्षिण अफ्रीका टीम: तेम्बा बावुमा (कप्तान), क्विंटन डि कॉक (विकेटकीपर), रीजा हेंड्रिक्स, हेनरिच क्लासेन, केशव महाराज, ऐडन मार्कराम, डेविड मिलर, लुंगी एनगिडी, एनरिच नोर्किया, वेन पोर्नेल, ड्वेन प्रिटोरियस, कागिसो रबाडा, तबरेज शम्सी, ट्रिस्टन स्टब्स, रासी वान डर डुसेन और मार्को यानसेन.