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क्या सिराज के विकल्प के रूप में उमेश पर इशांत का पलड़ा है भारी?

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेले जा रहे तीन टेस्ट मैचों की सीरीज एक-एक से बराबरी पर है. भारतीय टीम के दूसरा टेस्ट हारने के बाद थोड़ी बहुत उठापटक का दौर जारी है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि मोहम्मद सिराज के विकल्प के रूप में उमेश यादव से अच्छे इशांत शर्मा हो सकते हैं.

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Published : Jan 8, 2022, 8:27 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय टीम प्रबंधन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के निर्णायक और अंतिम टेस्ट मैच के लिए जब मैदान में टीम उतारेगी तो चोटिल मोहम्मद सिराज की जगह के लिए इशांत शर्मा का अनुभव उमेश यादव के शानदार आउटस्विंगर डालने की क्षमता पर भारी पड़ सकता है. दूसरे टेस्ट के पहले दिन गेंदबाजी के दौरान सिराज की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था, जिसके कारण वह पूरे मैच के दौरान सिर्फ 15.5 ओवर ही गेंदबाजी कर सके थे.

ऐसे में कोच राहुल द्रविड़ ने स्वीकार किया कि उनकी चोट ने चौथी पारी में 240 रनों का बचाव करते हुए टीम की रणनीति को प्रभावित किया. भारतीय टीम 11 जनवरी को न्यूलैंड्स में खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट मैच के लिए जब मैदान में उतरेगी तो उसके पास सिराज के विकल्प के रूप में दो अनुभवी गेंदबाज मौजूद होंगे. इसमें 33 साल के इशांत सर्वश्रेष्ठ लय में नहीं हैं. लेकिन उन्हें 100 से ज्यादा टेस्ट मैचों का अनुभव है. वहीं, दूसरा विकल्प 34 साल के उमेश यादव का है, जिनके नाम 51 टेस्ट हैं और हाल के दिनों में उनका प्रदर्शन इशांत से बेहतर रहा है. लेकिन उम्र बढ़ने के साथ उनकी गति में गिरावट आई है.

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अगले मैच में उम्मीद है कि कप्तान विराट कोहली चोट से वापसी करेंगे. इस बात की संभावना अधिक है कि वह और कोच द्रविड़ दिल्ली के तेज गेंदबाज को उमेश पर तरजीह देंगे. इसका सबसे बड़ा कारण यह हो सकता है कि इशांत का कद छह फीट तीन इंच है और उनकी लंबाई दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को परेशान कर सकती है. दक्षिण अफ्रीका के लंबे कद के गेंदबाज मार्को जानसेन और डुआने ओलीवियर इस सीरीज में इसका फायदा उठाने में सफल रहे हैं.

द्रविड़ ने कहा था, ऐसा लगा जैसे गेंद उनके लिए थोड़ा अधिक हरकत कर रही थी. इसका कारण उनके गेंदबाजों का लंबा कद हो सकता है. यहां तक कि चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने भी इस बात पर सहमति जताई कि इशांत को मौका मिलना चाहिए. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, हमें जोहान्सबर्ग में एक लंबे तेज गेंदबाज की कमी महसूस हुई. हमारे पास केवल इशांत हैं. इस तरह की पिचों पर मैं उन्हें उमेश से आगे रखूंगा. अगर यह एक भारतीय पिच होती तो उमेश पहली पसंद होते.

यह भी पढ़ें: पांचवें टेस्ट से पहले इंग्लैंड को लग सकता है बड़ा झटका

भारत के पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने कहा, यह वास्तव में एक मुश्किल फैसला होग, जिन्हें लगता है कि पिछले कुछ मैचों में इशांत के खराब लय में होने के बावजूद, उन्हें अभी भी न्यूलैंड्स में तरजीह मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, मैं यह नहीं कह सकता कि कोहली को इशांत की काबिलियत पर उतना भरोसा है या नहीं जो साल 2019 तक था.

दासगुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, इशांत को लंबाई का फायदा मिलेगा, वह इसका फायदा उठाते हुए ऐसी जगह गेंद को टप्पा कराएंगे जहां से बल्लेबाजों को परेशानी होगी. वह लंगी स्पैल डालकर बल्लेबाजों को लंबे समय तक बांधे रख सकते हैं. उन्होंने कहा, न्यूलैंड्स समुद्र के किनारे है और पर्थ के वाका मैदान की तरह केपटाउन में भी स्विंग गेंदबाजों को मदद मिलेगी. यहां गेंद थोड़ी देर से स्विंग होती है.

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उन्होंने कहा, न्यूलैंड्स स्टेडियम समुद्र के किनारे है और ऐसे समय होते हैं जब ज्वार (हाई टाइड) होता है और उस स्थिति में हवा की मदद से पिच से गेंद अधिक तेजी से निकलती है. हवा में अधिक नमी से कई बार गेंदबाजों को मदद मिलती है. उन्होंने कहा, कम ज्वार ( भाटा या लो टाइड) के मामले में बिल्कुल विपरीत स्थिति होती है. जब तापमान ज्यादा होता है तो गेंदबाजों को अधिक मदद नहीं मिलती. लेकिन दोनों ही मामले में इशांत बेहतर गेंदबाज हैं.

नई दिल्ली: भारतीय टीम प्रबंधन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के निर्णायक और अंतिम टेस्ट मैच के लिए जब मैदान में टीम उतारेगी तो चोटिल मोहम्मद सिराज की जगह के लिए इशांत शर्मा का अनुभव उमेश यादव के शानदार आउटस्विंगर डालने की क्षमता पर भारी पड़ सकता है. दूसरे टेस्ट के पहले दिन गेंदबाजी के दौरान सिराज की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था, जिसके कारण वह पूरे मैच के दौरान सिर्फ 15.5 ओवर ही गेंदबाजी कर सके थे.

ऐसे में कोच राहुल द्रविड़ ने स्वीकार किया कि उनकी चोट ने चौथी पारी में 240 रनों का बचाव करते हुए टीम की रणनीति को प्रभावित किया. भारतीय टीम 11 जनवरी को न्यूलैंड्स में खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट मैच के लिए जब मैदान में उतरेगी तो उसके पास सिराज के विकल्प के रूप में दो अनुभवी गेंदबाज मौजूद होंगे. इसमें 33 साल के इशांत सर्वश्रेष्ठ लय में नहीं हैं. लेकिन उन्हें 100 से ज्यादा टेस्ट मैचों का अनुभव है. वहीं, दूसरा विकल्प 34 साल के उमेश यादव का है, जिनके नाम 51 टेस्ट हैं और हाल के दिनों में उनका प्रदर्शन इशांत से बेहतर रहा है. लेकिन उम्र बढ़ने के साथ उनकी गति में गिरावट आई है.

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अगले मैच में उम्मीद है कि कप्तान विराट कोहली चोट से वापसी करेंगे. इस बात की संभावना अधिक है कि वह और कोच द्रविड़ दिल्ली के तेज गेंदबाज को उमेश पर तरजीह देंगे. इसका सबसे बड़ा कारण यह हो सकता है कि इशांत का कद छह फीट तीन इंच है और उनकी लंबाई दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को परेशान कर सकती है. दक्षिण अफ्रीका के लंबे कद के गेंदबाज मार्को जानसेन और डुआने ओलीवियर इस सीरीज में इसका फायदा उठाने में सफल रहे हैं.

द्रविड़ ने कहा था, ऐसा लगा जैसे गेंद उनके लिए थोड़ा अधिक हरकत कर रही थी. इसका कारण उनके गेंदबाजों का लंबा कद हो सकता है. यहां तक कि चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने भी इस बात पर सहमति जताई कि इशांत को मौका मिलना चाहिए. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, हमें जोहान्सबर्ग में एक लंबे तेज गेंदबाज की कमी महसूस हुई. हमारे पास केवल इशांत हैं. इस तरह की पिचों पर मैं उन्हें उमेश से आगे रखूंगा. अगर यह एक भारतीय पिच होती तो उमेश पहली पसंद होते.

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भारत के पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने कहा, यह वास्तव में एक मुश्किल फैसला होग, जिन्हें लगता है कि पिछले कुछ मैचों में इशांत के खराब लय में होने के बावजूद, उन्हें अभी भी न्यूलैंड्स में तरजीह मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, मैं यह नहीं कह सकता कि कोहली को इशांत की काबिलियत पर उतना भरोसा है या नहीं जो साल 2019 तक था.

दासगुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, इशांत को लंबाई का फायदा मिलेगा, वह इसका फायदा उठाते हुए ऐसी जगह गेंद को टप्पा कराएंगे जहां से बल्लेबाजों को परेशानी होगी. वह लंगी स्पैल डालकर बल्लेबाजों को लंबे समय तक बांधे रख सकते हैं. उन्होंने कहा, न्यूलैंड्स समुद्र के किनारे है और पर्थ के वाका मैदान की तरह केपटाउन में भी स्विंग गेंदबाजों को मदद मिलेगी. यहां गेंद थोड़ी देर से स्विंग होती है.

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उन्होंने कहा, न्यूलैंड्स स्टेडियम समुद्र के किनारे है और ऐसे समय होते हैं जब ज्वार (हाई टाइड) होता है और उस स्थिति में हवा की मदद से पिच से गेंद अधिक तेजी से निकलती है. हवा में अधिक नमी से कई बार गेंदबाजों को मदद मिलती है. उन्होंने कहा, कम ज्वार ( भाटा या लो टाइड) के मामले में बिल्कुल विपरीत स्थिति होती है. जब तापमान ज्यादा होता है तो गेंदबाजों को अधिक मदद नहीं मिलती. लेकिन दोनों ही मामले में इशांत बेहतर गेंदबाज हैं.

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