नई दिल्ली : भारतीय महिला अंडर19 टीम के वर्ल्डकप चैपिंयन बनने पूर्व क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा ने सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने टीम की तारीफ करते हुए कहा कि वर्ल्डकप ट्रॉफी को हासिल करने के लिए सभी प्लेयर्स ने कड़ी मेहनत की है. उन्होंने इस जीत को विशेष रूप से भारतीय महिला क्रिकेट के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया है. क्योंकि पहली बार किसी महिला टीम ने विश्वकप जीता है. अंजुम चोपड़ा ने कहा कि 'महिला क्रिकेट के लिए यह एक बहुत ही खास पल है. ऐसा नहीं है कि हमने विश्वकप नहीं जीता है. हमारी मेन्स टीम और हमारे लड़कों की टीम ने यह पहले किया है. लेकिन हमारी महिलाओं के लिए यह पहली बार है जब कोई विश्वकप जीता गया है. यह पूरी बिरादरी के लिए बहुत गर्व का क्षण है.'
अंजुम चोपड़ा ने टीवी शो में कहा कि 'भारत में क्रिकेट खेलने का यह अच्छा समय हैं. महिला क्रिकेट के लिए कई सारे कदम भी उठाए गए हैं. पिछले 10-15 महीनों से ये सभी महिला खिलाड़ी प्रशिक्षण शिविरों में रही हैं और सभी ने विश्वकप जीतने के लिए बहुत प्रयास किए हैं. यह क्षण सभी को याद रहेगा और वे भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए खेलने से चूकेंगे. अंजुम ने कहा कि उन्हें अब ऐसा लग रहा है कि काश हम छोटे बच्चे होते तो एक बार फिर से खेलने का मौका मिलता. वे अब ऐसा महसूस करती हैं कि जैसे उन्होंने यह विश्वकप जीता है. 29 जनवरी को पोटचेफस्ट्रूम में शेफाली वर्मा की टीम ने शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन किया.
टीम इंडिया ने इंग्लैंड को केवल 68 रनों पर ही समेट दिया था. भारतीय टीम की तेज गेंदबाज तितास साधु, ऑफ स्पिनर अर्चना देवी और लेग स्पिनर पार्शवी चोपड़ा अपनी लाइन और लेंथ में सटीक थीं. इन्होंने दो-दो विकेट झटके थे, जबकि शेफाली, मन्नत कश्यप और सोनम यादव ने एक-एक विकेट लिया था. इसके बाद टीम इंडिया 69 रनों के टारगेट को पूरा करने के लिए बल्लेबाजी करने उतरी थी. वहीं, पहले चार ओवरों में शेफाली और श्वेता सहरावत आउट हो गईं. लेकिन सौम्या तिवारी और गोंगाडी तृषा ने 46 रन की साझेदारी कर 14 ओवरों में लक्ष्य को हासिल कर लिया. भारतीय महिला टीम ने पहला विश्वकप खिताब अपने नाम किया.