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पिता थे पहले कोचः इन गलियों-खेतों में शमी ने सीखी स्विंग गेंदबाजी, World Cup में ढाह रहे कहर - UP News

ICC World Cup 2023 में भारत के मौजूदा तीन मैचों में गेंदबाज मुहम्मद शमी (Mohammed Shami) ने ढेरों रिकॉर्ड बना दिए. पहले मैच में इन स्विंग और दूसरे मैच में आउट स्विंग से कमाल करने वाले शमी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं. पढ़ें, ईटीवी संवाददाता की शमी के गांव से खास रिपोर्ट.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 4, 2023, 6:08 AM IST

Updated : Nov 4, 2023, 1:06 PM IST

क्रिकेटर मुहम्मद शमी के गांव से संवाददाता बच्चन सिंह की खास रिपोर्ट.

अमरोहाः मुहम्मद शमी आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. बच्चे से लेकर बड़े तक की जुबान पर उनका नाम है. लेकिन, उनकी इस सफलता के पीछे की कहानी क्या है ये बहुत ही कम लोग जानते हैं. ये भी कम ही लोगों को पता होगा कि शमी के पिता तौफीक अहमद अली भी क्रिकेट के शौकीन थे और तेज गेंदबाजी करते थे. लेकिन, कई बातों की वजह से शमी के पिता तौफीक अहमद अली क्रिकेट की दुनिया में कदम नहीं रख सके और खेती-किसानी करके अपने परिवार को पालते रहे.

मुहम्मद शमी ने अमरोहा के इस स्कूल से ली है प्राथमिक शिक्षा.
मुहम्मद शमी ने अमरोहा के इस स्कूल से ली है प्राथमिक शिक्षा.

शमी ने क्रिकेट विश्व कप 2023 में खेले गए अपने तीन मैचों में तहलका मचा दिया है. एक हादसे ने जब शमी की एंट्री विश्व कप 2023 की टीम इंडिया में कराई तो उन्होंने अपनी गेंदबाजी से सभी विरोधी टीमों के बल्लेबाजों को लोहे के चने चबवा दिए. बल्लेबाज उनकी गेंदबाजी के आगे टिक ही नहीं पा रहे हैं. इस रिकॉर्ड तोड़ सफलता के बाद ईटीवी भारत की टीम शमी के गांव उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद के सहसपुर अलीनगर पहुंची. यहां शमी के जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं से टीम रूबरू हुई.

मुहम्मद शमी का अमरोहा स्थित पैतृक आवास.
मुहम्मद शमी का अमरोहा स्थित पैतृक आवास.

ग्रामीणों ने बताया कि शमी के पिता तौफीक अहमद अली भी क्रिकेट के हुनरमंद और शौकीन थे. लेकिन, जिम्मेदारियों और अन्य कई कारणों से वह इसमें रम नहीं पाए. लेकिन, जब शमी पैदा हुए तो उन्होंने उसे क्रिकेट की दुनिया का बेताज बादशाह बनाने की ठान ली. शमी जब 15 साल के थे तब उनके पिता तौफीक अहमद अली ने ही उन्हें पहली बार गेंद पकड़ाई थी. क्योंकि, तौफीक अहमद अली खुद भी तेज गेंदबाजी का हुनर रखते थे.

मुहम्मद शमी ने अमरोहा में इस स्कूल से प्राप्त की प्राथमिक शिक्षा.
मुहम्मद शमी ने अमरोहा में इस स्कूल से प्राप्त की प्राथमिक शिक्षा.

शमी इस मैदान में फेंकी थी अपने जीवन की पहली गेंदः भारतीय क्रिकेटर मुहम्मद शमी के पैतृक गांव सहसपुर अलीनगर के लोगों ने बताया कि शमी लगातार विश्व कप 2023 मुकाबले में अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं. इससे पूरे गांव में खुशी का माहौल बना हुआ है. मुहम्मद शमी ने इसी गांव से क्रिकेट की शुरुआत की थी. शमी को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था. हमें गर्व है कि गांव का एक लड़का हमारे देश के काम आया और वह अच्छी गेंदबाजी करके गांव का नाम रोशन कर रहा है.

अमरोहा के सहसपुर अलीनगर गांव में स्थित मुहम्मद शमी का फार्म हाउस.
अमरोहा के सहसपुर अलीनगर गांव में स्थित मुहम्मद शमी का फार्म हाउस.

शमी ने किस स्टेडियम से की थी क्रिकेट की शुरुआतः गांव सहसपुर अलीनगर के रहने वाले शमी के ताऊ अरमान अहमद ने ईटीवी भारत को बताया कि यह वही स्टेडियम है, जहां से मुहम्मद शमी ने सबसे पहले शुरुआत की थी. शमी इसी स्टेडियम में खेला करता था. हालांकि अभी यहां पर कोई नहीं खेलता है. लेकिन, मुहम्मद शमी ने शुरुआत यहीं से की थी और आज हमें गर्व है कि हमारा बेटा हमारे देश का नाम रोशन कर रहा है और विदेशियों के छक्के छुड़ा रहा है.

अमरोहा के सहसपुर अलीनगर गांव की इस गली में है मुहम्मद शमी का पैतृक मकान
अमरोहा के सहसपुर अलीनगर गांव की इस गली में है मुहम्मद शमी का पैतृक मकान

मुहम्मद शमी के परिवार में कौन-कौनः मुहम्मद शमी का पूरा नाम मुहम्मद शमी अहमद है. उपनाम लाल जी है. उनका जन्म 3 सितंबर 1990 को हुआ था. मुहम्मद शमी के पिता का नाम तौसीफ अहमद अली, माता का नाम अंजूम आरा, भाई मुहम्मद कैफ, बेटी आयरा शमी, पत्नी हसीन जहां(मॉडल). मां अंजुम आरा पैतृक गांव में ही रहती हैं.

शमी के कोच का क्या है नामः मुहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी हैं, जिन्होंने शमी को क्रिकेट की दुनिया में उतार और इतना बड़ा बनाया. मुहम्मद शमी दाएं हाथ के गेंदबाद और बल्लेबाज हैं, जिन्होंने अपनी तेज गेंदबाजी से देश का नाम रोशन किया है. कई बार उनका बल्ला भी चमका है.

कैसे हुई मुहम्मद शमी की टीम इंडिया में एंट्रीः विश्व कप 2023 के शुरुआती मैचों में मुहम्मद शमी टीम इंडिया की प्लेइंग इलेविन में शामिल नहीं थे. लेकिन, इंडिया और बांगलादेश के मैच में जब हार्दिक पांड्या चोटिल हो गए और आगे के मैच में वे खेल पाने की स्थिति में नहीं रहे तब मुहम्मद शमी की एंट्री हुई. शमी ने विश्व कप 2023 में पहला मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला और पहली ही गेंद पर विकेट लेकर अपने इरादे बता दिए.

तीन मैच 14 विकेटः मुहम्मद शमी अपने दमदार प्रदर्शन के बूते विश्व कप 2023 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं. शमी अब तक खेले गए तीन मैच में 14 विकेट ले चुके हैं. जिसमें दो बार वे पांच विकेट हॉल में भी शामिल हुए हैं. उनके इस प्रदर्शन से उनके गांव के लोगों में काफी खुशी है. ईटीवी भारत से बात करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि वर्ल्ड कप में मोहम्मद शमी ने श्रीलंका के खिलाफ पांच ओवर में पांच विकेट लेकर देश और गांव का नाम रोशन किया है.

पांच ओवर में 5 विकेटः गुरुवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में भारतीय टीम ने 358 रनों का टारगेट श्रीलंका को दिया था. इसके जवाब में श्रीलंकाई टीम 19.4 ओवर में मात्र 55 रन पर ही सिमट गई. 302 रन से मैच जीतकर भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई है. जबकि श्रीलंका रेस से बाहर हो गई है. भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मुहम्मद शमी ने पांच ओवर में पांच विकेट झटके. शमी लगातार मुकाबले में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसको लेकर उनके गांव में खुशी का माहौल बना हुआ है.

ये भी पढ़ेंः मोहम्मद शमी ने 2 भारतीय दिग्गजों को पछाड़ किया कमाल, अब स्टार्क को पीछे छोड़ने की है तैयारी

क्रिकेटर मुहम्मद शमी के गांव से संवाददाता बच्चन सिंह की खास रिपोर्ट.

अमरोहाः मुहम्मद शमी आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. बच्चे से लेकर बड़े तक की जुबान पर उनका नाम है. लेकिन, उनकी इस सफलता के पीछे की कहानी क्या है ये बहुत ही कम लोग जानते हैं. ये भी कम ही लोगों को पता होगा कि शमी के पिता तौफीक अहमद अली भी क्रिकेट के शौकीन थे और तेज गेंदबाजी करते थे. लेकिन, कई बातों की वजह से शमी के पिता तौफीक अहमद अली क्रिकेट की दुनिया में कदम नहीं रख सके और खेती-किसानी करके अपने परिवार को पालते रहे.

मुहम्मद शमी ने अमरोहा के इस स्कूल से ली है प्राथमिक शिक्षा.
मुहम्मद शमी ने अमरोहा के इस स्कूल से ली है प्राथमिक शिक्षा.

शमी ने क्रिकेट विश्व कप 2023 में खेले गए अपने तीन मैचों में तहलका मचा दिया है. एक हादसे ने जब शमी की एंट्री विश्व कप 2023 की टीम इंडिया में कराई तो उन्होंने अपनी गेंदबाजी से सभी विरोधी टीमों के बल्लेबाजों को लोहे के चने चबवा दिए. बल्लेबाज उनकी गेंदबाजी के आगे टिक ही नहीं पा रहे हैं. इस रिकॉर्ड तोड़ सफलता के बाद ईटीवी भारत की टीम शमी के गांव उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद के सहसपुर अलीनगर पहुंची. यहां शमी के जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं से टीम रूबरू हुई.

मुहम्मद शमी का अमरोहा स्थित पैतृक आवास.
मुहम्मद शमी का अमरोहा स्थित पैतृक आवास.

ग्रामीणों ने बताया कि शमी के पिता तौफीक अहमद अली भी क्रिकेट के हुनरमंद और शौकीन थे. लेकिन, जिम्मेदारियों और अन्य कई कारणों से वह इसमें रम नहीं पाए. लेकिन, जब शमी पैदा हुए तो उन्होंने उसे क्रिकेट की दुनिया का बेताज बादशाह बनाने की ठान ली. शमी जब 15 साल के थे तब उनके पिता तौफीक अहमद अली ने ही उन्हें पहली बार गेंद पकड़ाई थी. क्योंकि, तौफीक अहमद अली खुद भी तेज गेंदबाजी का हुनर रखते थे.

मुहम्मद शमी ने अमरोहा में इस स्कूल से प्राप्त की प्राथमिक शिक्षा.
मुहम्मद शमी ने अमरोहा में इस स्कूल से प्राप्त की प्राथमिक शिक्षा.

शमी इस मैदान में फेंकी थी अपने जीवन की पहली गेंदः भारतीय क्रिकेटर मुहम्मद शमी के पैतृक गांव सहसपुर अलीनगर के लोगों ने बताया कि शमी लगातार विश्व कप 2023 मुकाबले में अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं. इससे पूरे गांव में खुशी का माहौल बना हुआ है. मुहम्मद शमी ने इसी गांव से क्रिकेट की शुरुआत की थी. शमी को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था. हमें गर्व है कि गांव का एक लड़का हमारे देश के काम आया और वह अच्छी गेंदबाजी करके गांव का नाम रोशन कर रहा है.

अमरोहा के सहसपुर अलीनगर गांव में स्थित मुहम्मद शमी का फार्म हाउस.
अमरोहा के सहसपुर अलीनगर गांव में स्थित मुहम्मद शमी का फार्म हाउस.

शमी ने किस स्टेडियम से की थी क्रिकेट की शुरुआतः गांव सहसपुर अलीनगर के रहने वाले शमी के ताऊ अरमान अहमद ने ईटीवी भारत को बताया कि यह वही स्टेडियम है, जहां से मुहम्मद शमी ने सबसे पहले शुरुआत की थी. शमी इसी स्टेडियम में खेला करता था. हालांकि अभी यहां पर कोई नहीं खेलता है. लेकिन, मुहम्मद शमी ने शुरुआत यहीं से की थी और आज हमें गर्व है कि हमारा बेटा हमारे देश का नाम रोशन कर रहा है और विदेशियों के छक्के छुड़ा रहा है.

अमरोहा के सहसपुर अलीनगर गांव की इस गली में है मुहम्मद शमी का पैतृक मकान
अमरोहा के सहसपुर अलीनगर गांव की इस गली में है मुहम्मद शमी का पैतृक मकान

मुहम्मद शमी के परिवार में कौन-कौनः मुहम्मद शमी का पूरा नाम मुहम्मद शमी अहमद है. उपनाम लाल जी है. उनका जन्म 3 सितंबर 1990 को हुआ था. मुहम्मद शमी के पिता का नाम तौसीफ अहमद अली, माता का नाम अंजूम आरा, भाई मुहम्मद कैफ, बेटी आयरा शमी, पत्नी हसीन जहां(मॉडल). मां अंजुम आरा पैतृक गांव में ही रहती हैं.

शमी के कोच का क्या है नामः मुहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी हैं, जिन्होंने शमी को क्रिकेट की दुनिया में उतार और इतना बड़ा बनाया. मुहम्मद शमी दाएं हाथ के गेंदबाद और बल्लेबाज हैं, जिन्होंने अपनी तेज गेंदबाजी से देश का नाम रोशन किया है. कई बार उनका बल्ला भी चमका है.

कैसे हुई मुहम्मद शमी की टीम इंडिया में एंट्रीः विश्व कप 2023 के शुरुआती मैचों में मुहम्मद शमी टीम इंडिया की प्लेइंग इलेविन में शामिल नहीं थे. लेकिन, इंडिया और बांगलादेश के मैच में जब हार्दिक पांड्या चोटिल हो गए और आगे के मैच में वे खेल पाने की स्थिति में नहीं रहे तब मुहम्मद शमी की एंट्री हुई. शमी ने विश्व कप 2023 में पहला मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला और पहली ही गेंद पर विकेट लेकर अपने इरादे बता दिए.

तीन मैच 14 विकेटः मुहम्मद शमी अपने दमदार प्रदर्शन के बूते विश्व कप 2023 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं. शमी अब तक खेले गए तीन मैच में 14 विकेट ले चुके हैं. जिसमें दो बार वे पांच विकेट हॉल में भी शामिल हुए हैं. उनके इस प्रदर्शन से उनके गांव के लोगों में काफी खुशी है. ईटीवी भारत से बात करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि वर्ल्ड कप में मोहम्मद शमी ने श्रीलंका के खिलाफ पांच ओवर में पांच विकेट लेकर देश और गांव का नाम रोशन किया है.

पांच ओवर में 5 विकेटः गुरुवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में भारतीय टीम ने 358 रनों का टारगेट श्रीलंका को दिया था. इसके जवाब में श्रीलंकाई टीम 19.4 ओवर में मात्र 55 रन पर ही सिमट गई. 302 रन से मैच जीतकर भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई है. जबकि श्रीलंका रेस से बाहर हो गई है. भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मुहम्मद शमी ने पांच ओवर में पांच विकेट झटके. शमी लगातार मुकाबले में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसको लेकर उनके गांव में खुशी का माहौल बना हुआ है.

ये भी पढ़ेंः मोहम्मद शमी ने 2 भारतीय दिग्गजों को पछाड़ किया कमाल, अब स्टार्क को पीछे छोड़ने की है तैयारी

Last Updated : Nov 4, 2023, 1:06 PM IST
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