मुंबई: भारत से न्यूजीलैंड में बसने के बाद एजाज पटेल को क्रिकेट से लगाव हो गया. लेकिन तेज गेंदबाजी को छोड़ स्पिन गेंदबाजी करने से उनके लिए खेल के शीर्ष स्तर में प्रवेश का रास्ता तैयार हुआ.
न्यूजीलैंड में बसना और स्पिन गेंदबाजी करना दोनों ही एजाज के लिए कारगर रहे और वह टेस्ट क्रिकेट के 144 साल लंबे इतिहास में एक पारी में सभी 10 विकेट चटकाने वाले तीसरे गेंदबाज बन गए. एक तेज गेंदबाज के रूप में बड़े हो रहे एजाज की प्रतिभा तभी दिखाई दी, जब उन्होंने स्पिन गेंदबाजी करना शुरू किया.
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पांच फीट छह इंच के इस क्रिकेटर ने महसूस किया कि वह बतौर तेज गेंदबाज अच्छा नहीं कर सकेंगे, जिससे उन्होंने 20 साल की उम्र के बाद स्पिन गेंदबाजी पर ध्यान लगाना शुरू किया.
जब उनके माता पिता ने साल 1996 में मुंबई के जोगेश्वरी से न्यूजीलैंड जाने का फैसला किया था तो वह केवल आठ साल के थे. नए माहौल में उन्हें इस खेल से लगाव हो गया और वह खुद के लिए नाम कमाने की कोशिश में जुट गए. पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने एजाज की अपने जन्मस्थल पर 10 विकेट चटकाने की उपलब्धि को बिलकुल सही तरह से बयां किया.
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मुंबई में जन्में न्यूजीलैंड के एजाज एक पारी में सभी 10 विकेट चटकाकर शनिवार को जिम लेकर और अनिल कुंबले की बराबरी पर पहुंच गए. उन्होंने साथ ही न्यूजीलैंड के गेंदबाज के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में महान खिलाड़ी रिचर्ड हैडली के रिकार्ड को भी पीछे छोड़ दिया. हैडली ने साल 1985 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 52 रन देकर नौ विकेट झटके थे.
उस क्रिकेटर के लिए यहां तक पहुंचना किसी कारनामे से कम नहीं है, जिसे यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं हो कि जब टेस्ट क्रिकेट में उन्हें पहली बार गेंद सौंपी गई थी तो उनके हाथ कांप रहे थे. क्रिकेट जगत ने 33 साल के इस बाएं हाथ के स्पिनर की शानदार उपलब्धि की प्रशंसा की और उनके परिवार के सदस्यों ने भी जो अब भी जोगेश्वरी में रह रहे हैं.
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एजाज के परिवार का जोगेश्वरी में एक घर है. उनकी मां ओशिवारा के निकट एक स्कूल में पढ़ाया करती थीं, जबकि उनके पिता 'रेफ्रीजरेशन' व्यवसाय से जुड़े थे. एजाज के बड़े चचरे भाई ओवेस पटेल यहां रहते हैं. उन्होंने पीटीआई से कहा, यह पूरे परिवार के लिए गर्व का पल है. हम अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन यह अद्भुत है. दुखद है कि मैं उसकी उपलब्धि को देखने के लिए मैदान पर नहीं था. मुझे काम के लिए ऑफिस आना था, इसलिए मैंने इसे टीवी पर ही देखा.
उन्होंने कहा, हमारे परिवार काफी करीब हैं और पिछले साल ही हम उनके न्यूजीलैंड के घर में गए थे. जब वह मुंबई में पहुंचा था तो मैंने उससे बात की थी. अभी पक्का नहीं है, लेकिन टेस्ट मैच के बाद उससे मिलने की योजना है.
कोविड-19 महामारी के आने से पहले एजाज का परिवार अकसर भारत में छु्ट्टियां बिताया करता. न्यूजीलैंड के पूर्व साथी और मुंबई इंडिंयस के तेज गेंदबाज मिशेल मैक्लेनाघन की बदौलत वह अक्सर टीम के इंडियन प्रीमियर लीग मैच देखने वानखेडे स्टेडियम आते और कुछ मौकों पर उन्होंने टीम के लिए गेंदबाजी भी की.
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एजाज ने शनिवार को भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन पिच से तेज टर्न और उछाल हासिल किया. उन्होंने न्यूजीलैंड की गेंदबाजी की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाकर घरेलू टीम को पहली पारी में 325 रन पर समेट दिया.
जब वह भारतीय बल्लेबाजी क्रम को झकझोर रहे थे, तब उनके परिवार के कुछ सदस्य स्टैंड से उनके लिए चीयर भी कर रहे थे. खेल में अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल करने से काफी समय पहले न्यूजीलैंड के पूर्व स्पिनर दीपक पटेल ने उन्हें तेज गेंदबाजी छोड़कर स्पिन गेंदबाजी करने के लिए प्रोत्साहित किया था. दीपक तब न्यूजीलैंड की अंडर-19 टीम के कोच थे.
न्यूजीलैंड में ऐजाज ने अपना करियर आकलैंड के साथ शुरू किया. लेकिन सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट्स क्रिकेट टीम के साथ खेलने के बाद ही इस खिलाड़ी ने अपने कौशल का प्रदर्शन करना शुरू किया.
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एजाज आकलैंड ए के साथ खेलते थे, लेकिन इतने सफल नहीं हुए. लेकिन सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट्स के साथ वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में आए और फिर साल 2012 में पदार्पण किया. उन्होंने इसी साल अपना टी-20 पदार्पण किया. लेकिन 50 ओवर का क्रिकेट खेलने के लिए उन्हें तीन और साल इंतजार करना पड़ा.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्हें सफलता घरेलू स्तर के प्रदर्शन की बदौलत ही मिली. एजाज ने लगातार विकेट झटकना जारी रखा और अंत में उन्हें साल 2018 में न्यूजीलैंड की टीम में शामिल किया गया, जिसमें उनके 16 बार पांच विकेट और तीन बार 10 विकेट चटकाने का अहम योगदान रहा.
यह सब काफी कड़ी मेहनत और पहले से ही स्थापित मिशेल सैंटनर और ईश सोढी जैसे खिलाड़ियों से मिली कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद हुआ. लेकिन एक बार शीर्ष स्तर पर पैर जमाने के बाद वह आगे ही बढ़ते गए.