गोरखपुर: शेरनी दस्ता और एंटी रोमियो स्क्वाड के बावजूद लड़कियों के साथ छेड़खानी और मारपीट की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं. बात करें गोरखपुर की तो यहां की एक छात्रा ने मनबढ़ शोहदों की वजह से अपनी बीएड की पढ़ाई तक छोड़ दी. उसके ऊपर इन लोगों ने हमला भी किया और मारपीट भी की. बावजूद इसके उसकी गुहार न तो स्थानीय थाने की पुलिस सुन रही है और न ही बड़े अधिकारी. वह थक हारकर गोरखपुर प्रेस क्लब पहुंची और मीडिया से अपनी गुहार लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के शहर में उसके साथ यह घटना हो रही है. उसने कई बार पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को भी अवगत कराने का प्रयास किया. लेकिन, उसकी थाने में सुनवाई होने के बजाय थाने के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा डांटकर भगा दिया गया. अपनी आपबीती बताते हुए वह रोने लगी. उसने अपने साथ घटी घटना का वीडियो भी मीडियाकर्मियों के सामने रखा. इसमें उसके साथ हुई बदसलूकी साफ दिखाई देती है. उसकी मेडिकल रिपोर्ट भी पुलिस नहीं देख रही और न ही मुकदमा लिख रही है.
शाहपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली इस युवती को सरकार की किसी पहल या योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. युवती ने बताया की शोहदों की छेड़खानी से तंग होकर उसने अपनी बीएड की पढ़ाई तक छोड़ दी. अक्टूबर 2022 से ही कुछ शोहदे उसके साथ छेड़खानी कर रहे हैं. युवती ने कहा कि जब वह घर से बाजार के लिए निकलती है तो यह शोहदे कहीं भी उसका हाथ पकड़ लेते हैं. कभी उसके कपड़े पकड़ लेते हैं. उससे अश्लील बातें भी करते हैं. इससे तंग होकर उसने B.Ed का फीस जमा करने के बावजूद पढ़ाई को छोड़ दिया. इस दहशत से वह बाजार में समान लेने नहीं जाती. युवती ने कहा कि वह महीनों से थाना और पुलिस के उच्चाधिकारियों के चक्कर लगा रही है. लेकिन, कहीं से उसे न्याय नहीं मिला.
उसने बताया कि 8 जुलाई 2023 को जब उसके पिता ने छेड़खानी का विरोध किया तो भरत, अभिजीत, रजनीश उर्फ बबलू छोटू उर्फ कुनाल ने मिलकर उसके घर में घुसकर उसे व उसके माता-पिता और उसके छोटे भाई को बुरी तरीके से मारा-पीटा. इस कारण उसका हाथ कट गया, उसकी मां और छोटे भाई को चोटें आई हैं. इसकी शिकायत उसने शाहपुर थाने पर जाकर की और मारपीट का वीडियो भी पुलिस को दिखाया. लेकिन, पुलिस ने उसकी नहीं सुनी. उल्टे पैसे लेकर पुलिस उसको ही जेल भेजने की धमकी दे रही है. युवती ने बताया कि जब मारपीट का वीडियो पुलिस को दिखाया तो पुलिस ने उसका मोबाइल छीनकर वीडियो डिलीट करने का भी प्रयास किया. वह अपनी इस पीड़ा में सीएम योगी से न्याय की उम्मीद लगाए बैठी है. वहीं, इस मामले ने शाहपुर थानाध्यक्ष मनोज पांडेय से जब संपर्क किया तो उन्होने कहा कि उन तक जब मामला आयेगा तो सुनवाई होगी. अभी जानकारी नहीं है.
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