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अमेरिका में गर्भपात कानून : ओक्लाहोमा में विवादास्पद विधेयक पर हस्ताक्षर, बाइडेन ने भी ये कहा

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Published : May 4, 2022, 12:19 PM IST

अमेरिका में गर्भपात को वैध करार देने वाले मसौदे को पलटे जाने की रिपोर्ट लीक होने के बीच ओक्लाहोमा के गवर्नर केविन स्टिट ने विवादास्पद विधेयक पर हस्ताक्षर किए. इसके तहत वह टेक्सास की श्रेणी में शामिल हो गया है जहां भ्रूण के दिल की धड़कन का पता चलने पर गर्भपात पर प्रतिबंध है.

ban into law
ओक्लाहोमा के गवर्नर केविन स्टिट

ओक्लाहोमा : अमेरिकी उच्चतम न्यायालय गर्भपात के अधिकार संबंधी 1973 के रो बनाम वेड (Roe vs Wade judgment) मामले को पलट सकती है. इस संबंधी रिपोर्ट लीक होने के बीच ओक्लाहोमा के गवर्नर केविन स्टिट ने मंगलवार को एक विवादास्पद विधेयक पर हस्ताक्षर किए. इसके तहत छह सप्ताह से अधिक समय होने पर गर्भपात करने वालों को दंडित किया जाएगा उन्हें 10 साल तक की जेल और 100,000 अमरीकी डालर तक का जुर्माने हो सकता है. यूएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ओक्लाहोमा जल्दबाजी में ऐसा कर रहे हैं.

बिल पर हस्ताक्षर करने के बाद स्टिट ने ट्वीट किया, 'एसबी 1503, ओक्लाहोमा हार्टबीट एक्ट को कानूनी बनाने वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने पर गर्व है. मैं चाहता हूं कि ओक्लाहोमा देश में सबसे अधिक जीवन-समर्थक राज्य हो क्योंकि मैं उन सभी चार मिलियन ओक्लाहोमा का प्रतिनिधित्व करता हूं जो अजन्मे शिशु की रक्षा करना चाहते हैं. ओक्लाहोमा भ्रूण के दिल की धड़कन का पता चलने पर गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने के लिए टेक्सास की श्रेणी में शामिल हो गया है. इसके मुताबिक अब गर्भावस्था के छह सप्ताह के अंदर ही गर्भपात की इजाजत होगी. टेक्सास के बाद गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने वाला वह ऐसा दूसरा प्रांत है.

बाइडेन भी मसौदा फैसले से सहमत नहीं : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी कहा कि 'मूल निष्पक्षता और हमारे कानून की स्थिरता की मांग है' कि अमेरिकी उच्चतम न्यायालय 1973 के रो बनाम वेड मामले को नहीं पलटे जिसने देशभर में गर्भपात को वैध बना दिया था. बाइडेन ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि वह गर्भपात के अधिकार को संघीय कानून में संहिताबद्ध करने के लिए काम करेंगे.

समाचार प्रतिष्ठान पॉलिटिको द्वारा सोमवार को प्रकाशित एक मसौदा राय में कहा गया कि अदालत 1973 के रो बनाम वेड मामले को पलटने के लिए तैयार है. अदालत ने लीक हुए मसौदे की सत्यता की पुष्टि की है. संबंधित मामले के फैसले को पलटने लगभग आधे राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लग जाएगा और इस साल के चुनावों में इसका बहुत बड़ा असर हो सकता है. बाइडेन ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मसौदे को न्यायाधीशों द्वारा अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा.

दरअसल अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने साल 1973 में ऐतिहासिक फैसला देते हुए गर्भपात को कानूनी मान्यता दी थी. जिसे अब एक तरह से वहां की शीर्ष अदालत ने ये कहते हुए पलट दिया है कि ऐसे कानून को न्यायिक चुनौती तो दी जा सकती है.

पढ़ें- अमेरिका में गर्भपात कानून को लेकर सड़कों पर क्यों उतरे लोग ? जानिये क्या कहता है भारत का कानून ?

(ANI)

ओक्लाहोमा : अमेरिकी उच्चतम न्यायालय गर्भपात के अधिकार संबंधी 1973 के रो बनाम वेड (Roe vs Wade judgment) मामले को पलट सकती है. इस संबंधी रिपोर्ट लीक होने के बीच ओक्लाहोमा के गवर्नर केविन स्टिट ने मंगलवार को एक विवादास्पद विधेयक पर हस्ताक्षर किए. इसके तहत छह सप्ताह से अधिक समय होने पर गर्भपात करने वालों को दंडित किया जाएगा उन्हें 10 साल तक की जेल और 100,000 अमरीकी डालर तक का जुर्माने हो सकता है. यूएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ओक्लाहोमा जल्दबाजी में ऐसा कर रहे हैं.

बिल पर हस्ताक्षर करने के बाद स्टिट ने ट्वीट किया, 'एसबी 1503, ओक्लाहोमा हार्टबीट एक्ट को कानूनी बनाने वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने पर गर्व है. मैं चाहता हूं कि ओक्लाहोमा देश में सबसे अधिक जीवन-समर्थक राज्य हो क्योंकि मैं उन सभी चार मिलियन ओक्लाहोमा का प्रतिनिधित्व करता हूं जो अजन्मे शिशु की रक्षा करना चाहते हैं. ओक्लाहोमा भ्रूण के दिल की धड़कन का पता चलने पर गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने के लिए टेक्सास की श्रेणी में शामिल हो गया है. इसके मुताबिक अब गर्भावस्था के छह सप्ताह के अंदर ही गर्भपात की इजाजत होगी. टेक्सास के बाद गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने वाला वह ऐसा दूसरा प्रांत है.

बाइडेन भी मसौदा फैसले से सहमत नहीं : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी कहा कि 'मूल निष्पक्षता और हमारे कानून की स्थिरता की मांग है' कि अमेरिकी उच्चतम न्यायालय 1973 के रो बनाम वेड मामले को नहीं पलटे जिसने देशभर में गर्भपात को वैध बना दिया था. बाइडेन ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि वह गर्भपात के अधिकार को संघीय कानून में संहिताबद्ध करने के लिए काम करेंगे.

समाचार प्रतिष्ठान पॉलिटिको द्वारा सोमवार को प्रकाशित एक मसौदा राय में कहा गया कि अदालत 1973 के रो बनाम वेड मामले को पलटने के लिए तैयार है. अदालत ने लीक हुए मसौदे की सत्यता की पुष्टि की है. संबंधित मामले के फैसले को पलटने लगभग आधे राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लग जाएगा और इस साल के चुनावों में इसका बहुत बड़ा असर हो सकता है. बाइडेन ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मसौदे को न्यायाधीशों द्वारा अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा.

दरअसल अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने साल 1973 में ऐतिहासिक फैसला देते हुए गर्भपात को कानूनी मान्यता दी थी. जिसे अब एक तरह से वहां की शीर्ष अदालत ने ये कहते हुए पलट दिया है कि ऐसे कानून को न्यायिक चुनौती तो दी जा सकती है.

पढ़ें- अमेरिका में गर्भपात कानून को लेकर सड़कों पर क्यों उतरे लोग ? जानिये क्या कहता है भारत का कानून ?

(ANI)

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