लंदन (यूके) : न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, एक भारतीय मूल के व्यक्ति ने राजद्रोह करना स्वीकार किया है. इस व्यक्ति पर आरोप है कि इसने 2021 में विंडसर कैसल में एक लोडेड क्रॉसबो से महारानी एलिजाबेथ को मारने की धमकी दी थी. अभियोजकों के अनुसार जसवंत सिंह छैल, जो उस समय 19 वर्ष के थे, को क्रिसमस के दिन 2021 को शाही निवास पर रोक दिया गया था. जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को सूचित किया कि उनका इरादा रानी को मारने का था.
छैल 1981 के बाद से यूके में राजद्रोह के लिए दोषी ठहराए जाने वाले पहले व्यक्ति हैं. लंदन के ओल्ड बेली में वीडियो-लिंक द्वारा शुक्रवार को ब्रॉडमूर अस्पताल- इंग्लैंड में एक मनोरोग सुविधा से दिखाई दिए. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अब 21 वर्षीय छैल ने देशद्रोह अधिनियम 1842 के तहत दिवंगत महारानी को मारने की धमकी देने का दोषी ठहराया. महारानी की 8 सितंबर 2022 को 94 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी.
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1842 का राजद्रोह अधिनियम तब लागू हुआ जब एक व्यक्ति ने महारानी विक्टोरिया के शासनकाल के शुरुआती वर्षों में उन पर पिस्तौल तान दी थी. अधिकारियों ने शुक्रवार को अदालत में कहा कि छैल ने एक पुलिस सुरक्षा अधिकारी से कहा कि मैं यहां रानी को मारने के लिए आया हूं. न्यूयॉर्क पोस्ट ने रिपोर्ट किया कि यह आरोप लगाया गया है कि उसने कई लोगों को एक वीडियो भेजा जिसमें उसने दावा किया गया कि वह महामहिम की हत्या करने की योजना बना रहा था.
वॉइस ऑफ अमेरिका के अनुसार, सिंह की योजना के अनुसार वह 1919 के जलियावाला बाग कांड में मारे गए भारतीयों का बदला लेने चाहता था. अभियोजकों ने कहा कि छैल ने अदालत में अपने ऊपर लगे आरोप स्वीकार करते हुए कहा कि वह जो करने जा रहा था, उसके लिए उसे खेद है. वीओए के अनुसार, एक वीडियो में छैल ने कहा था कि वह 1919 के नरसंहार में मारे गए लोगों के लिए बदला लेना चाहता है.
न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, सीपीएस स्पेशल क्राइम एंड काउंटर टेररिज्म डिवीजन के प्रमुख निक प्राइस ने पुलिस को सही समय पर हस्तक्षेप करने के लिए धन्यवाद दिया. प्राइस ने कहा कि यह एक गंभीर घटना थी, लेकिन सौभाग्य से एक दुर्लभ घटना थी. हम उन सभी के आभारी हैं जो जांच में शामिल थे.
(एएनआई)