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श्रीलंका के आर्थिक संकट का आकलन करने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल कोलंबो पहुंचा - श्रीलंका के आर्थिक संकट का आकलन

विदेश सचिव विनय क्वात्रा सहित भारत सरकार के चार वरिष्ठ अधिकारी गुरुवार को श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से मिलने और आर्थिक संकट का आकलन करने के लिए यहां पहुंचे. भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने कहा कि विदेश सचिव क्वात्रा ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ और विदेश मामलों के अतिरिक्त सचिव कार्तिक पांडेय शामिल हैं.

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Published : Jun 23, 2022, 12:57 PM IST

कोलंबो : विदेश सचिव विनय क्वात्रा सहित भारत सरकार के चार वरिष्ठ अधिकारी गुरुवार को श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से मिलने और आर्थिक संकट का आकलन करने के लिए यहां पहुंचे. भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने कहा कि विदेश सचिव क्वात्रा ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ और विदेश मामलों के अतिरिक्त सचिव कार्तिक पांडेय शामिल हैं. अपनी यात्रा के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका की वित्तीय स्थिति का आकलन करने और यह समझने की कोशिश करेगा.आकलन किया जा रहा है कि क्या इस देश को वित्तीय सहायता की एक और किस्त देने की जरूरत है.

पढ़ें: श्रीलंका : पूर्व क्रिकेटर महानामा पेट्रोल पंप पर बांट रहे चाय, बोले- हमें एक-दूसरे की देखभाल की जरूरत

प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ बातचीत करेगा. श्रीलंका 1948 में अपनी आजादी के बाद से सबसे भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. जिसके चलते वहां भोजन, दवा, रसोई गैस और ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी किल्लत हो गई है. श्रीलंका का कुल विदेशी कर्ज 51 अरब डॉलर है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह यात्रा 20 जून को नई दिल्ली में श्रीलंकाई दूत मिलिंडा मोरागोडा की विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई बैठकों के बाद तय हुई.

कोलंबो : विदेश सचिव विनय क्वात्रा सहित भारत सरकार के चार वरिष्ठ अधिकारी गुरुवार को श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व से मिलने और आर्थिक संकट का आकलन करने के लिए यहां पहुंचे. भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने कहा कि विदेश सचिव क्वात्रा ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ और विदेश मामलों के अतिरिक्त सचिव कार्तिक पांडेय शामिल हैं. अपनी यात्रा के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका की वित्तीय स्थिति का आकलन करने और यह समझने की कोशिश करेगा.आकलन किया जा रहा है कि क्या इस देश को वित्तीय सहायता की एक और किस्त देने की जरूरत है.

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प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ बातचीत करेगा. श्रीलंका 1948 में अपनी आजादी के बाद से सबसे भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. जिसके चलते वहां भोजन, दवा, रसोई गैस और ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी किल्लत हो गई है. श्रीलंका का कुल विदेशी कर्ज 51 अरब डॉलर है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह यात्रा 20 जून को नई दिल्ली में श्रीलंकाई दूत मिलिंडा मोरागोडा की विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई बैठकों के बाद तय हुई.

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