बर्मिंघम: पूरे यूरोप के कश्मीरी राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने ब्रिटेन के बर्मिंघम में 'इंटरनेशनल कश्मीर कॉन्फ्रेंस ऑन पीस, ह्यूमन राइट्स एंड काउंटर टेररिज्म' सम्मेलन में भाग लिया.
22 जून को हुए इस सम्मेलन में उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) और गिलगित-बल्तिस्तान के लोगों पर पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे अत्याचारों पर चर्चा की.
POK कार्यकर्ता शब्बीर चौधरी ने इस सम्मेलन के बारे में बात करते हुए बताया, 'POK को भले ही आजाद कश्मीर कहा जाता है, लेकिन यहां किसी तरह की आजादी नहीं है. यहां के हालात दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होते जा रहे हैं. खासकर यहां नदियों के प्रवाह के बदले जाने के कारण भारी समस्या हो रही है. इससे स्थानीय लोगों को खासी परेशानी हो रही है और उन्हें जबरन वहां से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.'
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य का वह हिस्सा है जिस पर पाकिस्तान ने 1947 में हमला कर अधिकार कर लिया था. पाकिस्तान ने इसे प्रशासनिक रूप से दो हिस्सों में बांट रखा है, जिन्हें सरकारी भाषा में आजाद जम्मू-ओ-कश्मीर और गिलगित-बल्तिस्तान कहते हैं. पाकिस्तान में आज़ाद जम्मू-ओ-कश्मीर को केवल आजाद कश्मीर भी कहते हैं. यहां के लोगों मी जीविका का मुख्य साधन कृषि, पशुपालन, पर्यटन और कालीन उद्योग हैं.