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दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के खिलाफ खतरे मौजूद, लेकिन सरकार हरसंभव कोशिश कर रही : इला गांधी

महात्मा गांधी की पोती इला गांधी ने कहा कि हालिया हिंसा के बाद दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ खतरा बना हुआ है. लेकिन सरकार इसका मुकाबला करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है.

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Published : Aug 23, 2021, 9:58 PM IST

इला गांधी
इला गांधी

जोहानिसबर्ग : महात्मा गांधी की पोती इला गांधी ने सोमवार को कहा कि हालिया हिंसा के बाद दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ खतरा बना हुआ है, लेकिन सरकार इसका मुकाबला करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है.

सात जुलाई को पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की कैद की सजा के विरोध में दो प्रांतों में लूटपाट और आगजनी की घटनाएं हुयी थीं. जुमा को अदालत की अवमानना ​​के लिए सजा सुनाई गई है.

पिछले महीने देश के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा के बारे में कुछ खबरों में कहा गया था कि हिंसा में सबसे ज्यादा नुकसान भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी लोगों को हुआ और कुछ खबरों में तो यहां तक कहां गया कि हिंसा में मारे गए 330 लोगों में से कई भारतीय मूल के थे.

गांधी ने कहा, 'यह बिल्कुल सच नहीं है. निश्चित रूप से, कई भारतीय स्वामित्व वाले व्यवसाय थे, जिन्हें लूट लिया गया था या जला दिया गया था...हमें जहां तक जानकारी है, किसी भी भारतीय पर कोई सीधा हमला नहीं हुआ था. जहां तक ​​मौतों का सवाल है, हम समझते हैं कि मारे गए लोगों में से केवल दो या तीन लोग भारतीय मूल के थे.'

उन्होंने कहा, 'मैंने यह कहा था कि दुनिया में कहीं भी किसी के द्वारा आतंकवादी हमले किसी भी समय हो सकते हैं, न कि केवल दक्षिण अफ्रीका में किसी विशेष समुदाय के खिलाफ.' वह भारतीय मीडिया में आयी कुछ खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही थीं जिनमें उनके हवाले से कहा गया था कि हमले कभी भी, कहीं भी हो सकते हैं.

पढ़ें - सिंगापुर के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात कर एशिया की अपनी यात्रा शुरू करेंगी हैरिस

गांधी ने कहा, 'हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि इस तरह के खतरे बने हुए हैं, खासकर सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा इसकी वकालत की जाती है, लेकिन हमारी सरकार इससे निपटने के लिए अपनी पूरी ताकत का उपयोग कर रही है.'

जोहानिसबर्ग : महात्मा गांधी की पोती इला गांधी ने सोमवार को कहा कि हालिया हिंसा के बाद दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ खतरा बना हुआ है, लेकिन सरकार इसका मुकाबला करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है.

सात जुलाई को पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की कैद की सजा के विरोध में दो प्रांतों में लूटपाट और आगजनी की घटनाएं हुयी थीं. जुमा को अदालत की अवमानना ​​के लिए सजा सुनाई गई है.

पिछले महीने देश के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा के बारे में कुछ खबरों में कहा गया था कि हिंसा में सबसे ज्यादा नुकसान भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी लोगों को हुआ और कुछ खबरों में तो यहां तक कहां गया कि हिंसा में मारे गए 330 लोगों में से कई भारतीय मूल के थे.

गांधी ने कहा, 'यह बिल्कुल सच नहीं है. निश्चित रूप से, कई भारतीय स्वामित्व वाले व्यवसाय थे, जिन्हें लूट लिया गया था या जला दिया गया था...हमें जहां तक जानकारी है, किसी भी भारतीय पर कोई सीधा हमला नहीं हुआ था. जहां तक ​​मौतों का सवाल है, हम समझते हैं कि मारे गए लोगों में से केवल दो या तीन लोग भारतीय मूल के थे.'

उन्होंने कहा, 'मैंने यह कहा था कि दुनिया में कहीं भी किसी के द्वारा आतंकवादी हमले किसी भी समय हो सकते हैं, न कि केवल दक्षिण अफ्रीका में किसी विशेष समुदाय के खिलाफ.' वह भारतीय मीडिया में आयी कुछ खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही थीं जिनमें उनके हवाले से कहा गया था कि हमले कभी भी, कहीं भी हो सकते हैं.

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गांधी ने कहा, 'हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि इस तरह के खतरे बने हुए हैं, खासकर सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा इसकी वकालत की जाती है, लेकिन हमारी सरकार इससे निपटने के लिए अपनी पूरी ताकत का उपयोग कर रही है.'

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